कृषि कानून वापस नहीं हुआ तो करेंगे उग्र आंदोलन
किसानों के समर्थन और कृषि कानून के विरोध में शनिवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शहर में पदयात्रा निकाली और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली।
जागरण संवाददाता, दुमका: किसानों के समर्थन और कृषि कानून के विरोध में शनिवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शहर में पदयात्रा निकाली और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली।
जिलाध्यक्ष श्यामल किशोर सिंह की अगुवाई में पदयात्रा आयुक्त कार्यालय के परिसर में पंडित जवाहर लाल नेहरू की प्रतिमा पर माल्यार्पण से शुरू हुई। हाथों में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी व कृषि मंत्री बादल पत्रलेख की तस्वीर हाथ में लेकर कार्यकर्ता यहां से आंबेडकर चौक पहुंचे। यहां से सिदो कान्हू चौक होते हुए फूलो झानो चौक गए और सभा की। पर्यवेक्षक अवधेश प्रजापति ने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्णय का विरोध थमने वाला नहीं है। सरकार को कृषि कानून वापस लेना होगा। अगर मोदी जी पैदल मार्च की परिभाषा को नहीं समझते हैं तो उग्र आंदोलन से समझाने का प्रयास किया जाएगा। कांग्रेस कानून के विरोध में इसी तरह से आवाज बुलंद करती रहेगी। सरकार को हर हाल में कानून वापस लेना होगा।
जिलाध्यक्ष ने कहा कि देश भर में किसानों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है। किसान अपना हक लिये बगैर आंदोलन समाप्त करने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पता नहीं केंद्र सरकार कानून को लागू करने के लिए इतनी परेशान क्यों है। इसका एक ही अर्थ है कि तीनों कृषि कानून किसानों की बजाय पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए तैयार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा को कांग्रेस कभी सफल होने नहीं देगी। अगर समय रहते सरकार ने बिल को वापस नहीं लिया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। कांग्रेस किसानों के साथ है और उन्हें उनका हक दिलवाकर ही शांत होगी। पदयात्रा में महेश राम चंद्रवंशी, प्रेम साह, मनोज अंबष्ठ, छवि बागची, अरबी खातून, संजीत सिंह समेत बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल थे।