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Weekly News Roundup Dhanbad: माफ कीजिए साहब, सोशल मीडिया पर नहीं किसी का जोर

Weekly News Roundup Dhanbad रेल नगरी के नाम से विख्यात गोमो। यहां रेलवे की सड़कों की एक खास बात है। इन पर चलते ही आपका ब्लड प्रेशर हाई होगा और कलेजा मुंह को आ जाएगा।

By MritunjayEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 04:04 PM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 04:04 PM (IST)
Weekly News Roundup Dhanbad: माफ कीजिए साहब, सोशल मीडिया पर नहीं किसी का जोर
Weekly News Roundup Dhanbad: माफ कीजिए साहब, सोशल मीडिया पर नहीं किसी का जोर

धनबाद [ तापस बनर्जी ]। Weekly News Roundup Dhanbad स्वच्छता पखवाड़ा चल रहा है। ट्विटर पर स्वच्छता और उससे जुड़ी तस्वीरें शेयर की जा रही हैं। अफसर और कर्मचारी रेल को साफ सुथरा रखने की कसमें खा रहे हैं। अब इतना सबकुछ होने में बाद भी अगर कोई कर्मचारी व्यवस्था की पोल खोलती तस्वीर साझा कर दे तो साहब को तो गुस्सा आ ही जाएगा न। हुआ भी ऐसा ही। अफसरों के वाट्सएप ग्रुप में कॉलोनी की बदरंग तस्वीर एक कर्मचारी ने डाल दी। साथ ही यह विनती भी की कि कॉलोनी की सफाई करा दें, नहीं तो बीमारियों का संक्रमण हो जाएगा। उस ग्रुप में तमाम अफसरों के साथ रेल मंडल के मुखिया यानी डीआरएम भी जुड़े हैं। उनके सामने पोल खुल जाने से अब अफसरों को बहुत शर्मिंदगी महसूस हो रही है। नतीजा व्हिसल ब्लोअर कर्मचारी रेल अधिकारियों की आंख की किरकिरी बन गया है। साहबों की नजरों में नाराजगी दिख रही है। 

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...तो गिर जाओगे औंधे मुंह 

रेल नगरी के नाम से विख्यात गोमो। यहां रेलवे की सड़कों की एक खास बात है। इन पर चलते ही आपका ब्लड प्रेशर हाई होगा और कलेजा मुंह को आ जाएगा। चाहे गोमो पुराना बाजार की सड़क हो या सिकलाइन की। हर सड़क पर अव्यवस्था की रेल दौड़ती दिखेगी। यूं तो ऐसे ही सड़कें खस्ताहाल हैं, ऊपर से उन पर टूटी ईंटें और मिट्टी डाल दी गई है। नतीजा फिसलन ऐसी हो गई है कि कब औंधे मुंह गिर जाएं पता ही नहीं। अब तक कई लोग मुंह तुड़वा भी चुके हैं। बेशक गोमो जंक्शन को चकाचक करने के लिए करोड़ों खर्च करने की तैयारी हो रही है। इसके लिए 700 से ज्यादा दुकानों की बलि ली जा चुकी है। मगर कॉलोनी की सड़कें जो आवागमन के लिए बेहद जरूरी हैं उनकी ओर झांकने की भी फुर्सत अब तक बड़े साहब को नहीं मिली है। 

लक्ष्मी दर्शन की तैयारी 

डीआरएम ऑफिस के कंट्रोल रूम को चकाचक हुए अभी ज्यादा दिन नहीं हुए हैं। लाखों खर्च कर फाल्स सीलिंग के साथ सबकुछ चमकाया गया। इसे वातानुकूलित भी बनाया गया। पर इंजीनियरिंग विभाग के मुखिया बदले हैं तो फरमाइशें भी बदलेंगी ही। पुराने साहब ने जो करवाया, वो नए को पसंद नहीं आ रहा है। सो अपनी मर्जी से कंट्रोल रूम को संवारने की तैयारी कर दी है। कॉरपोरेट लुक देने की उनकी मंशा है। यानी फिर लाखों रुपये पानी की तरह बहाए जाएंगे। अब डीआरएम ऑफिस में भी कानाफूसी शुरू हो गई है। लंच में चाय की दुकान पर कर्मचारियों का जुटान था। इसी मुद्दे पर खूब चुटकी ली जा रही थी। एक कर्मी बोल उठा, हां भई तोड़ कर जोडऩे और जोड़कर तोडऩे में ही तो मैया लक्ष्मी दर्शन देती हैं। इस फलसफे को साहब लोगों से ज्यादा कौन जानता है। जय मां लक्ष्मी की। 

घर के साथ पानी-बिजली फ्री  

अपना खर्च कम करने के लिए रेलवे प्रबंधन लगातार अपने कर्मचारियों पर लगातार चाबुक चला रहा है। टीए और ओटी से लेकर रात्रि भत्ते तक रोके जा रहे हैं। पर रेलवे की जमीन और क्वार्टर पर कब्जा करने वालों के लिए कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व पूरा करने में बिल्कुल भी कोर कसर नहीं छोड़ रहे। उन्हें रहने के लिए मुफ्त क्वार्टर और लाखों की जमीन तो दान में दे ही दी, पानी और बिजली भी बिल्कुल फ्री है। आराम से रेलवे की बिजली जला लो, 24 घंटे पानी का सुख भोग लो। अब बड़ा सवाल यह है कि अवैध कब्जों की खबर महकमे के शीर्ष अफसर को भी है। बावजूद न तो बिजली और न पानी बंद हुआ। कब्जा करने वाले भी जानते हैं कोई टेंशन नहीं लेना है, यहां सब फ्री है। दूसरी ओर कर्मचारी मन ही मन कुढ़ रहे हैं। पर करें भी क्या। 


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