Move to Jagran APP

Women Empowerment: मोहलीडीह की महिलाएं दिखा रहीं सशक्तीकरण की राह, बंजर भूमि पर टमाटर की खेती से चेहरे पर छाई लाली

गांव की आठ महिला कल्पना मुर्मूसुरजमुनी सोरेनचांदमुनी सोरेन फुलमुनी सोरेन सिमोती मुर्मूबदोनी टुडू ने मिलकर अपनी बंजर पड़ी भूमि पर लगभग दो माह पूर्व जैविक खेती के माध्यम से सब्जी उत्पादन शुरू किया। लगभग तीन एकड़ भूमि पर टमाटर के नौ हजार पौधे लगाए।

By MritunjayEdited By: Published: Sun, 06 Dec 2020 08:51 AM (IST)Updated: Sun, 06 Dec 2020 08:51 AM (IST)
Women Empowerment: मोहलीडीह की महिलाएं दिखा रहीं सशक्तीकरण की राह, बंजर भूमि पर टमाटर की खेती से चेहरे पर छाई लाली
पूर्वी टुंडी प्रखंड के मोहलीडीह स्थित खेतों में टमाटर एकत्र करतीं महिलाएं।

पूर्वी टुंडी, जेएनएन। मोहलीडीह गांव की उत्पादक समूह की महिलाएं टमाटर उत्पादन कर  आत्मनिर्भर बन रही हैं। टमाटर उत्पादन की आमदनी से प्रेरित होकर महिलाओं ने मिर्चा उत्पादन के लिए लगभग नौ हजार पौधे लगाए हैं। सब्जी उत्पादन से आत्मनिर्भर होकर गांव के पुरुष किसानों को   प्रेरणा दे रही हैं। कोरोना  काल में जहां आमदनी के कई रास्ते बंद हो गए।  उसी दौर में मोहलीडीह गांव की उत्पादक समूह की महिलाओं ने सब्जी उत्पादन कर आमदनी करने की ठानी और अपनी मेहनत के दम पर बंजर भूमि को हरा-भरा कर दिया। आज उस बंजर पड़ी भूमि से सप्ताह में लगभग आठ से दस हजार रुपए की आमदनी कर रही हैं।

loksabha election banner

आठ महिलाओं ने जैविक खेती से सब्जी उत्पादन किया शुरू

धनबाद जिले के पूर्वी टुंडी प्रखंड के मोहलीडीह गांव की आठ महिला- कल्पना मुर्मू, सुरजमुनी सोरेन, चांदमुनी सोरेन, फुलमुनी सोरेन, सिमोती मुर्मू,बदोनी टुडू  ने मिलकर अपनी बंजर पड़ी भूमि पर लगभग दो माह पूर्व जैविक खेती  के माध्यम से सब्जी उत्पादन शुरू किया ।  लगभग तीन एकड़ भूमि पर टमाटर के नौ हजार पौधे लगाए। पौधों में सिंचाई के लिए बगल के एक जोरिया में मोटर पंप लगाकर पानी की व्यवस्था की ।  इन महिलाओं की मेहनत रंग लाई ।   पौधों में भरपूर टमाटर की फसल पैदा हुई । यह देखकर पहली बार इस तरह से सब्जी उत्पादन कर रही महिलाओं के चेहरे खिल उठे।

उत्पादक समूह की मुखिया कल्पना मुर्मू ने बताया कि वर्तमान में दो दिन के अंतराल पर लगभग एक क्विंटल टमाटर निकलता है जिसे आसपास गांव में लगने वाले साप्ताहिक  बाजार में तीस रुपए किलो के दर से बेचा करते हैं। सप्ताह में  शहपुरा हाट, पोखरिया हाट, शंकरडीह हाट एवं लटानी  हाट बाजार मिलता है  जिससे सप्ताह में आठ से दस हजार रुपए तक की आमदनी होती है। टमाटर की फसल को देखकर अभी हमने मिर्ची के लगभग नौ हजार पौधे लगाए हैं।  हालांकि,  फसल आने में अभी समय है।  पूरी तरह हो जाने पर पता चलेगा कि कितनी फसल निकलेगी । महिलाओं के सब्जी उत्पादन को देखकर आसपास क्षेत्र में भी कई किसानों ने वृहद पैमाने पर टमाटर, आलू  आदि को लगाया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.