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समान वेतन की मांग पर स्वास्थ्यकर्मियों का कार्य बहिष्कार

समान कार्य के बदले समान वेतन और 13 माह का बकाया वेतन की मांग को लेकर गुरुवार को आउटसोर्सिंग के तहत काम करने वाले 350 स्वास्थ्य कर्मियों ने कार्य बहिष्कार कर धरना शुरू किया। पुराने सदर अस्पताल परिसर में विभाग के आलाधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की और मांग पूरी नहीं होने तक आंदोलन पर डटे रहने का निर्णय लिया। शुक्रवार से सभी कर्मी सिविल सर्जन कार्यालय के परिसर में धरना देंगे। संघ के अध्यक्ष वरुण कुमार ने बताया कि पिछले साल का सात और इस साल का छह माह का वेतन अभी तक नहीं मिला है। एजेंसी संचालक लगातार आश्वासन दे रहे हैं लेकिन अब आश्वासन से काम नहीं चलेगा। समान कार्य के बदले में समान वेतन देना होगा। जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी आंदोलन जारी रहेगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 05:00 PM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 05:00 PM (IST)
समान वेतन की मांग पर स्वास्थ्यकर्मियों का कार्य बहिष्कार
समान वेतन की मांग पर स्वास्थ्यकर्मियों का कार्य बहिष्कार

जागरण संवाददाता, दुमका : समान कार्य के बदले समान वेतन और 13 माह का बकाया वेतन की मांग को लेकर गुरुवार को आउटसोर्सिंग के तहत काम करने वाले 350 स्वास्थ्य कर्मियों ने कार्य बहिष्कार कर धरना शुरू किया। पुराने सदर अस्पताल परिसर में विभाग के आलाधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की और मांग पूरी नहीं होने तक आंदोलन पर डटे रहने का निर्णय लिया। शुक्रवार से सभी कर्मी सिविल सर्जन कार्यालय के परिसर में धरना देंगे।

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संघ के अध्यक्ष वरुण कुमार ने बताया कि पिछले साल का सात और इस साल का छह माह का वेतन अभी तक नहीं मिला है। एजेंसी संचालक लगातार आश्वासन दे रहे हैं लेकिन अब आश्वासन से काम नहीं चलेगा। समान कार्य के बदले में समान वेतन देना होगा। जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी आंदोलन जारी रहेगा।

अध्यक्ष ने कहा कि जिले में सभी प्रखंड में काम करने वाले 350 कर्मी हड़ताल पर है। वेतन में समानता नहीं है। चेहरे देखकर वेतन दिया जाता है। जबकि निविदा में साफ लिखा है कि आवंटन प्राप्त नहीं होने की स्थिति में भुगतान में विलंब हो सकता है। लेकिन संचालक को अपने स्तर से सभी को नियमित भुगतान करना होगा। किसी को पीएफ नंबर तक नहीं दिया जा रहा है। अभी पुराने अस्पताल से आंदोलन की शुरूआत की है लेकिन शुक्रवार से सिविल सर्जन कार्यालय परिसर में धरना दिया जाएगा। धरना में संघ के कई सदस्य के अलावा 139 कर्मी मौजूद थे। कार्य बहिष्कार से चरमराई व्यवस्था

स्वास्थ्यकर्मियों के कार्य बहिष्कार के कारण मेडिकल कालेज को छोड़कर गांव के सभी स्वास्थ्य केंद्र में सफाई बंद हो गई। मेडिकल कालेज में रोगियों को भर्ती करने के लिए स्वजनों को खुद स्ट्रेचर खींचना पड़ा। शाम को दूसरी पाली में मरीजों की ड्रेसिग रूम में मरहम पटटी नहीं हो पाई। कोरोना जांच के लिए एक ही व्यक्ति उपलब्ध रहा। कार्य बहिष्कार के कारण मेडिकल कालेज के पानी व लाइट पर भी असर पड़ेगा जबकि ईसीजी की सेवा पूरी तरह से ठप हो गई।


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