जमीन की अनुपलब्धता से अटकी है करोड़ों की योजनाएं
दुमका : स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा समेत कई अहम विभागों की आधारभूत
दुमका : स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा समेत कई अहम विभागों की आधारभूत संरचनाओं को दुरुस्त करने व निर्माण कराने के लिए जिम्मेदार झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम की कई महत्वाकांक्षी योजनाएं जमीन की अनुपलब्धता के कारण धरातल पर उतर नहीं पा रही हैं। इस मामले में निगम की सुस्ती भी बहुत हद तक जिम्मेदार है। सदर अस्पताल दुमका परिसर के तंग कमरों में चल रहा यह विभाग खुद ही आधारभूत संरचना एवं कर्मियों की कमी के कारण रुग्न है। निगम के कार्यपालक अभियंता सत्येंद्रनाथ पांडेय से मुलाकात होना सहज नहीं है। फिलहाल इस विभाग के माध्यम से दुमका में मेडिकल कॉलेज दुमका, सिदो-कान्हु मुर्मू विवि के प्रशासनिक भवन ब्लाक टू, हंसडीहा में 100 शय्या वाला हॉस्पिटल, गर्ल्स हॉस्टल गोपीकांदर, चाकलता, नारगंज में निर्माणाधीन है। विभाग के पास तीन कनीय अभियंता नित्यानंद साह, चंदन कुमार रवि, विकास कुमार एवं एक सहायक अभियंता राज कुमार राजेश के भरोसे ही विभाग के तमाम योजनाओं का क्रियान्वयन हो रहा है। इसके अलावा कार्यालय में कर्मियों की घोर कमी है। सूत्र बताते हैं कि विभाग की योजनाओं में गुणवत्ता पर भी सवाल है क्योंकि इसकी मॉनीट¨रग सही समय पर और सही ढंग से नहीं हो पा रही है। टेंडर के छह माह बाद भी जमीन की अनुपलब्धता के कारण काम शुरू नहीं
शिकारीपाड़ा में डिग्री कॉलेज और दुमका में माडल कॉलेज का निर्माण जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण टेंडर के छह माह बाद भी अटका है।
तकरीबन नौ करोड़ की लागत से बनने वाली डिग्री कॉलेज के लिए पांच एकड़ और इतनी ही राशि से बनने वाले मॉडल कॉलेज के लिए भी पांच एकड़ जमीन की जरूरत है। इसके अलावा मसलिया में प्रस्तावित आइटीआइ के लिए भी जमीन की दरकार होगी। यह भवन करोड़ों की लागत से बनना है और फिलहाल यह टेंडर की प्रक्रिया में है।