UPSC SS Exam: 300 रुपये में कर सकते हैं तैयारी, देश में चाैथा स्थान हासिल करने वाले यश से जानिए सफलता के मंत्र
UPSC सिविल सर्विसेज परीक्षा 2020 में धनबाद के झरिया के यश जालुका ने चाैथा स्थान हासिल किया है। उनका मानना है कि तैयारी करने के लिए इंटरनेट पर काफी सामग्री है। मेरी तरह आप भी बिना कोचिंग तैयारी कर सकते हैं। जरूरी नहीं कि कोचिंग में पढ़ेंगे तभी सफल होंगे।
जागरण संवाददाता, धनबाद। आप 300 रुपये में भी यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी कर आइएएस-आइपीएस अधिकारी बन सकते हैं। विश्वास नहीं हो रहा होगा, लेकिन ऐसा हो सकता है। यूपीएससी पीटी के फार्म के लिए 100 और मेंस के फार्म के लिए 200 रुपये खर्च करने होंगे। इसके अलावा आपके पास इंटरनेट कनेक्शन होना चाहिए। यूपीएससी के हर विषय की सामग्री इंटरनेट पर उपलब्ध है। यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा-2020 में देश में चौथा स्थान पाने वाले झरिया के यश जालुका ने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में यह बात कही। उन्होंने जागरण के प्रश्न प्रहर कार्यक्रम में भी भाग लिया। परीक्षा की तैयारी में जुटे बहुत सारे युवाओं को फोन के माध्यम से सफलता के मंत्र दिए।
बिना कोचिंग के भी कर सकते तैयारी
धनबाद के झरिया निवासी जालुका का मानना है कि तैयारी करने के लिए इंटरनेट पर काफी सामग्री है। मेरी तरह आप भी बिना कोचिंग तैयारी कर सकते हैं। यह जरूरी नहीं कि कोचिंग में पढ़ेंगे तभी कंपीट करेंगे। खुद की तैयारी भी बेहद अहम है। फ्रीमैटेरियल्स यूपीएससी डाट ओरआरजी पर काफी कुछ मौजूद है, जो यूपीसीएस क्रैक करने के लिए काफी है। आपको आत्मविश्वास बनाए रखना होगा। सफल होने के लिए दिन-रात पढऩे की भी जरूरत नहीं है। जितने घंटे पढ़ें, मन लगाकर पढ़ें। अपने घर में भी तैयारी कर सकते हैं।
यूपीएससी में सफलता के मंत्र
यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करनेवाले विद्यार्थियों के मन में सफलता पाने के लिए कई तरह की जिज्ञासाएं होती हैं। मंगलवार को दैनिक जागरण के प्रश्न पहर में यश जालुका ने यूपीएसएसी की तैयारी कर रहे परीक्षार्थियों को सफलता पाने के गुर बताए। इस दौरान परीक्षार्थियों ने यश से तैयारी के दौरान होने वाली परेशानियों, स्तरीय किताबों, टाइम टेबल और पर्सनालिटी को लेकर कई सवाल किए। इस पर यश ने परीक्षार्थियों को समय प्रबंधन व बेसिक्स पर ध्यान देते हुए स्व अध्ययन पर केंद्रित करने की सलाह दी। यश ने कहा कि सफलता का कोई शार्ट कट नहीं होता है। इस निरंतर मेहनत करते रहना चाहिए।
प्रश्न : परीक्षा की तैयारी को लेकर आपने समय का प्रबंधन कैसे किया?
- विश्वनाथ, चास, बोकारो एवं सूरज साहू, कतरास धनबाद
उत्तर : यूपीएससी की तैयारी कोई दो चार दिन या महीने में नहीं की जा सकती। इसके लिए आपको ग्रेजुएशन के पहले या दूसरे साल से ही गंभीर होना होगा। उसी समय से विषय और समय प्रबंधन को लेकर सजगता दिखानी होगी। तभी आपकी राह आसान हो पाएगी।
प्रश्न : तैयारी के लिए कौन कौन सी किताबें, खासकर वैकल्पिक विषयों की तैयारी के लिए कैसी पुस्तकों का चयन करें?
