30 रुपये के ताले से 62 लाख की सुरक्षा
हंसडीहा हंसडीहा में एलएंडटी माइक्रो फाइनेंस कंपनी के ऑफिस से करीब 62 लाख रुपये चोरी मामले में कई चौंकानेवाली बातें सामने आई है। अव्वल तो जिस बैंक में 62 लाख जितना भारी रकम रखा जाए उसकी सुरक्षा राम भरोसे। हंसडीहा के एलएंडटी माइक्रो फाइनेंस के जिस ऑफिस में चोरी होने की बात सामने आई है वहां सुरक्षा को लेकर कोई भी इंतजाम नहीं था। बैंक के मुख्यद्वार पर लिक कम्पनी का ताला तो लगा था पर अंदर के ऑफिस में 30 रुपयेवाला ताला। वहीं ऑफिस में सीसीटीवी और सुरक्षागार्ड की व्यवस्था भी नहीं है।
हंसडीहा : हंसडीहा में एलएंडटी माइक्रो फाइनेंस कंपनी के ऑफिस से करीब 62 लाख रुपये चोरी मामले में कई चौंकानेवाली बातें सामने आई है। अव्वल तो जिस बैंक में 62 लाख जितना भारी रकम रखा जाए उसकी सुरक्षा राम भरोसे। हंसडीहा के एलएंडटी माइक्रो फाइनेंस के जिस ऑफिस में चोरी होने की बात सामने आई है वहां सुरक्षा को लेकर कोई भी इंतजाम नहीं था। बैंक के मुख्यद्वार पर लिक कम्पनी का ताला तो लगा था पर अंदर के ऑफिस में 30 रुपयेवाला ताला। वहीं ऑफिस में सीसीटीवी और सुरक्षागार्ड की व्यवस्था भी नहीं है। ऐसे में जिस बैंक में डेली लाखों का कारोबार हो और सुरक्षा के नाम पर कुछ भी सवालिया निशान लगता है। हंसडीहा जिस जगह पर एलएंडटी माइक्रो फाइनेंस की ऑफिस है वहां के आसपास के ग्रामीणों तक को यह नहीं पता कि इस छोटे से ऑफिस में इतनी बड़ी रकम रखा जाता होगा। ग्रामीणों की मानें तो बैंक के समीप प्रतिदिन एक एटीएम कैश वैन या कोई दूसरा वाहन रात को आता था।
हंसडीहा में सरकारी बैंक भी नहीं रखते ज्यादा कैश : रिजर्व बैंक ने सभी सरकारी व गैर सरकारी बैंकों के लिए ब्रांच में कैश रखने की एक लिमिटेशन तय कर रखी है। तय सीमा से ज्यादा कैश कोई भी ब्रांच अपने यहां बिना कारण के नहीं रख सकता। बैंक जानकारों के अनुसार यह सीमा बैंक के डेली होनेवाले ट्रांजेक्शन पर ही निर्धारित होता है। हंसडीहा जैसे छोटे कस्बों में बैंकों में कैश रखने की सीमा भी तय है। सरकारी बैंक अपने ट्रांजेक्शन के आधार पर 10 से 20 लाख तक ही कैश रख सकते है तो माइक्रोफाइनेंस कंपनी की सीमा 10 लाख ही है। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि हंसडीहा में एलएंडटी माइक्रो फाइनेंस के ऑफिस में किन कारणों से 62 लाख जैसी भारी भरकम रकम को रखा गया था। एलएंडटी माइक्रो फाइनेंस की कैश हैंडल करनेवाली थर्ड पार्टी कम्पनी सीएमएस के कैश मैनेजर निवास कुमार मंडल ने बताया कि हम धनबाद ऑफिस से मिलनेवाले निर्देश के बाद ही दुमका जिले के हंसडीहा जरमुंडी और दुमका स्थित एलएंडटी माइक्रो फाइनेंस ऑफिस से कैश कलेक्शन कर धनबाद में जमा करते हैं। हंसडीहा में ज्यादा कैश जमा होने के कारण धनबाद द्वारा इनपुट नहीं मिलना था। यहां बता दें कि सीएमएस कम्पनी ही जिले के एटीएम तक कैश पहुंचाने का काम करती है।
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एलएंडटी व सीएमएस कर्मियों से हो रही पूछताछ
62 लाख कैश चोरी के मामले में पुलिस अपनी शुरुआती जांच में हंसडीहा ब्रांच से जुड़े सभी स्टाफ और कैश हैंडलिग करनेवाली थर्ड पार्टी कम्पनी सीएमएस के कर्मचारियों से हंसडीहा थाना में बारीकी से पूछताछ कर रही है। हंसडीहा थाना में एसडीपीओ अनिमेष नथानी और हंसडीहा थाना प्रभारी अमित लकड़ा एक-एक बिदु पर कर्मियों से जानकारी ले रहे हैं ताकि अपराध का खुलासा हो सके। पुलिस एलएंडटी माइक्रो फाइनेंस के ब्रांच मैनेजर से पिछले एक महीने के लेन-देन और सीएमएस द्वारा की जा रही ट्रांजेक्शन की रिकॉर्ड को भी गहराई से खंगाल रही है ताकि पता चले कि सही में 62 लाख की चोरी हुई है या नहीं।
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पुलिस सीसीटीवी फुटेज व डॉग स्कॉयड की ले रही मदद :
एलएंडटी माइक्रो फाइनेंस के हंसडीहा ब्रांच से करीब 62 लाख कैश चोरी के मामले में पुलिस ने आसपास के कई सीसीटीवी को खंगाला और दुमका से डॉग स्कवॉयड मंगा अपराधियों तक जाने का प्रयास भी किया। एलएंडटी माइक्रो फाइनेंस के नजदीक मुख्य मार्ग पर वनांचल ग्रामीण बैंक और शंभु जायसवाल के सीसीटीवी को देख पुलिस ने यह पता लगाने का प्रयास किया कि घटना के वक्त सड़क पर वैसा कोई वाहन या संदिग्ध दिख जाए जिससे चोरी मामले की तह तक पहुंचने में मदद मिले। पुलिस ने नेशनल हाइवे 133 पर स्थित कोठिया टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला। पुलिस ने डॉग स्कवॉयड को भी मंगाकर माइक्रो फाइनेंस के ऑफिस में मिले एक मफलर और अन्य वस्तुओं से अपराधियों की सुराग पाने का प्रयास किया। डॉग स्कवॉयड के
लीडर देवचरण कुमार ने बताया कि संदिग्ध स्थान पर आवाजाही बढ़ जाने के कारण यह पता नहीं चल पाया कि मफलर किस व्यक्ति का है।