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Fight Against Coronavirus: कर्नल साहब की पत्नी बांट रहीं बड़े काम की चीज, दरवाजे पर आकर हर कोई ले सकता

नितिका सिंह ने बताया कि वह अक्सर घर से बाहर निकलने के दौरान देखती थी कि कई लोग जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और बिना मास्क सड़क पर गुजरते नजर आते हैं। यह ख्याल आया कि जरूरतमंदों को निश्शुल्क मास्क देकर उन्हें कोरोना से बचाया जा सकता है।

By MritunjayEdited By: Published: Fri, 28 May 2021 08:53 AM (IST)Updated: Fri, 28 May 2021 08:53 AM (IST)
Fight Against Coronavirus: कर्नल साहब की पत्नी बांट रहीं बड़े काम की चीज, दरवाजे पर आकर हर कोई ले सकता
सेवानिवृत्त कर्नल जेके सिंह के दरवाजे पर इश्तिहार पढ़ती युवती ( फोटो जागरण)।

धनबाद, जेएनएन। कोरोना के संक्रमण काल में हर लोग अपने स्तर से महामारी से जंग में जुटे हैं। कई लोग जरूरतमंदों के बीच अपने सामर्थ्य अनुसार राहत सामग्री पहुंचाने का काम कर रहे हैं, तो कई अस्पताल-बेड, ऑक्सीजन की व्यवस्था कर रहे हैं। वैश्विक महामारी कोविड में सबसे जरूरी अगर कुछ है तो वो है मास्क। घर से बाहर निकलने, किसी से मिलने से लेकर हर वक्त मास्क लगाना जरूरी है। बहुत से ऐसे लोग भी होते हैं जिनके पास मास्क खरीदने का पैसा नहीं है तो कई ऐसे भी हैं जो कभी-कभी मास्क लगाना ही भूल जाते हैं। ऐसे लोगों के लिए कर्नल जेके सिंह की पत्नी ने अनूठी पहल की है।

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मास्क तो हर कोई बंटा रहा, इनका तरीका थोड़ा अलग

झाड़ूडीह पॉलिटेक्निक रोड की नितिका सिंह ने भी समाज के जरूरतमंद लोगों को वैश्विक महामारी कोरोना काल में राहत पहुंचाने के लिए अपने स्तर से मदद पहुंचाने की ठानी है। जरूरतमंदों के बीच निश्शुल्क मास्क वितरित कर रही हैं। इनका तरीका थोड़ा अलग है। इनका घर मुख्य सड़क पर है। अपने घर के गेट पर इन्होंने एक मास्क की टोकरी रख दी है। इसमें हमेशा 20-25 मास्क रहता है। जिसे जरूरत होती है वह निकालकर ले जाता है। नितिका हर दिन शाम में एक बार टोकरी जरूर चेक करती हैं। मास्क खत्म हो जाता है तो टोकरी फिर से भर देती हैं। यह करना नितिका की दिनचर्या में शामिल हो चुका है। सिर्फ मास्क ही नहीं मास्क की टोकरी के पास ही सैनिटाइजर की एक छोटी बोतल भी टांग रखा है। जिसे सैनिटाइज करना है वह सैनिटाइजर का प्रयोग कर सकता है।

बिना मास्क चलते लोगों को देख आया ख्याल

नितिका सिंह ने बताया कि वह अक्सर घर से बाहर निकलने के दौरान देखती थी कि कई लोग जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और बिना मास्क सड़क पर गुजरते नजर आते हैं। यह देखकर उन्हें यह ख्याल आया कि जरूरतमंदों को निश्शुल्क मास्क देकर उन्हें कोरोना से बचाया जा सकता है। ऐसा विचार आते ही इस काम में जुड़ गई तथा अपने घर के बाहर मास्क रखकर जरूरतमंदों के बीच निश्शुल्क वितरित करना शुरू कर दिया। 29 अप्रैल को इसकी शुरुआत की। हर दिन लगभग 30 मास्क निकल जाता है। नितिका का मानना है कि देश के हर लोगों को अपने स्तर से इस वैश्विक महामारी काल में आगे आकर अपनी क्षमता अनुसार राहत पहुंचाने में योगदान देना चाहिए।


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