Move to Jagran APP

विश्वविद्यालय प्रबंधन को नहीं है छात्रों की सहूलियत का ख्याल

सिदो-कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय प्रबंधन छात्रों

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Aug 2022 06:19 PM (IST)Updated: Mon, 08 Aug 2022 06:19 PM (IST)
विश्वविद्यालय प्रबंधन को नहीं है छात्रों की सहूलियत का ख्याल
विश्वविद्यालय प्रबंधन को नहीं है छात्रों की सहूलियत का ख्याल

विश्वविद्यालय प्रबंधन को नहीं है छात्रों की सहूलियत का ख्याल

loksabha election banner

जागरण संवाददाता, दुमका : सिदो-कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय प्रबंधन छात्रों की सुविधा- सहूलियत को लेकर गंभीर नहीं है। छात्रों की शिकायत है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन छात्रों की समस्याओं को सुलझाने के बजाए

उलझा कर रखना चाहती है। कहा कि मामला चाहे दीक्षांत समारोह से जुड़ा हो या फिर खेलकूद या बस की सुविधा मुहैया कराने का हरेक मामले में छात्रों का शोषण हो रहा है। दीक्षांत समारोह में गलत मेडल और प्रशस्ति पत्र हासिल करने वाले अव्वल छात्र अब तक सही मेडल और प्रशस्ति पत्र के लिए विश्वविद्यालय का चक्कर काट रहे हैं लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। यही हाल छात्रों की सुविधा के लिए डा.लुइस मरांडी के विधायक फंड से प्राप्त बस की है। जब डा.लुइस विधायक थीं तब ही अपनी निधि से विश्वविद्यालय को छात्रों के हित में एक बस मुहैया कराई थी लेकिन यह बस धूल फांक रही है। छात्रों को इसकी सेवा मुहैया नहीं हो पा रही है। इसकी वजह से छात्रों को अधिक किराया चुकता कर विश्वविद्यालय आने-जाने की लाचारी है।

पहले एसपी महिला कालेज की छात्राओं के लिए भी चलती थी बस : पूर्व में दुमका के संताल परगना महिला महाविद्यालय की छात्राओं के लिए बस सेवा उपलब्ध थी। जब महाविद्यालय प्रबंधन की ओर से बस सेवा उपलब्ध थी तब यहां छात्राओं की संख्या भी संतोषजनक थी। शहर के चारों हिस्सों से छात्राएं कालेज पढ़ने आती थीं। लंबे अंतराल से बस की सेवा यहां भी बंद है। छात्राओं को अब लाचारी में पैदल या खुद के संसाधन से ही कालेज आना-जाना पड़ रहा है।

छात्रहित के मुद्दे पर छात्र संघ भी खामोश : छात्रहित के ऐसे मामलों में अधिकांश छात्र संगठन मौन की स्थिति में है। विश्वविद्यालय और कालेजों में छात्रों की सहूलियत के लिए बस सेवा उपलब्ध होनी चाहिए या नहीं इस पर कोई छात्र संगठन अपने स्तर से

कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। विधायक निधि से प्राप्त बस का संचालन आखिर किस परिस्थिति में नहीं हो रहा है और बस चलाने के लिए क्या किया जाना चाहिए इस पर बोलने के लिए कोई तैयार नहीं है। विश्वविद्यालय प्रबंधन भी इस मसले पर सवाल किए जाने के बाद बस टाल-मटोल का रवैया अपनाए हुए है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.