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कुश्चिरा पंचायत के बाबईखोड़ा गांव में दो माह से अंधेरा

गोपीकांदर प्रखंड के कुश्चिरा पंचायत के बाबईखोड़ा गाँव के लोग दो माह से अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। गांव के मांझीटोला में लगाया गया ट्रांसफॉर्मर दो माह से खराब है लेकिन आज तक सूचना देने के बाद भी विभाग के अधिकारी ने स्थिति जानने का प्रयास नहीं किया। ट्रांसफॉर्मर के खराब होने से बिजली और पानी दोनों ही ग्रामीणों को मिलना बंद हो गया है। कुछ दिनों तक पानी देने के बाद सोलर लेस पानी टंकी भी जवाब दे दी गई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Nov 2019 05:58 PM (IST)Updated: Tue, 05 Nov 2019 05:58 PM (IST)
कुश्चिरा पंचायत के बाबईखोड़ा गांव में दो माह से अंधेरा
कुश्चिरा पंचायत के बाबईखोड़ा गांव में दो माह से अंधेरा

गोपीकांदर : प्रखंड के कुश्चिरा पंचायत के बाबईखोड़ा गाँव के लोग दो माह से अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। गांव के मांझीटोला में लगाया गया ट्रांसफॉर्मर दो माह से खराब है लेकिन आज तक सूचना देने के बाद भी विभाग के अधिकारी ने स्थिति जानने का प्रयास नहीं किया। ट्रांसफॉर्मर के खराब होने से बिजली और पानी दोनों ही ग्रामीणों को मिलना बंद हो गया है। कुछ दिनों तक पानी देने के बाद सोलर लेस पानी टंकी भी जवाब दे दी गई। ग्रामीण चापाकल से किसी तरह पानी निकाल कर प्यास बुझा रहे हैं। हालात ये है कि ग्रामीणों के अलावा पढ़ाई करनेवाले छात्रों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। छात्र ढिबरी के सहारे किसी तरह पढ़ाई कर रहे हैं। ग्रामीणों को अंधेरे से चोरी का डर भी सता रहा है। ट्रांसफॉर्मर खराब के बारे में ग्रामीणों ने विभाग को कई बार जानकारी दी लेकिन कोई पहल नहीं हुई। गांव में 14 वें वित्त आयोग की राशि से स्ट्रीट लाइट भी लगाई गई लेकिन आज तक गांव के अंधेरे को दूर नहीं कर सकी। गांव में सोलर से संचालित जलमीनार भी दम तोड़ने के कगार पर है। लोग तीन चापाकल से प्यास बुझा रहे हैं। जलमीनार में गुणवत्तापूर्ण सामान नहीं लगाने के कारण सोलर चार्ज नहीं हो पा रही है।

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ट्रांसफॉर्मर खराब होने ज्यादा प्रभावित गांव के बच्चों को हुआ है। बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। लोगों को अंधेरे में सांप, बिच्छू का डर भी लग रहा है। ग्रामीण विभाग को सूचना देकर ट्रांसफॉर्मर जल्द ठीक करने की गुहार लगा चुके हैं।

चानेश्वर सोरेन, ग्रामीण

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50 परिवार तीन चापाकल से प्यास बुझा रहे हैं। जलमीनार लगने से ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल की आस थी। ग्रामीण जलमीनार और ट्रांसफॉर्मर खराब होने की सूचना सम्बन्धित विभाग को दी लेकिन कुछ नहीं हुआ।

- महातन टुडू, ग्रामीण


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