20 दिनों में 96 छापे, 2.50 लाख बना एक करोड़
मसानजोर में 27 अगस्त को भागलपुर से कोलकाता जानेवाली पागल बाबा के यात्रियों से ढाई लाख की लूट एक करोड़ से अधिक पहुंच जाएगी इसका आभास पुलिस टीम भी आभास नहीं था।
जागरण संवाददाता, दुमका : मसानजोर में 27 अगस्त को भागलपुर से कोलकाता जानेवाली पागल बाबा के यात्रियों से ढाई लाख की लूट एक करोड़ से अधिक पहुंच जाएगी, इसका आभास पुलिस टीम भी आभास नहीं था। जैसे जैसे जांच आगे बढ़ी नए खुलासे होते गए। उस उद्भेदन ने महकमे की नींद उड़ा दी। चार डीएसपी के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया गया। टीम ने 20 दिनों के अंदर कोलकाता, रांची, धनबाद, दुमका, बांका, भागलपुर, मुंगेर, जमुई, देवघर समेत 96 जगह पर छापेमारी करने के बाद चार अपराधियों को पकड़ने में सफलता हासिल की।
पुलिस को वारदात के दूसरे दिन ही चालक लक्ष्मण महतो पर शक था। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई लेकिन कुछ हासिल नहीं हो सका। दोबारा पूछताछ में उसने जो बयान दिया उसमें विरोधाभास था। इसके बाद पुलिस ने सख्ती बरती तो सारी सच्चाई सामने आ गई। इसके बाद जिन लोगों का नाम सामने आया, उनसे पूछताछ की। इसी क्रम में मुफस्सिल थाना क्षेत्र से तीन व एक को हंसडीहा से गिरफ्तार किया।
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चालक ने भागलपुर के लुटेरों से मिलाया हाथ
बस का चालक लक्ष्मण महतो पहले भी दो बार हवाला कारोबारियों का पैसा बंगाल पहुंचा चुका था। उसे हर एक लाख पर चार सौ रुपये कमीशन मिलता था। जैसे जैसे उसका कमीशन बढ़ता गया, उसके मन में अधिक पैसा कमाने का लालच आ गया। उसने तीसरी बार कमीशन की जगह पर लंबा हाथ मारने के लिए भागलपुर के अपराधियों से हाथ मिला लिया। करीब डेढ़ माह से लूट की योजना पर काम चल रहा था। चालक एक माह पहले अपराधियों के साथ मसानजोर आया और वारदात के लिए स्थल का चयन किया। 27 अगस्त की शाम को जैसे ही चालक के पास करोड़ से अधिक पैसों से भरे दो बैग आए, उसने प्रशांत को इसकी सूचना दे दी। वारदात को अंजाम देने के लिए दो लुटेरे यात्री बनकर बस में सवार हो गए। तीन कार में बस से महज पांच सौ मीटर के फासले पर चल रहे। शेष अपराधी जहां पर भी बस रुकी वहीं सवार हो गए। रात करीब दस बजे सभी ने दुमका के एक होटल में यात्रियों के साथ खाना खाया। बस जैसे ही मसानजोर के बागनल गांव के पास पहुंची, कार में चल रहे लुटेरों ने एक हवाई फायर कर चालक को रोका और उसे हटाकर ड्राइविग सीट संभाल ली। लुटेरों ने दिखावे के लिए पहले यात्रियों से लूटपाट की और फिर बस के केबिन में छुपाकर रखे दो बैग में भरा करोड़ों रुपया लूट लिया।
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ईडी व आइटी से खुलेगी सच्चाई
पुलिस का मानना है कि पैसा भागलपुर के हवाला कारोबार से जुड़े व्यापारियों का है। ये लोग पैसा बंगाल भेजते थे। बंगाल से पैसा कहां जाता था। इसके तार कहीं विदेशों से तो नहीं जुड़े हैं। इसका खुलासा अब आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय की टीम करेगी। एसपी ने इसके लिए दोनों विभाग से सहयोग मांगा है। दोनों की जांच के बाद ही पता चलेगा कि हवाला कारोबार में कौन व्यापारी शामिल थे। कहां से इसके तार जुड़े हैं। हालांकि चालक ने पुलिस को जिन व्यापारियों का नाम बताया है, पुलिस ने उन्हें नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है।
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ये अपराधी पहले भी जा चुके हैं जेल
लूट में गिरफ्तार अपराधियों ने पहली बार वारदात को अंजाम नहीं दिया है। जमुई और मुंगेर पुलिस पहले भी उन्हें जेल भेज चुकी है। हथियार और मोबाइल भी हंसडीहा क्षेत्र से बरामद हुआ है। इसीलिए वहां की पुलिस ने भी चारों पर हथियार रखने का मामला दर्ज किया है। प्रशांत को वर्ष 04 में खड़गपुर पुलिस ने हत्या के प्रयास और हथियार रखने के आरोप में जेल भेजा था। वर्ष 12 में बंटी उर्फ सौरभ सिंह को जमुई पुलिस ने मारपीट व 17 में मारपीट के आरोप में जेल भेजा था।
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टीम के सभी सदस्य सम्मानित
वारदात के महज 20 दिनों में चार अपराधियों की गिरफ्तारी व 35 लाख की बरामदगी करने वाली एसआइटी में शामिल एसडीपीओ पूज्य प्रकाश, अनिमेष नथानी, डीएसपी श्री राम समद, संतोष कुमार के अलावा पुलिस निरीक्षक नवल किशोर सिंह, देवव्रत पोददार, संजय मालवीय, थानेदार धर्मवीर सिंह, अमित लाकड़ा, राजीव रंजन, गगन मित्रा, सहायक अवर निरीक्षक शशिकांत ठाकुर, लखबीर सिंह चहल, मनोज कुमार मिश्रा, जेबियर होरो, वीरेंद्र कुमार, महिला मटिल्डा मिज, तकनीकी शाखा के अमित कुमार, अभिषेक मुर्मू, इंजीनियर विधान चंद्र सिंह, बबन सिंह, कौशल किशोर राय, पुरूषोत्तम यादव, विनय मिश्रा, राणा पासवान, गिरि लाल सोरेन, निवास मिर्धा, मुन्ना सिंह, जुलियस सोरेन, प्रदीप पिगुआ व भगवान मरांडी को पुलिस अधीक्षक ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।