भगवान को पाने के लिए दृढ़ विश्वास हो
बासुकीनाथ बलाथर गांव में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान सप्ताह यज्ञ के तीसरे दिन शुक्रवार को पंडित फणीभूषण पाठक ने श्रद्धालुओं को भागवत कथा का रसपान कराया। इस दौरान उन्होंने बाराह अवतार का वर्णन किया। बताया कि परमात्मा जाति और बिरादरी नहीं देखते है वह तो भक्त के भाव को देखते है। जैसे विदुर के घर जाकर भगवान केले का छिलका खाया ठीक उसी तरह हम आप भी प्रभु के प्रति प्रेम भाव रखें। हम सबों के आने जाने का जीवन मृत्यु का यह चक्कर टूट जाएगा।
बासुकीनाथ: बलाथर गांव में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान सप्ताह यज्ञ के तीसरे दिन शुक्रवार को पंडित फणीभूषण पाठक ने श्रद्धालुओं को भागवत कथा का रसपान कराया। इस दौरान उन्होंने बाराह अवतार का वर्णन किया। बताया कि परमात्मा जाति और बिरादरी नहीं देखते है वह तो भक्त के भाव को देखते है। जैसे विदुर के घर जाकर भगवान केले का छिलका खाया, ठीक उसी तरह हम आप भी प्रभु के प्रति प्रेम भाव रखें। हम सबों के आने जाने का जीवन मृत्यु का यह चक्कर टूट जाएगा। कहा कि भगवान कहते हैं जो पवित्र मन से परमात्मा को याद करता है उसे वह मिल जाते है, लेकिन छल और कपट भगवान से उसे दूर कर देता है। बताया कि परमात्मा ही सर्वशक्तिमान हैं। भागवत कृपा से सुई के छेद से पूरा ब्राह्मांड आर-पार हो सकता है। उन्होंने बताया कि मन वचन एवं कर्म से भागवत के प्रति समर्पण ही भागवत है। भगवान उम्र और जाति नहीं देखते हैं, वह तो भक्त का मन देखते हैं। श्रीमद्भागवत कथा लोगों को कलियुग के प्रभाव से भी बचाता है। अहंकार मनुष्य के पतन का कारण बनता है। बताया कि भगवान को भजने के लिये ज्ञान की जरूरत नही होती है, बस प्रभु में ढृढ़ विश्वास होना चाहिए। उन्होंने हर जीवों के आत्मा में परमात्मा का वास होने की बात बतायी।