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मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए तैयार हो रहे 70 बेड

मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए कैजुअल्टी और सर्जिकल वार्ड में 70 बेड तैयार किए जा रहे हैं। सभी बेड पूरी तरह से आक्सीजन युक्त होंगे। अस्पताल में कोविड वार्ड के शुरू होने से कोविड अस्पताल की क्षमता 75 बेड से बढ़कर 145 हो जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 06:48 PM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 06:48 PM (IST)
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए तैयार हो रहे 70 बेड
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए तैयार हो रहे 70 बेड

जागरण संवाददाता, दुमका: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए कैजुअल्टी और सर्जिकल वार्ड में 70 बेड तैयार किए जा रहे हैं। सभी बेड पूरी तरह से आक्सीजन युक्त होंगे। अस्पताल में कोविड वार्ड के शुरू होने से कोविड अस्पताल की क्षमता 75 बेड से बढ़कर 145 हो जाएगी। हालांकि नए वार्ड में ऑक्सीजन की सुविधा बाधक बन रही है। सभी बेड के लिए कम से कम 35 ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता है। जिला प्रशासन इसकी व्यवस्था में लगा है।

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सिविल सर्जन डॉ अनंत कुमार झा ने बताया कि राज्य सरकार ने सभी निजी अस्पतालों को 50 फीसद बेड कोविड मरीजों के लिए आरक्षित करने का दिया था। इसी के तहत मेडिकल कालेज अस्पताल में 50 फीसद बेड को कोविड के लिए तैयार किया जाना है। पुराना सदर अस्पताल के कोविड अस्पताल में अभी 75 बेड ही हैं। ऐसे में मेडिकल कालेज के कैजुअल्टी और सर्जरी वार्ड को कोविड वार्ड में तब्दील किया जा रहा है। इसमें मरीजों के लिए 70 बेड तैयार किए जा रहे हैं।

कैजुअल्टी और सर्जिकल वार्ड में भी कोविड मरीजों को किया जाएगा भर्ती: अस्पताल के अधीक्षक डॉ. रवींद्र कुमार ने बताया कि ग्राउंड फ्लोर में कैजुअल्टी और सर्जिकल वार्ड में भी कोविड मरीजों को भर्ती किया जाएगा। सभी बेड ऑक्सीजन युक्त होंगे। उन्होंने बताया कि फिलहाल कोविड अस्पताल में 75 बेड हैं, जिनमें 45 पर मरीज हैं। डीएमसीएच के पास 10 बड़े व एक सौ छोटे आकार के ऑक्सीजन सिलेंडर हैं। 70 नए बेड तैयार करने में ऑक्सीजन सिलेंडर की पर्याप्त संख्या में अनुपलब्धता के कारण जिला प्रशासन से कम से 35 सिलेंडर से उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा गया है।

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अस्पताल के आठ चिकित्सक संक्रमित: कोरोना की मार आम लोगों के साथ चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी भी झेल रहे हैं। आम लोग तो लॉकडाउन के कारण या सेल्फ लाकडाउन के तहत घरों में सुरक्षित रह सकते हैं, पर चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मचारियों के पास ऐसा विकल्प नहीं है। कोरोना संक्रमण के खतरे से वाकिफ होने के बावजूद चिकित्सक व हेल्थ वर्कर कोरोना मरीजों का इलाज और चिकित्सकीय सेवा दे रहे हैं। जिस कारण में वे भी संक्रमण का शिकार हो जा रहे हैं। इसका असर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था पर पड़ रहा है। अधीक्षक ने बताया कि वर्तमान में डीएमसीएच के आठ चिकित्सक कोरोना पॉजिटिव होने के कारण आइसोलेशन में हैं। वे चिकित्सकीय सेवा नहीं दे पा रहे हैं। आठ हेल्थ वर्कर भी कोरोना संक्रमित होने के कारण चिकित्सा अवकाश पर हैं। इस स्थिति के कारण डीएमसीएच की चिकित्सा व्यवस्था स्वभाविक तौर पर प्रभावित हुई है।


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