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Weekly News Roundup Dhanbad: हरि अनंत हरि कथा अनंता... और संपन्न हुई हरि कथा

टुंडी व पूर्वी टुंडी में दो विद्युत उपकेंद्र बनकर तैयार हैं। एक पश्चिमी टुंडी की जाताखुंटी पंचायत के कर्माटांड़ में तो दूसरा पूर्वी टुंडी के चेपकिया में। यदि दोनों विद्युत उपकेंद्र चालू हो जाते तो हजारों जनता को इसका फायदा मिलता।

By MritunjayEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 06:02 AM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 06:02 AM (IST)
Weekly News Roundup Dhanbad: हरि अनंत हरि कथा अनंता... और संपन्न हुई हरि कथा
भागवत कथा में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनातीं महिलाएं।

धनबाद [ आशीष झा ]। Weekly News Roundup Dhanbad राजगंज क्षेत्र में करोड़पति परिवार ने कुछ दिन पहले भागवत कथा का आयोजन कराया। अब जहां कोविड की वजह से दुर्गापूजा पंडालों में इतनी बंदिशें लगाई गई हैं और दूसरी तरफ पुलिस की नाक के नीचे आराम से भागवत कथा का आयोजन हो गया, यह जनता को पच नहीं रहा। भागवत कथा की अनुमति अनुमंडल पदाधिकारी से मांगी गई थी, लेकिन वो किसी पचड़े में नहीं फंसना चाहते थे, सो अनुमति नहीं दी। इधर सारी तैयारियां हो चुकी थीं, आमंत्रण पत्र भी छप गए थे। खास परिवार ने आपबीती थानेदार को सुनाई। वो पंडाल देखने पहुंच भी गए, मगर तैयारी देखकर ही सहम गए। साफ कह दिया कि कार्यक्रम नहीं हो सकेगा। उसी समय किसी ने हवा उड़ा दी कि जिसने भी कार्यक्रम में बाधा डाली, उसका सर्वनाश हुआ है। बस क्या था, थानेदार भी बैकफुट पर आ गए और भागवत कथा भी हो गई।

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वाकई ये सबसे अलग है...

भाजपा खुद को दूसरी पाॢटयों से अलग मानती है। वाकई में है भी। हो भी क्यों न, शायद ही किसी पार्टी में सुनने में आया हो कि आप कार्यकर्ता किसी पार्टी के हैं और सांसद प्रतिनिधि किसी और पार्टी के। आजसू कोटे से गिरिडीह से सांसद बने चंद्रप्रकाश चौधरी ने अपने प्रतिनिधि की घोषणा की है। इस घोषणा में राजगंज के भाजपा नेता रामप्रसाद महतो का नाम है। जाहिर है कि सांसद तो अपनी पार्टी के जनाधार को ही मजबूत बनाएंगे और प्रतिनिधि होने के नाते भाजपा नेता उनके हर कार्यों के सहभागी होंगे। ऐसे में कहीं न कहीं पार्टी का काम तो प्रभावित होगा ही। अपनी ही पार्टी वाले माथापच्ची कर रहे हैं कि कैसे संभव हो सकता है कि कोई कार्यकर्ता कमल दल का हो और सांसद प्रतिनिधि दूसरी पार्टी का। जिलाध्यक्ष को भी कुछ नहीं सूझ रहा। मामले को टेक्निकल बता रहे।

मूंछ की लड़ाई में फजीहत

टुंडी व पूर्वी टुंडी में दो विद्युत उपकेंद्र बनकर तैयार हैं। एक पश्चिमी टुंडी की जाताखुंटी पंचायत के कर्माटांड़ में तो दूसरा पूर्वी टुंडी के चेपकिया में। यदि दोनों विद्युत उपकेंद्र चालू हो जाते तो हजारों जनता को इसका फायदा मिलता, लेकिन नेताओं की मूंछ की लड़ाई में आम जनता पिस रही है। सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी व विधायक मथुरा प्रसाद महतो उद्घाटन के लिए ताल ठोंक रहे हैं। हर कोई वाहवाही लूटने में लगा है। हालांकि आम जनता तो सब जानती है कि आखिरकार उपकेंद्र बनाने की पहल किस सरकार ने की थी, लेकिन नेता को कौन समझाए। जब तक चुनाव नहीं जीते तो जनता जनार्दन है और जीत गए तो जनता बेचारी हो गई। जो भी हो, यदि उद्घाटन हो जाता है तो 30 गांवों की जनता के घर बेहतर ढंग से रोशन हो सकेंगे। लोधरिया विद्युत उपकेंद्र का भार भी कम हो जाएगा।

ये कैसा विकास है भाई

यहां की झील का नजारा लेने दूर-दूर से लोग आते हैं। पर्यटन के लिहाज से सरकार ने कई घोषणाएं कर रखी हैं, लाखों रुपये खर्च भी हो चुके हैं, लेकिन मुद्रा जाती कहां है, इसका पता नहीं चल सका है। तोपचांची प्रखंड की बात हो रही है। यहां लाखों की लागत से झील के पास शौचालय बनाए गए। पर्यटकों में काफी संख्या में महिलाएं भी होती हैं। जाहिर तौर पर उनकी परेशानी समझी जा सकती है। उद्देश्य भी यही था कि यहां आने वालों को सुविधा मिलेगी। दो-दो शौचालय बने भी, लेकिन आज तक उनका ताला नहीं खुला। ऐसा क्यों, इसका जवाब भी नहीं। आखिर बंद रखने के लिए तो ये बने नहीं थे। बड़ी बात यही है कि आखिर जनता के पैसे से बने शौचालय का उपयोग कौन करेगा, किसके लिए उसे सुरक्षित रखा गया है? पर्यटक क्या, वहां के लोग भी आजिज हैं।


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