- प्रिया वाजपेई, धनबाद एंव शोभा चौधरी पुटकी
उत्तर : वैकल्पिक विषयों के लिए स्तरीय किताबों का चयन करना एक बड़ी चुनौती है। खासकर सुदूर इलाकों के रहनेवाले विद्यार्थियों के लिए। लेकिन अब इंटरनेट मीडिया के आने के बाद परिस्थितियां आसान हुई हैं। उसकी मदद से आप स्तरीय किताबों का चयन कर सकते हैं। आयोग की वेबसाइट से विषय से संबंधित सिलेबस की जानकारी भी लेनी चाहिए। इसकी जानकारी होने के बाद ही स्तरीय किताबों का चयन में काफी मदद मिलेगी। इसके अलावा विषयों का चयन अपनी रुचि के अनुसार करना चाहिए।
प्रश्न : अंग्रेजी या ङ्क्षहदी माध्यम से तैयारी करने पर सफलता का प्रतिशत बढ़ता है?
- अतुल, झरिया और विकास, बोकारो
उत्तर : आप उसी माध्यम का चुनाव करें जिसमें आप सहज होकर विषय को समझ सकें और उसी खुबसूरती से व्यक्त कर सकें।
प्रश्न : प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफलता के लिए कोङ्क्षचग की अनिवार्यता कितनी होनी चाहिए?
- मोहित कुमार, बोकारो और कुमार दिव्यांग धैया
उत्तर : कोङ्क्षचग किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा की सफलता के लिए बहुत सहायक नहीं होते। यह विद्यार्थी की समझ पर निर्भर करता है कि वह चीजों को कैसे सीखता है। स्व अध्ययन सबसे महत्वपूर्ण है। इसके लिए आपको थ्री डी यानी की डिसिजन विद डेडीकेशन एंव डिटरमिनेशन के साथ आगे बढऩे पर खुद को केंद्रित करना होगा।
प्रश्न : पढ़ाई के लिए सबसे बढिय़ा समय दिन या रात में कौन होना चाहिए?
- सुरेंद्र कुमार, बोकारो
उत्तर : समय का प्रबंधन इस तरह से हो, जिसमें आप स्वयं को सबसे ज्यादा रिलैक्स होकर फोकस कर सकें। दिन या रात मायने नहीं रखता। आप जिस समय चीजों को आसानी से पकड़ पाते हैं, वही सर्वोत्तम समय है।
प्रश्न : तैयारी के लिए बड़े शहरों में जाना क्या जरूरी है?
- राजीव रंजन, मनईटांड़
उत्तर : बड़े शहरों में रहकर तैयारी करना अब बीते दिनों की बात हो गई है। अब देहातों में भी स्तरीय पाठ्य पुस्तकों की उपलब्धता आसान हो गई है। जिससे वहां रहकर भी तैयारी की जा सकती है। इसके अलावा देश दुनिया की अद्यतन जानकारी के लिए अखबार आसानी से सुलभ हैं। कोरोनाकाल में गांवों में रहकर कई अभ्यर्थियों ने इस बार सफलता पाकर इस मिथक को तोड़ा है।
प्रश्न : साक्षात्कार में सफलता के लिए क्या करना चाहिए?
- विश्वनाथ रजवार, झरिया
उत्तर : साक्षात्कार, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि यह आपके व्यक्तित्व से जुड़ा होता है। ऐसे में इसको लेकर हर किसी को काफी सजग रहना होता है। इसके लिए आपको अपने रूचि हाबी, अपने पारिवारिक बैकग्राउंड से लेकर अपने शहर, गांव, जिला के इतिहास, भूगोल और अर्थव्यवस्था के साथ सामाजिक ताने बाने की बेहतर समझ विकसित करनी होगी।
प्रश्न : पढ़ते पढ़ते मन में भटकाव आने लगता है। इस पर काबू किया जा सकता है?
- मोनू गुप्ता, बोकारो
उत्तर : अध्ययन एक ऐसी चीज है, जो बोझिल लगने लगे तो कोई भी बात दिमाग में नहीं टिकती है। इससे बचने की जरूरत है। इसके लिए आपको खुद को रिलैक्स करना चाहिए। अपनी हाबी से जुड़ी कोई एक्टिविटी में समय बिताने की जरूरत है। कुछ समय ऐसे ही समय निकालने के बाद फिर से पढऩे बैठ जाए।
प्रश्न : चीजों को रिवाइज करने की क्या रणनीति होनी चाहिए?
- नीतिश पांडे, निचितपुर
उत्तर : ये एक महत्वपूर्ण सवाल है। रीविजन का प्रोसेस परीक्षा के लगभग तीन माह पहले से शुरू कर देना चाहिए। लेकिन इसके लिए आपको अपनी क्षमता को भी जान लेना चाहिए कि आप कितनी एकाग्रता से और कितने समय में इसे कर पाएंगे।