72 घंटे बाद भी हत्यारों का सुराग नहीं
जागरण संवाददाता दुमका शहर के गांधी नगर निवासी मृणाल चालक की हत्या को तीन दिन बीत गए
जागरण संवाददाता, दुमका : शहर के गांधी नगर निवासी मृणाल चालक की हत्या को तीन दिन बीत गए। रविवार तक पुलिस इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है कि हत्या की असली वजह क्या थी। किन लोगों ने वारदात को अंजाम दिया। ठोस सुराग हाथ नहीं लगने की वजह से पुलिस की सारी उम्मीद अब सीसीटीवी के फुटेज पर ही टिक कर रह गई है।
शनिवार की देर शाम तक पुलिस ने रसिकपुर से घटनास्थल की ओर जाने वाले सभी मार्ग में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला। उन लोगों का भी सहयोग लिया गया, जिनके घर के बाहर कैमरा लगा था। पड़ताल के बाद पुलिस को मृणाल या उसके साथ किसी संदिग्ध का चेहरा नहीं दिखा। अब पुलिस इस नतीजे पर पहुंची है कि मृणाल को दो की जगह चार पहिया के वाहन से घटनास्थल यानी चांदोपानी गांव ले जाया गया। घटनास्थल के आसपास भी पुलिस को किसी गाड़ी के पहिए का निशान नहीं मिला। हो सकता है कि हत्यारों ने घटनास्थल से काफी पहले वाहन को रोक दिया हो।
पुलिस स्वजन व डांस ग्रुप के सदस्यों से लगातार पूछताछ कर यह जानने का प्रयास कर रही है कि हत्या के समय मृणाल के साथ और कौन था। क्या उसका ग्रुप के सदस्यों से संबंध था। सरूवा गांव में किन लोगों से मृतक का हत्या से तीन दिन पहले झंझट हुआ था। हालांकि पुलिस अभी किसी ठोस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है। वह अंधेरे में तीर चलाकर हत्यारों के करीब तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। सिदो-कान्हू विश्वविद्यालय की ओपी प्रभारी सुजीत उरांव की माने तो अभी तक कुछ पता नहीं चला है। सीसीटीवी में किसी का चेहरा नहीं दिखा है। लगता है कि मृतक को बाइक की बजाय कार से चांदोपानी तक लाया गया है। स्वजन व दोस्तों से भी कुछ खास जानकारी हाथ नहीं लगी है।