संत जोसेफ स्कूल प्रबंधन को विशप ने दी क्लीन चिट
दुमका : संत जोसेफ स्कूल में ड्रग्स रैकेट चलाने और जूनियर छात्रों से उनके घरों में चोरी
दुमका : संत जोसेफ स्कूल में ड्रग्स रैकेट चलाने और जूनियर छात्रों से उनके घरों में चोरी करवा कर रुपये वसूलने के मामले में कैथोलिक मिशन के दुमका धर्मप्रांत के विशप जूलियस मरांडी ने मंगलवार को स्कूल प्रबंधन को क्लीन चिट दे दी। चर्च में बातचीत के दौरान विशप ने कहा कि अभिभावकों की तरह स्कूल के प्राचार्य को इस मामले की जानकारी देर से मिली। इस मामले में स्कूल के शिक्षक और प्राचार्य दोषी नहीं हैं। प्राचार्य को जैसे ही जानकारी मिली, उन्होंने कार्रवाई की। स्कूल प्रबंधन ने 13 सितंबर को ही दोषी पाए गए कक्षा 9 एवं 10 के दो छात्रों को स्कूल से निष्कासित कर दिया है। उन्होंने कहा कि स्कूल के आसपास शराब या ड्रग्स की कोई दुकान नहीं है, नशे की सामग्री छात्र अपने बैग में छिपाकर घर से ही लेकर आते होंगे। छात्र यह सबकुछ सीसीटीवी कैमरे की नजर से बचकर कर रहे थे और एक सप्ताह से ही यह सब चल रहा था। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय नियमों के तहत बच्चों को किसी प्रकार का दण्ड देना मना है जो सकारात्मक एवं उचित है पर इस कारण शिक्षक बच्चों के प्रति बहुत नरमी से पेश आते हैं। इस परिपेक्ष्य में शिक्षा जटिलता के साथ एक गंभीर चुनौती बन गई है। उन्होंने कहा कि प्रबंधन एवं शिक्षकों को परामर्श एवं सलाह की नई प्रणाली को अपना होगा, हम इस दिशा में काम कर रहे हैं। विशप ने कहा कि प्रबंधन के लिए स्कूल में घटित घटना दुर्भाग्यपूर्ण एवं ¨चताजनक है। 20 साल पुराना प्रतिष्ठित स्कूल है जिससे कई बैच निकल चुके हैं जो जीवन में अच्छा कर रहे हैं। इस विद्यालय की प्रतिष्ठा को पुन: स्थापित करने के लिए सुधारात्मक उपाय लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि स्कूल में छात्रों को सुरक्षित वातावरण मिल सके। वर्तमान में स्कूल में 21 सीसीटीवी कैमरे काम कर रहे हैं। इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। विशप ने बताया कि विद्यालय की ग्रिवांश समिति इस घटना की जांच कर रही है। जैसे ही कमेटी अपनी रिपोर्ट देगी, उसपर सटीक कदम उठाया जाएगा। हड़बड़ी में लिए गए निर्णय से छात्रों को नुकसान हो सकता है।