Indina Railway News: यकीन मानिए, स्पेशल बनकर चलती रहेंगी ट्रेनें
Indian Railway News 22 मार्च 2020 को कोरोना के मद्देनजर रेलवे ने रेल गाड़ियों का परिचालन पर अचानक ब्रेक लगा दिया था। इसके महीनों बाद एक-एक कर स्पेशल बनाकर ट्रेनों का परिचालन शुरू हुआ। हालांकि अब सभी ट्रेनें पटरी पर नहीं आईं हैं।
धनबाद, जेएनएन। धनबाद रेलवे स्टेशन का पूछताछ केंद्र। गुरुवार को हथेली पर खैनी रगड़ते हुए पाजामा-कुर्ता पहने तीन-चार लोग आए। कांच के पीछे लोहे की जाली तक मुंह ले गए। पूछने लगे कि 31 के बाद गंगा-दामोदर बंद है। सर, कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद हल्ला है कि 31 के बाद फिर ट्रेनें बंद होंगी। हमें होली के बाद जाना है। पूछताछ केंद्र पर बैठे कर्मचारी ने जवाब दिया, ऐसी कोई सूचना नहीं है। खैनी ठोकते हुए अगला सवाल ठोक दिया गया, वाट्सअप से लेकर टेलीविजन पर भी इस तरह का बात जानने को मिली है। एक और व्यक्ति बोल पड़े कि बिना आग के धुआं नहीं निकलता सर। दरअसल, रेल परिचालन बंद होने की अफवाह सिर्फ धनबाद तक सीमित नहीं है। इतना हल्ला हुआ कि रेल मंत्रालय को बताना पड़ गया है कि ट्रेनें बंद नहीं होगी। चलो, त्योहार में राहत तो मिली।
डीआरएम ने भिजवाया स्कूटर
रेलवे की पार्सल व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए धनबाद डीआरएम आशीष बंसल को खुद कमान संभालनी पड़ रही है। 14 मार्च को तारीक अंसारी ने मुंबई से गोमो के लिए स्कूटर बुक कराया था। स्कूटर को मुंबई से हावड़ा जा रही ट्रेन के पार्सल वैन में लादा गया। 16 मार्च की सुबह ट्रेन गोमो में रुकी। कर्मचारियों को स्कूटर उतारना याद नहीं रहा। स्कूटर धनबाद पहुंच गया। तारीक गोमो गए। न स्कूटर मिला, न संतोषजनक जवाब। परेशान होकर उन्होंने धनबाद डीआरएम को ट््वीट कर दिया। पार्सल बुक कराने वाले ने खुद शिकायत की तो पार्सल महकमा तुरंत हरकत में आ गया। कुछ ही देर में स्कूटर खोज लिया गया। डीआरएम ने स्कूटर को गोमो भिजवाने का भरोसा भी दिया। धनबाद गया इंटरसिटी से स्कूटर गोमो गया। काश, गोमो में यही तत्परता दिखाई गई होती तो डीआरएम साहब को जहमत नहीं उठानी पड़ती।
वीडियो डाल बताया सूरत-ए-हाल
इंटरनेट मीडिया भी कमाल की चीज है यदि कोई कमाल करने की ठान लें। रेलवे में गोलमाल की शिकायत करने के लिए अनूप कुमार सिंह नामक एक नागरिक ने वाकई कमाल किया। धनबाद रेल मंडल के दायरे में आने वाले भुरकुंडा स्टेशन को जाने वाली मुख्य सड़क को बनाने में ठेकेदार बाबू की बाजीगरी को उजागर करने के लिए अनूप कुमार सिंह ने खुद बाइक दौड़ायी। सारे गोलमाल का वीडियो रिकार्ड किया। इसके बाद वीडियो को धनबाद डीआरएम, रेल मंत्रालय से पीएमओ तक ट्वीट कर दिया। वीडियो देख कर रेल अधिकारी आसानी से समझ जाएंगे कि सड़क बनाने में कितना बालू, गिट्टïी और सीमेंट का उपयोग किया गया। डीआरएम साहब तुरंत एक्शन में आ गए। तुरंत वीडियो को संबंधित विभाग को भेज दिए ताकि सूक्ष्मता से तकनीकी जांच की जाय। ठेकेदारों के लिए इंटरनेट मीडिया नया खतरा बन गया है। वाकई।
इंजीनियर साहब को चाहिए लक्ष्मी
धनबाद रेल मंडल के मुख्यालय में किसी के मुंह से यदा-कदा सुनने को मिलता था कि इंजीनियर साहबों को लक्ष्मी के दर्शन करा दीजिए तो रेल पटरियों को देखने के लिए धूप में भाग दौड़ नहीं करनी होगी। इंजीनियर साहब आराम की ड्यूटी दे देंगे। पारसनाथ के सीनियर सेक्शन इंजीनियर (पाथ-वे) ने किसे धूप में दौड़ाया और किसे आराम से बैठाया, यह वही जाने। लेकिन, किसी ट्रैकमैन ने डीआरएम, रेल मंत्रालय से पीएमओ तक पोल-पट्टïी खोल दी है। ट्रैकमैन के नाम से बनाए गए ट्विटर एकाउंट के जरिए की गई शिकायत में साफ कहा गया कि सीनियर सेक्शन इंजीनियर भ्रष्टाचार में लिप्त हैैं। ट्रैकमैन से पैसे लेकर उन्हें ऑफिस की ड्यूटी पर लगाते हैं। किसी ट्रैकमैन को छुट्टी भी चाहिए तो बगैर चढ़ावा के आवेदन को मंजूर नहीं किया जाता। बहरहाल, शिकायत ऐसी है जिसकी कोई अनदेखी नहीं कर सकता। सच जानने को रेलवे ने जांच बैठा दी है।