शिवपहाड़ मंदिर के जमीन पर 59 लोगों का हे कब्जा
दुमका शहर के शिवपहाड़ मंदिर के समीप सरकारी जमीन पर अब 59 लोगों ने कब्जा कर लिया है। जांच में 28 लोगों का नाम सामने आया है जबकि 31 अन्य की सूची तैयार की जा रही है। सभी को 18 जून तक अंचल कार्यालय में जमीन का वैध कागज दिखाना होगा। जो कागज नहीं प्रस्तुत कर सकेंगे उनके घर को गिरा दिया जाएगा। दरअसल चंद लोगों की शिकायत के बाद अंचल कार्यालय की ओर से शिवपहाड़ मंदिर के आसपास की जमीन की नापी करायी गई थी।
अंचल कार्यालय ने बनायी 28 की सूची
31 दूसरे लोगों पर नोटिस भेजने की तैयारी
18 तक सभी को दिखाना जमीन का वैध कागज
जागरण संवाददाता, दुमका : शहर के शिवपहाड़ मंदिर के समीप सरकारी जमीन पर अब 59 लोगों ने कब्जा कर लिया है। जांच में 28 लोगों का नाम सामने आया है, जबकि 31 अन्य की सूची तैयार की जा रही है। सभी को 18 जून तक अंचल कार्यालय में जमीन का वैध कागज दिखाना होगा। जो कागज नहीं प्रस्तुत कर सकेंगे, उनके घर को गिरा दिया जाएगा।
दरअसल चंद लोगों की शिकायत के बाद अंचल कार्यालय की ओर से शिवपहाड़ मंदिर के आसपास की जमीन की नापी करायी गई थी। तीन प्लाट में हुई नापी के बाद पता चला कि 28 लोगों ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया या फिर दलाल के माध्यम से जमीन खरीद ली। इसमें कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने आठ कटठा तक जमीन पर कब्जा कर लिया। कब्जा करने वालों का दायरा लगातार बढ़ रहा है। इसमें 31 और नए नाम जुड़ गए हैं। सभी की सूची तैयार की जा रही है। इसमें कुछ संपन्न व प्रभावशाली लोग भी शामिल हैं।
जमीन पर इन लोगों का है कब्जा
अंचल कार्यालय ने जिन 28 कब्जा करने वालों की सूची तैयार की है। उनमें अधिकांश ने एक से लेकर 18 कटठा जमीन पर कब्जा किया है। विक्रम दास ने तीन, पंकज लाज के मालिक नंद किशोर झा ने 18 कटठा, विजय कुमार सोनी ने आठ, सुनीता देवी ने नौ व आशा देवी ने चार कटठा जमीन पर कब्जा जमा रखा है। इसके अलावा नरेश दास, रिकी दास, केटकी दास, सुनील दास, गेना दास, कुंदन दास, लुचनी देवी, पिकू देवी, पिटू दास, दुलारी देवी, राबड़ी देवी, चुलबुली देवी, फूलचांद दास, सिकंदर दास, अनंत झा, शंकर पाठक, प्रेम साह, जगन्नाथ पाठक, पारसनाथ पाठक, अशोक केशरी, जय प्रकाश केशरी, दुला दास व तारा देवी ने कब्जा किया हुआ है। वर्जन
31 लोगों के नाम की सूची तैयार की जा रही है। सभी को नोटिस देकर 18 जून को सारे कागज के साथ कार्यालय बुलाया गया है। कुछ लोगों ने अभी से कागज होने से इंकार किया है। सभी के कब्जे से सरकारी जमीन को मुक्त कराया जाएगा। बने हुए भवन को जेसीबी से गिरा जाएगा।
सागरी बराल, सीओ दुमका