Move to Jagran APP

Weekly News Roundup Dhanbad: डोम राजा को अनोखी सजा, आइसोलेट होते ही खत्म हो गया राजपाट

Weekly News Roundup Dhanbad कोरोना चीन से आया है और माओवाद भी। खौफ ए कोरोना ने भाकपा माओवादी की उम्मीदों को परवान चढ़ा दिया है। नाममात्र की गश्त। कामरेड बेखौफ।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 12:47 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 05:50 PM (IST)
Weekly News Roundup Dhanbad: डोम राजा को अनोखी सजा, आइसोलेट होते ही खत्म हो गया राजपाट
Weekly News Roundup Dhanbad: डोम राजा को अनोखी सजा, आइसोलेट होते ही खत्म हो गया राजपाट

धनबाद [ अश्विनी रघुवंशी ]। Weekly News Roundup Dhanbad:लिलौरी स्थान के डोम राजा को अनोखी सजा मिली है। श्मशान में पृथक वास की सजा। डोम राजा का अपराध यही था कि उन्होंने 90 साल की बुजुर्ग महिला के बेटों का दाह संस्कार किया था। दाह संस्कार के बाद डोम राजा का श्मशान से बाहर निकलने पर प्रतिबंध लग गया। न घर जाने की इजाजत दी गयी, न मुहल्ले में आने की मंजूरी मिली। डोम राजा जाते तो कहां जाते। सामाजिक फरमान सुनाया गया कि श्मशान घाट में 14 दिन के पृथक वास का आनंद लो। तथाकथित भूतों के बीच। प्रजा की भलाई के लिए डोम राजा तैयार हो गए। अब डोम राजा की कोई सुध लेने को तैयार नहीं। भूख से पेट मरोडऩे लगता है तो थाली में कोई दूर से भोजन दे जाता है। अपनी परलोक यात्रा सुगम बनाने को एकाध लोग दया दिखा दे रहे हैं। सचमुच, खत्म हो गया राजपाट।

बलियापुर श्मशान से दूर रहिए
कोरोना के कारण मौत हो गयी तो आबादी से इतर श्मशान घाट नहीं था। नए उपायुक्त उमा शंकर सिंह ने पदभार संभालने के बाद सबसे पहले कोरोना से मरने वालों के लिए श्मशान बनाने का आदेश दिया। बलियापुर में जमीन खोजी गयी। कोरोना से मरने वालों को जलाने या दफनाने की बात सुनी तो विरोध में खौफजदा सैकड़ों लोग इकट्ठा हो गए। खूब हुआ बवाल। पथराव हुआ तो लाठियां चटकाई गई। झारखंड मूल के लोगों की आबादी कहीं अधिक। कोरोना से मरने वाले तीन लोगों का रात तीन बजे नए श्मशान में अंतिम संस्कार किया गया। अगले दिन रात में कुछ और कोरोना के शिकार लोगों का पार्थिव शरीर का वही पर क्रियाकर्म किया गया। अब पुलिस वाले घूम-घूम हल्ला कर रहे हैं कि श्मशान की तरफ न जाना, उधर कोरोना है। जिसका खौफ था, वही आ धमका तो लोग काहे जाएं श्मशान की तरफ।

तो काहे नहीं लगाए सीसीए
सिंदरी में लक्की सिंह है। दबंग वन, टू एवं थ्री। सब कुछ। सीसीए लगा कर जेल भेजा गया था तो सिंदरी में शांति आ गयी थी। सीसीए के प्रावधान ऐसे हो गए हैं कि तीन तीन महीने के लिए चार बार लग सकते हैं। लक्की सिंह पर सीसीए के तीन कार्यकाल गुजर गए थे। और तीन महीने भीतर रह सकता था। नहीं रह पाया। बाहर आया तो सिंदरी में फिर हो गया टकराव। इस दफा लक्की सिंह की वेद प्रकाश ओझा के साथ धींगामुश्ती हो गयी। कभी पुराने दोस्त थे। अब दुश्मन। सिंदरी की रेलवे साइडिंग से निजी कंपनियों का कोयला जाता है। काली कमाई कम नहीं। हर्ल कंपनी चालू होने को है तो दबंगई दिखाने में कोई कैसे पीछे रहे। तनाव बढ़ा तो पुलिस अधिकारियों की गाडिय़ों की कारवां बढ़ता गया। परेशान एक जवान झल्लाया कि इतनी फिक्र थी तो काहे नहीं लगाए सीसीए।

कोरोना को लाल सलाम

कोरोना चीन से आया है और माओवाद भी। खौफ ए कोरोना ने भाकपा माओवादी की उम्मीदों को परवान चढ़ा दिया है। कोरोना के कोहराम से पुलिस से लेकर अर्धसैनिक बलों के जवान खौफ में हैं। नाममात्र की गश्त। कामरेड बेखौफ। समानता का सपना दिखाने वाले माओवादी आबादी के बीच नहीं जाते। इसलिए कोरोना का भी भय नहीं। पारसनाथ का सब जोनल कमांडर नुनूचांद महतो उर्फ गांधी पांच लाख का इनामी है। नए कॉमरेड की खोज में टुंडी व तोपचांची के गांवों में बाइक से घूमने निकल रहा है, कभी साइकिल की सवारी कर रहा है। वैसे 20 कामरेड घातक हथियारों के साथ हमेशा उसके साथ रहते हैं। बेहद खतरनाक। सिंदुआरीटांड़ में बराकर नदी पर पुल बन रहा है। मनियाडीह के सर्रा में बालू उठ रहा है। नुनू की हर तरफ नजर। सो, अर्थाभाव भी नहीं। अनुकूल हालात लाने के लिए कामरेड का कोरोना को लाल सलाम।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.