श्रावण मास कृष्णपक्ष सप्तमी तिथि पर बाबा की हुई विशेष पूजा
संवाद सहयोगी बासुकीनाथ विश्व प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ मंदिर में मंदिर के पुजारी मंदिरकर्मी एवं मंदिर प्रबंधन के द्वारा बासुकीनाथ में वर्षों से चली आ रही सभी धाíमक परंपराओं का अनवरत पालन किया जा रहा है। प्रत्येक दिवस ब्रह्म मुहूर्त में
संवाद सहयोगी, बासुकीनाथ: विश्व प्रसिद्ध बाबा बासुकीनाथ मंदिर में मंदिर के पुजारी, मंदिरकर्मी एवं मंदिर प्रबंधन के द्वारा बासुकीनाथ में वर्षों से चली आ रही सभी धाíमक परंपराओं का अनवरत पालन किया जा रहा है। प्रत्येक दिवस ब्रह्म मुहूर्त में बासुकीनाथ मंदिर के कपाट मंदिर के पुजारी के द्वारा खोले जाते हैं। उसके बाद मंदिर गर्भगृह की साफ-सफाई होने के उपरांत प्रात:कालीन पूजन, पुरोहित पूजन का कार्य होता है। उसके बाद मंदिर के पुजारी, मंदिर कर्मियों के द्वारा बाबा की विशेष पूजा की जाती है। श्रावण मास कृष्ण पक्ष सप्तमी तिथि दिन रविवार को प्रात: कालीन पूजा मंदिर के पुजारी दिनेश झा के द्वारा की गई। प्रात:कालीन पूजा के उपरांत बासुकीनाथ मंदिर के पुजारी व मंदिर र्किमयों के द्वारा बाबा बासुकीनाथ की भव्य पुष्प सज्जा हुई। इसमें पुष्प सज्जा के माध्यम से शिवलिग पर शनिदेव की आकृति उकेरी गई। यहां बता दें कि बाबा बासुकीनाथ में वर्षों से चली आ रही सभी प्राचीन परंपरा व धाíमक अनुष्ठानों का विधिवत आयोजन किया जा रहा है। दोपहर तीन बजे के करीब पुजारी द्वारा विश्राम पूजा सह श्रृंगारी पूजा संपन्न कराई। वहीं रात्रि में भी पुजारी द्वारा भव्यता पूर्वक श्रृंगार किया गया। बाबा बासुकीनाथ के अलावा सभी मंदिर प्रांगण स्थित विभिन्न देवी-देवताओं की भी पूजा अर्चना व श्रृंगार पूजा की गई।
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