समर्पण भाव से सहज ही प्राप्त हो जाते हैं प्रभु: संजयानंद
जरमुंडी के हथनंगा में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान सप्ताह यज्ञ के पांचवें दिन शनिवार को शालीग्रामेश्वरनाथ से आए कथा व्यास संजयानंद महाराज ने श्रीकृष्ण की बाल लीला का मनोहारी वर्णन किया।
संवाद सहयोगी, बासुकीनाथ: जरमुंडी के हथनंगा में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान सप्ताह यज्ञ के पांचवें दिन शनिवार को शालीग्रामेश्वरनाथ से आए कथा व्यास संजयानंद महाराज ने श्रीकृष्ण की बाल लीला का मनोहारी वर्णन किया। इस दौरान मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो भजन पर श्रीकृष्ण की बाल लीला का वर्णन एवं जीवंत झांकी देखकर उपस्थित श्रद्धालु मंत्रमुग्ध होकर झूमने लगे।
कथा व्यास ने कहा कि भागवत कथा के श्रवण मात्र से ही मन के विकार दूर हो जाते हैं। समर्पण भाव से ही प्रभु मिलते हैं। भागवत कथा समस्त वेद वेदांगों का सार है। कथाव्यास ने कहा कि सभी वेद वेदांग, उपनिषद, पुराण, धर्म शास्त्रों का निचोड़ सार इसी में निहित है। श्रीमद्भागवत कथा का प्रादुर्भाव चतुश्लोकी भागवत के रूप में भगवान श्रीमन नारायण से हुआ। यह ज्ञान नारायण द्वारा ब्रह्मा जी को, ब्रह्मा जी द्वारा नारद जी को एवं नारद जी द्वारा व्यास जी को प्राप्त हुआ है। कलियुग में यह कथा मुक्ति प्रदायिनी है। कथा व्यास ने श्रद्धालुओं को भागवत कथा का रसपान कराते हुए अवतार प्रसंग पर चर्चा की।
कथा व्यास ने ब्रज में नंदोत्सव, नंद-वासुदेव संवाद, पूतना वध कथा, लीलावत उद्धार कथा, बकासुर, अघासुर, भगवान कृष्ण द्वारा कंस वध, शरद ऋतु वर्णन, गोपियों द्वारा कार्तिक मास में कृष्ण प्राप्ति के लिए व्रत कथा, भगवान द्वारा वेणु गीत वादन, गोपियों के वस्त्र हरण लीला, यज्ञ पत्नियों पर अपनी कृपा करना, ब्रज में इंद्र की पूजा बंद करा कर भगवान गोवर्धन नायक की पूजा प्रारंभ करना, एक रूप में कृष्ण व दूसरे रूप में गोवर्धन बनकर पूजन कराना, ब्रज में मूसलाधार बारिश करके व्रज को जलमग्न करने की चेष्टा करना, भगवान द्वारा गोवर्धन पर्वत को ब्रज वासियों की रक्षार्थ कनिष्ठा उंगली पर धारण कर सभी गोप गोपियों की रक्षा करना सहित अन्य प्रसंग की व्याख्या करते हुए झांकी प्रदर्शित की।
भागवत कथा में कथा व्यास ने भगवान की बाल लीला, माखन चोरी, मटकी फोड़, लीला झांकी के माध्यम से प्रस्तुति की। कार्यक्रम को सफल बनाने में भागवत कथा यज्ञ समिति के सदस्य सहित स्थानीय सभी ग्रामीण तन-मन-धन से लगे हुए हैं।