डीसी लाइन पर दाैड़ा वैगन टावर ट्रायल इंजन, अब रेलगाड़ी का इंतजार
ट्रैक बंद रहने के कारण मैनुअल तरीके से टावर बैगन को लेकर धनबाद से सोनारडीह स्टेशन तक निरीक्षण किया गया।पश्चिम दिशा में रो-प्रीवेमेंट केबिन के समीप ओवरहेड तार को दुुरुस्त किया गया।
कतरास, जेएनएन। धनबाद-चंद्रपुरा रेल मार्ग पर 567 दिन के बाद शुक्रवार को इंजन की आवाज सुनाई दी। डेढ़ वर्ष से बंद डीसी लाइन को फिर से शुरू करने की दिशा में वैगन टावर ट्रायल इंजन को रेल पटरी पर दौड़ाया गया। जगह-जगह ओवरहेड तारों को दुरुस्त किया गया। रेल पटरी व सिग्नल की जांच की गई। तकनीकी अधिकारियों ने इस मार्ग में पुन: ट्रेन चलाने को लेकर कई बिंदुओं पर जांच पड़ताल की।
अधिकारियों के अनुसार डीजीएमएस के डायरेक्टर जेनरल द्वारा 22 जनवरी को निरीक्षण की तिथि निर्धारित की गई है। उनके साथ सीसीआरएस भी रहेंगे। इसके बाद ही डीसी रेल लाइन पर सवारी गाड़ी को दौडऩे के लिए हरी झंडी मिलेगी।
ट्रैक बंद रहने के कारण मैनुअल तरीके से टावर बैगन को लेकर धनबाद से सोनारडीह स्टेशन तक निरीक्षण किया गया। छाताबाद पुल के पश्चिम दिशा में रो-प्रीवेमेंट केबिन के समीप ओवरहेड तार को दुुरुस्त किया गया। अधिकारियों ने बताया कि दो दिन के अंदर इंजन का ट्रायल होगा और अगर डीसीएमएस व सीसीआरएस की हरी झंडी मिली तो अब सवारी गाड़ी लेकर आएगे। फिलहाल कतरासगढ़ स्टेशन के तीन नंबर प्लेटफार्म को मिट्टी की भराई कर समतलीकरण किया जाएगा ताकि यात्रियों को गाड़ी में चढऩे व उतरने में असुविधा नहीं हो। डीसी लाइन पर ट्रेन चलाने लायक है, थोड़ी मरम्मत करने की जरूरत है उसे शीघ्र दुरुस्त कर लिया जाएगा।
सीनियर डीईएन बीके सिंह, सीनियर डीएसओ अरविंद कुमार रॉय, सीनियर डीएसटीई अजित कुमार, सीनियर डिविजन इंजीनियर शत्रुघ्न प्रसाद, डीईएन लेंड टी सोनबाल, मुख्य यार्ड मास्टर पीके सिंह, जे नंदी, बीके बासु आदि शामिल थे।
इधर, कतरास क्षेत्र के जीएम जीतेंद्र मल्लिक अपने सहयोगियों के साथ अंगारपथरा हॉल्ट के समीप लिलटेन अंगारपथरा के अग्नि प्रभावित पैच को देखने पहुंचे। उन्होंने वर्तमान आग की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली।महाधरना के आंदोलनकारियों ने जीएम से मिट्टी की भराई तथा पानी की आपूर्ति सुनिश्चित कराने की मांग की। पार्षद डॉ. विनोद गोस्वामी, राजेेंद्र प्रसाद राजा, शौकत खान, परवेज इकबाल, नरेश दास आदि ने कहा कि बीसीसीएल आग को बुझाने की दिशा में ठोस पहल करे तो शीघ्र ही काबू पा लिया जाएगा। जीएम ने अग्नि प्रभावित इलाके में हुए ट्रेंच कटिंग कर पानी देने का निर्देश दिया।