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Ayodhya Structure Demolition Case: अदालत के फैसले से भाजपा में खुशी की लहर, सांसद बोले- सत्यता को न्याय से परिभाषित किया

अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस केस में सीबीआइ की विशेष अदालत का फैसला आ गया। 28 साल से चल रहे मुकदमे में लालकृष्ण आडवाणी मुरली मनोहर जोशी समेत सभी आरोपितों को बरी कर दिया। विशेष जज ने कहा कि तस्वीरों से किसी को आरोपित नहीं ठहराया जा सकता है।

By Sagar SinghEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 11:13 PM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 11:13 PM (IST)
Ayodhya Structure Demolition Case: अदालत के फैसले से भाजपा में खुशी की लहर, सांसद बोले- सत्यता को न्याय से परिभाषित किया
धनबाद से भाजपा सांसद पशुपतिनाथ सिंह। (फाइल फोटो)

धनबाद, जेएनएन। अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाने के मामले में आए अदालत के फैसले से भाजपा नेताओं में खुशी की लहर है। सभी आरोपित नेताओं के बाइज्जत बरी होने पर सांसद पीएन सिंह समेत अन्य लोगों ने भी खुशी जाहिर की है। सांसद पशुपतिनाथ सिंह ने कहा कि इस फैसले ने एक बार फिर सत्यता की सर्वोच्चता को न्याय से परिभाषित किया है। लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह समेत सभी को आरोप मुक्त किया जाना हम सबों के लिए हर्ष का विषय है। भाजपा सांसद ने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं हो सकता। बहुप्रतीक्षित सत्य की विजय के साथ आए फैसले का स्वागत करता हूं।

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पूर्व महापौर चंद्रशेखर अग्रवाल ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर जो हमारे संत, महात्मा, वरिष्ठ नेताओं पर झूठे आरोप लगाए थे वह सभी निर्मूल सिद्ध हो गए। कांग्रेस लोगों को गुमराह करने के लिए देश से माफी मांगे। भाजपा धनबाद महानगर के अध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह ने कांग्रेस सरकार ने तुष्टीकरण के लिए षड्यंत्र के तहत भारतीय राजनीति के प्रतिष्ठित लोगों को घसीटने का काम किया था। राजनीतिक द्वेष और घृणा के कारण हमारे पूज्य संतों और वरिष्ठ नेताओं पर मिथ्या आरोप लगाने वालों को यह संविधान का जवाब है।

ग्रामीण जिलाध्यक्ष  ज्ञानरंजन सिन्हा ने कहा कि इस फैसले से यह साबित हो गया कि तत्कालीन केंद्र की कांग्रेस सरकार ने साजिश के तहत इस मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती सहित तमाम नेताओं को फंसाया था। अदालत के फैसले से दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। विधि प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष नरेंद्र त्रिवेदी ने कहा कि अदालत का फैसला स्वागत योग्य है। हर्ष प्रकट करने वालों में संजीव अग्रवाल, संजय झा, नितिन भट्ट, मानस प्रसून, मिल्टन पार्थसारथी शामिल थे।

बता दें कि अयोध्या विध्वंस केस में बुधवार को सीबीआइ की विशेष अदालत का बहुप्रतीक्षित फैसला आया। 28 साल से चल रहे इस मुकदमे पर विशेष जज एसके यादव ने अपने कार्यकाल का अंतिम फैसला सुनाते हुए लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह समेत सभी 32 आरोपितों को बरी कर दिया। विशेष जज ने कहा कि तस्वीरों से किसी को आरोपित नहीं ठहराया जा सकता है। अयोध्या ढांचा विध्वंस पूर्व नियोजित नहीं था। घटना के प्रबल साक्ष्य नही हैं।


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