जागरूकता से एड्स पर पाया जा सकता काबू
विश्व एड्स दिवस पर मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई कार्यक्रम का अयोजन नहीं किया गया। वहीं विभिन्न गैर सरकारी संस्थाओं व शैक्षणिक संस्थाओं की ओर से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को जागरूक किया गया। इस मौके पर एनएसएस व निफा के सदस्यों ने नगर थाना प्रभारी को प्रतीक चिह्न लगाया। निफा सचिव जितेंद झा ने कहा कि इस बीमारी से डरने की जरूरत नहीं है। जागरूकता की कमी होने के कारण लोग इससे डरते है। नगर थाना प्रभारी देवब्रत पोद्दार ने कहा कि जागरूकता ही एड्स का बेहतर उपाय है। लोगों को प्रभावित व्यक्ति से दूर भागने की जरूरत नहीं है। मौके पर जितेंद्र साहू भावेश रवानी अशोक कुमार सिंह सुजाता कुमारी श्री नाथ पाठक एनएसएस स्वयंसेवक तिन सोहित शशि प्रभा सोरेन जितेंद्र झा रमेश मंडल आदि मौजूद थे।
जागरण संवाददाता, दुमका : विश्व एड्स दिवस पर मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई कार्यक्रम का अयोजन नहीं किया गया। वहीं विभिन्न गैर सरकारी संस्थाओं व शैक्षणिक संस्थाओं की ओर से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को जागरूक किया गया। इस मौके पर एनएसएस व निफा के सदस्यों ने नगर थाना प्रभारी को प्रतीक चिह्न लगाया। निफा सचिव जितेंद झा ने कहा कि इस बीमारी से डरने की जरूरत नहीं है। जागरूकता की कमी होने के कारण लोग इससे डरते है। नगर थाना प्रभारी देवब्रत पोद्दार ने कहा कि जागरूकता ही एड्स का बेहतर उपाय है। लोगों को प्रभावित व्यक्ति से दूर भागने की जरूरत नहीं है। मौके पर जितेंद्र साहू, भावेश रवानी ,अशोक कुमार सिंह ,सुजाता कुमारी, श्री नाथ पाठक, एनएसएस स्वयंसेवक तिन, सोहित, शशि प्रभा सोरेन, जितेंद्र झा, रमेश मंडल आदि मौजूद थे।
इधर,संताल परगना कॉलेज में कॉलेज प्राचार्य डॉ संजय कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में एड्स दिवस मनाया गया। प्राचार्य डॉ संजय कुमार सिन्हा ने कहा कि एड्स के कई लक्षण हैं। जागरूकता ही इसके बचाव का सरल उपाय है। रानीश्वर कॉलेज के प्राचार्य डॉ रईस खान ने कहा कि एनएसएस स्वयंसेवकों के द्वारा जागरूकता का प्रचार व प्रसार किया जाए ताकि इस सामाजिक कलंक पर नियंत्रण पाया जा सके। आनलाइन संवाद में भोपाल के चिरायूं मेडिकल कॉलेज की मनोवैज्ञानिक डॉ ऋचा प्रियंवद ने कहा कि हाथ मिलाने, बातचीत करने, टॉयलेट व्यवहार करने,हाथ मिलाने , छूने आदि से एड्स नहीं फैलता है। रिम्स की काउंसलर डॉ.रश्मि कुमारी ने एड्स के व्यवहारिक समस्याओं पर विशेष उदाहरण देते हुए बताया कि आज युवा हो या किशोर समलैंगिक व्यवहारों के चलते रोग का शिकार हो रहे है। धन्यवाद ज्ञापन डॉ विनोद कुमार शर्मा ने किया।