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मुख्यमंत्री से मानव तस्कर से चंगुल से बचाने की गुहार

दुमका मानव तस्करी के घटना से आहत सामाजिक कार्यकर्ता सच्चिदानंद सोरेन ने रविवार को पाकुड़ आने के क्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की और बरहेट क्षेत्र में होनेवाले मानव तस्करी से अवगत कराया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 05:59 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 05:59 PM (IST)
मुख्यमंत्री से मानव तस्कर से चंगुल से बचाने की गुहार
मुख्यमंत्री से मानव तस्कर से चंगुल से बचाने की गुहार

दुमका : मानव तस्करी के घटना से आहत सामाजिक कार्यकर्ता सच्चिदानंद सोरेन ने रविवार को पाकुड़ आने के क्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की और बरहेट क्षेत्र में होनेवाले मानव तस्करी से अवगत कराया।

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मुख्यमंत्री को बताया कि बरहेट के श्रीरामपुर गांव के एक बालक समेत साहिबगंज के दो बच्ची ठकरान सोरेन व मनीषा हेंब्रम को मानव तस्कर काम के बहाने ले गए। तीन साल बीत जाने के बाद भी उनका कोई पता नहीं चला। परिजन बच्चों की तलाश में भटक रहे हैं। जो व्यक्ति बच्चों को ले गया, उससे भी अनुरोध किया लेकिन वह कुछ बता नहीं रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री को जनसंवाद केंद्र में दर्ज करायी गई शिकायत के बारे में बताया। परिजनों ने मुख्यमंत्री से बच्चों को वापस लाने की गुहार लगाई। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि इस संबंध में जल्द ही उचित कार्रवाई की जाएगी। मानव तस्करी को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सामाजिक कार्यकर्ता ने मुख्यमंत्री को सुझाव दिया कि कि इन क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाकर पुलिस और प्रशासन गांव-गांव जाकर जाकर गुमशुदा व मानव तस्करी के शिकार ग्रामीणों की प्राथमिकी दर्ज करें। प्राथमिकी दर्ज करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए। राज्य में बाल संरक्षण आयोग का गठन किया जाए। 18 वर्ष से कम उम्र के मानव तस्करी के शिकार बच्चियों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था की जाए। मोबाइल पर भी प्राथमिकी दर्ज की जाए।


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