HURL Sindri: स्वीच यार्ड के ट्रेंच में मिला मजदूर का शव, प्रबंधन की भूमिका को लेकर कर्मचारियों ने किया विरोध
हर्ल कारखाना परिसर में स्वीच यार्ड में रात्रि पाली की ड्यूटी कर रहे अजय कुमार सिंह की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। स्वीच यार्ड के ट्रेंच में अजय का शव पाए जाने पर कारखाना परिसर में सनसनी फैल गई। अजय हर्ल के तहत मेसर्स मिराज का कर्मचारी था।
जागरण संवाददाता, सिंदरी। हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड ( HURL) की सिंदरी इकाई में शनिवार को एक कर्मचारी का शव मिला। शव स्वीच यार्ड के ट्रेंच में पड़ा हुआ था। इसके बाद मजदूर भड़क गए। ठेका प्रबंधन पर मजदूर का शव ठिकाने लगाने की कोशिश का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। पुलिस ने पहुंच कर मामले को शांत कराया। इस घटना के बाद कर्मचारियों में प्रबंधन के प्रति काफी आक्रोश दिख रहा है।
रात्रि पाली में ड्यूटी पर था अजय
हर्ल कारखाना परिसर में शुक्रवार को स्वीच यार्ड में रात्रि पाली की ड्यूटी कर रहे अजय कुमार सिंह की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। शनिवार को स्वीच यार्ड के ट्रेंच में अजय का शव पाए जाने पर कारखाना परिसर में सनसनी फैल गई। अजय हर्ल के तहत मेसर्स मिराज का कर्मचारी था। शव मिलने के बाद हर्ल प्रोजेक्ट में कार्यरत सभी कर्मचारियों ने घटनास्थल पर भीड़ लगा दी और नारेबाजी करते हुए अजय की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को सामने लाने और उचित दण्ड देने की मांग करने लगे। सूचना पाकर सिंदरी थाना प्रभारी सुरेश प्रसाद पहुंचे। बमुश्किल उत्तेजित कर्मचारियों को शांत करवाया। अजय कुमार के परिजन भी घटना स्थल पर पहुंच गए थे। जवान बेटे का शव देख स्वजनों के रोने की सीमा नहीं थी।
इस कारण शव ठिकाने लगाने का संदेह
मृतक के शरीर पर हाफ पैंट था, जबकि फूल पैंट में ड्यूटी पर आया था। उसके जेब से गेट पास और मोबाइल गायब था। सामने ढ़का रहने वाला भूमिगत गाटर का मुंह खुला हुआ था। सहकर्मियों ने बताया कि ऐसा लगता है कि अजय के शव को गाटर में डालने का प्रयास किया गया था। थाना प्रभारी द्वारा जांच के दौरान मृतक अजय के शरीर पर चोट का कोई निशान नही पाया गया।
कर्मचारियों ने शव उठाने से पुलिस को रोका
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाना चाहा, परंतु कर्मचारियों ने मुआवजा और परिवार के एक सदस्य की नौकरी मिलने तक शव को उठाने नहीं दिया। आक्रोशित कर्मचारियों ने घूम घूम कर पूरे प्रोजेक्ट का काम बंद करवा दिया। मृतक का भाई सीआरपीएफ रांची में कार्यरत राहुल सिंह सूचना पाकर तीन बजे सिंदरी पहुंचा, डीएसपी सिंदरी की मध्यस्थता में हर्ल प्रबंधन के साथ मुआवजा और नियोजन के लिए बातचीत शुरु हुई। समझौता होने के बाद ही मजदूर शव उठाने देने की जिद पर अड़े हुए हैं।