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Gangs of Wasseypur: जिसके शौहर के नाम से कांपता शहर, उसकी बीवी को सता रहा डर; हाई कोर्ट ने गृह सचिव से मांगा जवाब

फहीम खान की पत्नी रिजवाना परवीन ने जान का खतरा बताते हुए धनबाद पुलिस से अंगरक्षक की मांग की है। पुलिस द्वारा अंगरक्षक नहीं मुहैया कराने पर परवीन हाई कोर्ट पहुंची है। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत में अंगरक्षक नहीं देने के मामले में सुनवाई हुई।

By MritunjayEdited By: Published: Fri, 29 Jan 2021 10:46 AM (IST)Updated: Fri, 29 Jan 2021 10:46 AM (IST)
Gangs of Wasseypur: जिसके शौहर के नाम से कांपता शहर, उसकी बीवी को सता रहा डर; हाई कोर्ट ने गृह सचिव से मांगा जवाब
गैंगस्टर फहीम खान की पत्नी को चाहिए अंगरक्षक ( फाइल फोटो)।

धनबाद/ रांची, जेएनएन। फहीम खान किसी परिचय का मोहताज नहीं है। उसका ही काफी है। धनबाद शहर में उसके नाम पर आने वाले एक कॉल भर से लोग सहम जाते हैं। उसकी आपराधिक जीवन पर फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' भी बन चुकी है जो काफी सफल रही। इस समय डॉन फहीम खान जमशेदपुर स्थित घाघीडीह जेल में आजीवन कारावास की सजा काट कर रहा है। उसके जरायम के पेशे को यहां पर उसके स्वजनों ने संभाल रखा है। अब कइयों की जान लेने वाले डॉन की बीवी को ही डर सता रहा है-जान का डर। यह मामला झारखंड हाई कोर्ट रांची तक पहुंच गया है। हाई कोर्ट ने झारखंड के गृह सचिव से जवाब मांगा है।

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डॉन की बीवी को चाहिए सरकारी अंगरक्षक

फहीम खान की पत्नी रिजवाना परवीन ने जान का खतरा बताते हुए धनबाद पुलिस से अंगरक्षक की मांग की है। पुलिस द्वारा अंगरक्षक नहीं मुहैया कराने पर परवीन हाई कोर्ट पहुंची है। गुरुवार को झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत में अंगरक्षक नहीं देने के मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अदालत ने सरकार पूछा है कि प्रार्थी को अंगरक्षक क्यों नहीं दिया जा रहा है। इस मामले में गृह सचिव से जवाब मांगा गया है। 

अंगरक्षक देने का बताना होगा नियम

हाई कोर्ट ने झारखंड सरकार को अंगरक्षक देने के नियम भी बताने का निर्देश दिया। इस संबंध में रिजवाना परवीन ने याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि प्रार्थी को कई बार जान से मारने की धमकी दी गई है। वह धनबाद में लंबित एक आपराधिक मामले की गवाह है। उस पर गवाही नहीं देने का दबाव भी बनाया जा रहा है, लेकिन धनबाद पुलिस उसकी बात नहीं सुन रही है। प्रार्थी ने अदालत से अंगरक्षक उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। सुनवाई के बाद अदालत ने सरकार को आठ सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।


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