Weekly News Roundup Dhanbad: जय गुरुदेव की जय ! यह है बार एसोसिएशन के अध्यक्ष की राजनीतिक मंशा
Weekly News Roundup Dhanbad 1926 में स्थापना के बाद खान एवं खनिज की तालीम के लिए द इंडियन स्कूल ऑफ माइंस (आइएसएम) की ख्याति पूरे विश्व में रही है। यह आइआइटी का दर्जा पा चुका है। आइआइटी में अभियंत्रण के हर विषय की पढ़ाई हो रही है।
धनबाद [अश्विनी रघुवंशी ]। आगरा के सिद्ध योग आश्रम की श्री मां उमा शक्ति से दीक्षा लेने वाले धनबाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राधेश्याम गोस्वामी की आजसू में वापसी हुई है। साढ़े चार हजार वकीलों की अगुवाई करने वाले राधेश्याम स्टेट बार काउंसिल के को-चेयरमैन भी हैं। उन्होंने रांची में सुदेश महतो की मौजूदगी में दोबारा आजसू का झंडा थाम लिया। दिन में सैकड़ों बार जय गुरुदेव बोलने वाले राधेश्याम अब जय सुदेश का भी राग अलाप रहे हैं। उनके लिए जय गुरुदेव स्थाई हंै, बाकी सब अस्थाई। झामुमो में भी रहे हैं। गुरुजी का केस भी लड़े थे। तृणमूल कांग्रेस में गए। इंटक की कमान संभाली। वकील बाबू का मजदूर राजनीति में क्या काम। यह बात समझ आई तो आजसू में जाने का फैसला लिए। काबिल वकीलों में शुमार ने यूं ही निर्णय नहीं लिया है। मेयर का चुनाव लडऩे को तैयार हैं। मेयर के एक और दावेदार।
खान के लिए नो जॉब
1926 में स्थापना के बाद खान एवं खनिज की तालीम के लिए द इंडियन स्कूल ऑफ माइंस (आइएसएम) की ख्याति पूरे विश्व में रही है। यह आइआइटी का दर्जा पा चुका है। आइआइटी में अभियंत्रण के हर विषय की पढ़ाई हो रही है। आइआइटी में दाखिला पाने वालों को यकीन रहता है कि संस्थान से निकलने के पहले हाथों में जॉब का ऑफर लेटर होगा। हरेक साल की तरह इस बार भी प्लेसमेंट के लिए देश भर की कई कंपनियां आईं। विद्याॢथयों को रोजगार के लिए बेहतरीन ऑफर मिले। सिर्फ खान-खनिज की पढ़ाई करने वालों को निराशा हाथ लगी। कोल इंडिया की सहयोगी कंपनी बीसीसीएल, ईसीएल, सीसीएल के अलावा निजी उद्यम भी जॉब के लिए नहीं आए। आइसएम आइआइटी में कंप्यूटर साइंस समेत और संकाय के विद्यार्थियों को रोजगार के लिए बेहतरीन ऑफर मिले हैं। आइआइटी के आगे आइएसएम के नाम की प्रासंगिकता तो बचाइए।
सियासत हो तो ऐसी
वतर्मान कालखंड बार बार कड़वा अहसास करा रहा है कि सियासत वाकई क्रूर है। सियासत में मानवीय संवेदनाओं का भी लोप हो रहा है। झारखंड आंदोलन के प्रणेता बिनोद बिहारी महतो के पुत्र राजकिशोर बाबू का निधन हो गया। अविभाजित बिहार था तो लालू राज में राजकिशोर महतो को लोग छाया मुख्यमंत्री कहते थे। उस वक्त वे गिरिडीह से झामुमो सांसद थे। फिर टुंडी विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक चुने गए। महज एक साल पहले विधानसभा चुनाव में झामुमो के मथुरा प्रसाद महतो ने उन्हेंं हराया था। राजकिशोर बाबू ने दुनिया का अलविदा किया तो झामुमो विधायक मथुरा प्रसाद महतो की आंखों में आंसू थे। पूर्व मंत्री जलेश्वर महतो भी आए। कुड़मी समाज के मानिंद लोगों के साथ ठंड में शाल ओढ़े पूरी रात राजकिशोर बाबू के आवास पर रहकर अंतिम संस्कार के विधि विधान तय किए। संदेश गया कि इंसानियत से ऊपर सियासत नहीं।
क्रिकेट खेलने दीजिए ना
आइपीएल के मैच हो चुके हैं। भारत एवं आस्ट्रेलिया के बीच एकदिवसीय के बाद टी-ट्वेंटी का मुकाबला भी आगे बढऩे लगा है। इंग्लैण्ड और दक्षिण अफ्रीका भी मैदान में आमने सामने हो रहे हैं। सब खेल रहे हैं तो धनबाद के क्रिकेटर क्यों नहीं। धनबाद क्रिकेट एसोसिएशन (डीसीए) ने जिलाधिकारी उमा शंकर सिंह से प्रतियोगिता शुरू कराने की अनुमति मांगी है। उनसे वायदा किया गया है कि घरेलू क्रिकेट में कोरोना के सभी नियम कायदे का पालन किया जाएगा। बी डिवीजन, ए डिवीजन, सुपर डिवीजन, स्कूल एवं महिला क्रिकेट टूर्नामेंट के आयोजन के लिए डीसीए तैयार है। अनुमति मिली नहीं कि पिच पर ताबड़तोड़ बल्लेबाजी और धारदार गेंदबाजी शुरू। यहां क्रिकेट के 150 क्लब, कोचिंग कैंप, स्कूल एवं महिला टीम हैं। बी डिवीजन की सर्वाधिक टीम है। इतने खिलाडिय़ों के अरमानों को कोरोना के वायरस ने जकड़ रखा है। अब कोरोना को बोल्ड करने का इरादा।