केंद्र सरकार के खिलाफ दहाड़े मजदूर-कर्मचारी
धनबाद मजदूर कर्मचारी समन्वय समिति धनबाद (झारखंड) ने 26 नवम्बर को आहत देशव्यापी हड़ताल के
धनबाद : मजदूर कर्मचारी समन्वय समिति धनबाद (झारखंड) ने 26 नवम्बर को आहत देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में लेक्चर हॉल, सदर अस्पताल में एक कन्वेंशन किया।
कन्वेंशन की अध्यक्षता असीम हालदार, हेमंत मिश्रा तथा वशिष्ठ नारायण सिंह के अध्यक्ष मंडली ने की। कन्वेंशन में सर्व प्रथम कोरोना काल में मारे गए कोरोना वॉरियर जैसे डॉक्टर, नर्सेज, सफाईकर्मी तथा जनवादी आंदोलन के शहीदों को याद किया गया। एक मिनट का मौन रखकर शोक संवेदना प्रकट की।
हड़ताल के समर्थन में हेमंत मिश्रा ने एक प्रस्ताव रखा जिसमें 25 नवंबर को मशाल जुलूस तथा 26 नवंबर को रणधीर वर्मा चौक से हड़ताल के समर्थन में रैली निकालना शामिल है। इस प्रस्ताव को सभी साथियों ने मेज थपथपा कर समर्थन किया तथा हड़ताल के समर्थन में नारे लगाए।
इस अवसर पर समिति के संस्थापक अध्यक्ष प्रभु लाल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा देश की संपदा और आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों को बेचने, राष्ट्रीय कृत बैंकों को विखंडित कर उसे अपने चहेतों के हवाले करने, देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ भारतीय जीवन बीमा निगम को समाप्त करने की साजिश कर रही है। रक्षा, कोयला,पेट्रोलियम, इस्पात, भारी अभियंत्रण, रेलवे, नेशनल हाइवे, दूरसंचार हवाई अड्डा, बंदरगाह समेत तमाम रणनीतिक उद्यमो /उद्योगों /संस्थानों को देशी विदेशी पूंजीपतियों के हाथों कौड़ी के मोल पर उन्हें सौंपे जाने की राष्ट्र विरोधी कार्रवाई को देश का मजदूर वर्ग बर्दाश्त नहीं करेगा।
अन्य वक्ताओं ने कहा कि जिस तरह आजादी के संघर्ष में 9 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी के आह्वान पर करो या मरो का नारा देशव्यापी अभियान का हिस्सा बन गया था। उसी प्रकार देश का मजदूर वर्ग राष्ट्रीय संपदा की लूट के खिलाफ और भारत के आत्मसम्मान और आर्थिक संप्रभुता की रक्षा के लिए कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार है। आज ट्रेड यूनियन के नेताओं ने एक स्वर मे इस बात का एलान करते हुए मजदूर वर्ग समेत सभी देशभक्त शक्तियों का आह्वान किया कि भारत की जनता के संघर्षपूर्ण विरासत को आगे बढ़ाने की लड़ाई के साथ एकजुटता प्रदर्शित करें और 26 नवंबर की देशव्यापी हड़ताल को सफल बनाएं। समिति के वशिष्ठ नारायण सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि हड़ताल को सफल करें तथा साथ ही साथ सभी जगह शारीरिक दूरी और स्वास्थ्य मंत्रालय के एडवाइजरी का सख्ती से पालन करते हुए सड़कों पर उतर कर केंद्र और अधिकांश राज्य सरकारों द्वारा कोरोना महामारी की आड़ मे मजदूर वर्ग के अधिकारों पर किए जा रहे निर्मम हमलों का प्रतिरोध करेंगे और देश की संपत्ति की रक्षा करेंगे।
ये थे उपस्थित
कन्वेंशन को राम कृष्णा पासवान, सपन मांजी, संदीप आईच, सत्येंद्र कुमार शर्मा, शिव बालक पासवान, पुरंजय कुमार, लीला मय गोस्वामी, अमरजीत कुमार, संजय कुमार, देवाशीष वैद्य, गोपाल पाल तथा कई अन्य साथी ने अपनी बात रखे।
इस कन्वेंशन में दवा क्षेत्र, बीमा क्षेत्र, पोस्टल, बैंकिग, परिवहन क्षेत्र, इनकम टैक्स क्षेत्र से स्थापित यूनियन के प्रतिनिधि भाग लिए थे।