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UPSC Result 2019 : हर्षा ने पूरा किया सपना; मां-पापा के लिए पहले बनी डॉक्टर, फिर निकाला यूपीएससी का एग्जाम

UPSC Result 2019 165वां रैंक लाने वाली डॉ. हर्षा प्रियंवदा ने बताया कि धनबाद और बोकारो में रहकर एक साल तक तैयारी की। एक महीने के लिए दिल्ली गई थी लेकिन वहां बस दिखावा है।

By Sagar SinghEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 08:00 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 08:02 PM (IST)
UPSC Result 2019 : हर्षा ने पूरा किया सपना; मां-पापा के लिए पहले बनी डॉक्टर, फिर निकाला यूपीएससी का एग्जाम
UPSC Result 2019 : हर्षा ने पूरा किया सपना; मां-पापा के लिए पहले बनी डॉक्टर, फिर निकाला यूपीएससी का एग्जाम

धनबाद, जेएनएन। UPSC Result 2019 संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी की ओर से सिविल सेवा 2019 का रिजल्ट मंगलवार को दोपहर बाद जारी कर दिया गया। इसमें कुसुम बिहार निवासी धनबाद की बेटी डॉ. हर्षा प्रियंवदा ने सफलता हासिल की हैं। हर्षा को 165वां रैंक मिला है। हर्षा के पिता डॉ. धर्मेंद्र कुमार और माता डॉक्टर रेखा नायक पीएमसीएच में कार्यरत हैं। हर्षा ने वर्ष 2018 में एमबीबीएस की पढ़ाई पीएमसीएच पटना से पूरी की हैं। हर्षा की इस उपलब्धि से परिजनों और शुभचिंतकों में खुशी का माहौल है। हर्षा का ननिहाल बोकारो के पेटरवार में है। वह मूल रूप से बिहार के जहानाबाद की रहने वाली हैं। हर्षा ने झारखंड कैडर के लिए इच्छा जताई है।

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डॉक्टर बननां था माता पिता का सपना, आईएएस था मेरा सपना : दैनिक जागरण से बातचीत में हर्षा ने बताया कि मैंने अपने माता-पिता के साथ-साथ अपना सपना भी पूरा किया है। माता पिता डॉक्टर बनाना चाहते थे। इसके लिए पटना पीएमसीएच से साल 2018 में मैंने एमबीबीएस की पढाई पूरी की। इसके बाद अपने सपने में लग गई। आज खुशी हो रही है कि मैंने अपने सपने को भी पूरा कर लिया। आईएस बनने का ख्वाब 10वीं क्लास से ही मन में था।

मेहनत करने पर एक साल में भी मिल सकती है सफलता : हर्षा ने बताया वर्ष 2018 में एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद जून से ही यूपीएससी की तैयारी में लग गई। पहली बार 2018 में यूपीएससी की परीक्षा दी तो सफल नहीं मिली। हालांकि उससे काफी कुछ सिखने समझने को मिला। मेरा सब्जेक्ट एंथ्रोपोलॉजी था। इसके बाद एक साल पढ़ाई में लग गई। हर्षा बताती हैं यदि आपके पास एक साल भी है और आपने जी जान लगाकर पढ़ाई की है, तो सफलता मिल सकती है। समानता में 10 से 12 घंटे पढ़ती थी। परीक्षा नजदीक आने पर 14 से 15 घंटे भी पढ़ाई की। 

दिल्ली में सिर्फ दिखावा, धनबाद-बोकारो में ही की तैयारी : हर्षा ने बताया कि एक साल की तैयारी वह धनबाद और बोकारो में ही रहकर की। एक महीने के लिए दिल्ली गई थी, लेकिन वहां बस दिखावा है। आप जहां कहीं भी हैं वहीं से तैयारी इमानदारी पूर्वक कर सकते हैं। इंटरनेट पर तैयारियों से संबंधित काफी मटेरियल है। मैंने भी यही किया। सामग्री जुटा कर अपनी पढ़ाई में लग गई।

-----प्रोफाइल-----

  • प्राथमिक शिक्षा- सरस्वती विद्या मंदिर, पेटरवार बोकारो।
  • 10वीं- कार्मेल स्कूल डिगावाडीह, धनबाद।
  • 12वीं- दिल्ली पब्लिक स्कूल, बोकारो।
  • एमबीबीएस- पीएमसीएच पटना (2018)।
  • यूपीएससी: 2019- रैंक 165

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