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Weekly News Roundup Dhanbad: डीएसपी पर भारी सिपाही, पढ़ें पुलिस विभाग की अजब-गजब कहानी

थाना पुलिस लाइन या जहां भी जमावड़ा होता है वहां राधे-राधे हो रहा है। इसका मतलब भी साफ है। पूर्व कप्तान साहब के खास रहे राधा कुमार का तबादला सीटीसी मुसाबनी कर दिया गया है।

By MritunjayEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 02:39 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 02:39 PM (IST)
Weekly News Roundup Dhanbad: डीएसपी पर भारी सिपाही, पढ़ें पुलिस विभाग की अजब-गजब कहानी
Weekly News Roundup Dhanbad: डीएसपी पर भारी सिपाही, पढ़ें पुलिस विभाग की अजब-गजब कहानी

धनबाद [ नीरज दुबे ]। कहते हैं जैसा नाम होता है, वैसा ही काम। कुछ ऐसा ही जलवा होमगार्ड के एक सिपाही का भी है। धन से जिसकी जय हो रही हो, भला डीएसपी या अन्य कोई पदाधिकारी की क्या मजाल होगी, की कोई उसे छू भी ले। बात बैंक मोड़ थाने के एक ड्राइवर की है। महज चार माह के लिए पोस्टिंग हुई, लेकिन 24 माह से अधिक का समय बीत गया। ड्राइवर साहब यहीं ठीके हुए हैं। तीन बार होमगार्ड समादेष्टा ने कमान वापस लिया, लेकिन अंगद के पांव की तरह जमे इस होमगार्ड को कोई हटा सके। पहले के मुंशी जी की बड़ी कृपा दृष्टि थी, वो तो चले गए, लेकिन अब बॉडीगार्ड साहेब मेहरबान हैं। इधर ड्राइवर के कारनामे भी बढ़ रहा है। इसने अपने अंडर में दो मानदेय भोगी स्टाफ भी रखे हुए है। थाना से लेकर होमगार्ड कार्यालय तक शुभचिंतक भी हैं जो किसी भी कार्यवाही की पूरी सूचना दे देते हैं। ऐसे में बड़े साहब का मिशन व्हाइट भी प्रभावित हो रहा है।

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ओनली व्हाइट, नो ब्लैक

नए कप्तान साहब के आने के बाद से काले धंधेवालों की नहीं चल रही है। वहीं बड़े साहब के काम करने का स्टाइल अभी मातहत भी पकड़ नहीं पा रहे। एक वाकया है, जो कुछ दिन पहले का है। सुबह साहब वायरलेस पर आ गए। इलाकों में विधि व्यवस्था की जानकारी लेने लगे। शुरुआत जिले के पश्चिमी इलाकों के थानों से हुई। यस सर, नो सर का सिलसिला चल रहा था। सभी थानेदार आदेश सुन रहे थे, लेकिन उन्होंने पूर्वी क्षेत्र के एक चॢचत थाना में धमक दे दी। अब स्टाफ सन्न। किसी को कुछ सूझने नहीं लगा। थानेदार बुलाए गए। वे आए और साहब के सामने खड़े होकर सवालों का जवाब देने लगे। जब बड़े साहब चलने को हुए तो जाते-जाते गंभीर बात बोलकर निकल गए। ओनली व्हाइट, नो ब्लैक। इशारा काफी था। कोयले की काली कमाई पर बड़े साहब का हथौड़ा चल ही गया।

राधे-राधे की चर्चा आम

राधे-राधे। इन दिनों ये शब्द धनबाद जिला पुलिस में जोरदार प्रचलन में है। थाना, पुलिस लाइन या जहां भी पुलिस का जमावड़ा होता है, वहां राधे-राधे हो रहा है। इसका मतलब भी साफ है। पूर्व कप्तान साहब के खास रहे राधा कुमार का तबादला सीटीसी मुसाबनी कर दिया गया है। जो उनके शागिर्द थे और जो नहीं थे, वे भी अब राधे-राधे कर रहे हैं। राधा कुमार की खासियत यह थी कि सहायक अवर निरीक्षक के पद पर होते हुए भी उस रुतबे में रहे, जो इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अधिकारी को मिलता है। उनकी विशेषता यह भी रही कि कहीं भी स्थानांतरण हो, वह घूम फिर कर धनबाद ही आ जाते। इसको लेकर तरह-तरह की बातें भी होती रहीं। नए कप्तान साहब के आने के बाद हालात बदले हैं और व्यवस्था भी। असर दिख रहा है। महकमे में इसकी चर्चा हो ही जा रही है।

इस सुर को नहीं मिला ताल

धनबाद साइबर थाना के इंस्पेक्टर नवीन राय की गायकी लाजवाब है। सोशल मीडिया पर इनके गीतों को बहुत पसंद किया जाता है। 300 से 500 तक लाइक तत्काल मिल जाते हैं, उत्साह भी बढ़ता है। इन दिनों राय बहुत हतोत्साहित हैं। साइबर अपराध रुके, इसके लिए उन्होंने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर एक पोस्ट किया। एक दिन बीते, दो दिन बीते, देखते-देखते 10 दिन गुजर गए। केवल एक लाइक और बस एक शेयर मिला। साइबर अपराध के मामले में यह उदासीनता, गंभीर विषयों के प्रति यह बेरुखी। इंस्पेक्टर आहत हैं। कहते हैं- बैंक से पैसे निकाल लिए जाएं, किसी का सोशल मीडिया एकाउंट हैक हो जाए, तो हाय-तौबा मच जाती है। जब इसे रोकने की बारी आती है तो लोग मौन हो जाते हैं, जैसे इस प्रकार की घटनाओं से उन्हेंं कोई वास्ता ही नहीं। उन्हें कौन समझाए कि ये उनके लिए ही है।


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