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UP Conversion racket: उमर गाैतम के अवैध मतांतरण गिरोह का तार झारखंड से जुड़ा, धनबाद का बीज कारोबारी नागपुर से गिरफ्तार

Umar Gautam Conversion Racket यूपी के एक हजार से ज्यादा हिंदुओं का मतांतरण कराने वाले उमर गाैतम के गिरोह के खिलाफ पुलिस अभियान चला रही है। इस मामले में यूपी एटीएस ने गिरोह में शामिल तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें धनबाद का काैसर आलम भी शामिल है।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 19 Jul 2021 02:05 PM (IST)Updated: Mon, 19 Jul 2021 02:20 PM (IST)
UP Conversion racket: उमर गाैतम के अवैध मतांतरण गिरोह का तार झारखंड से जुड़ा, धनबाद का बीज कारोबारी नागपुर से गिरफ्तार
गिरोह में शामिल धनबाद का कैसर आलम ( फाइल फोटो)।

लखनऊ/ धनबाद, जेएनएन। यूपी में अवैध रूप से हिंदुओं का मतांतरण कराने वाले उमर गाैतम के गिरोह का तार धनबाद से जुड़ा है। मूल रूप से धनबाद के रहने वाले काैसर आलम को महाराष्ट्र के नागपुर से गिरफ्तार किया गया है। आमल के साथ ही दो अन्य की भी गिरफ्तारी हुई है। यूपी एटीएस से अधिक जानकारी के लिए धनबाद पुलिस से संपर्क साधा है। कहा जा रहा है कि काैसर बीज का कारोबार करता है। वह लोयाबाद का रहने वाला बताया जाता है। 

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तीन दिन पहले हुई गिरफ्तारी

गहरी साजिश के तहत एक हजार से अधिक हिंदुओं का मतांतरण कराने वाले उमर गौतम व उसके साथियों का नेटवर्क कई राज्यों में फैला है। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की जांच में यह बात साबित हुई है। एटीएस ने मुख्य आरोपी उमर गौतम के तीन सक्रिय साथियों को नागपुर (महाराष्ट्र) से गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि शुक्रवार देर रात नागपुर से रामेश्वर कांवरे उर्फ एडम, कौसर आलम व भूप्रिय बंदो उर्फ डॉ.अर्सलान को गिरफ्तार किया गया है। एडम की पत्नी पत्नी इजिप्ट की नागरिक माई हसन अली है। एडम का नेटवर्क इजिप्ट से लेकर मध्य एशिया व कई मुस्लिम बाहुल्य देशों में फैला था और वह लंबे समय से उमर गौतम के सीधे संपर्क मेें था। एडम ही महाराष्ट्र में मतांतरण के नेटवर्क की कमान संभाल रहा था। एटीएस मामले में इससे पूर्व उमर गौतम समेत पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। एडीजी के अनुसार एडम नागपुर के गणेशपेठ का निवासी है।

एटीएस ने धनबाद पुलिस से साधा संपर्क

धनबाद के लोयाबाद का मूलरूप से रहने वाला काैसर आलम नागपुर व अन्य राज्यों में बीज का कारोबार करता है। काैसर के बार में विस्तृत जानकारी हासिल करने के लिए यूपी एटीएस ने धनबाद पुलिस से संपर्क साधा है। हालांकि इस बाबत धनबाद पुलिस कुछ भी बोलने से इन्कार कर रही है। डा.अर्सलान मूलरूप से चमोसी, गढ़ चिरौली (महाराष्ट्र) का निवासी है कई वर्षों से हिजामा थेरेपी से जुड़ा है। अर्सलान उमर व उसके महाराष्ट्र नेटवर्क के लिए फंडिंग का काम संभालता है। 

महाराष्ट्र में नेटवर्क चलाने में एडम की भूमिका

आइजी एटीएस जीके गोस्वामी का कहना है कि जांच में सामने आया है कि उमर गौतम के महाराष्ट्र नेटवर्क से कौसर, डा.अर्सलान, पूर्व में गाजियाबाद में पकड़ा गया विजय वर्गीय, डा.फराज व अन्य लोग जुड़े थे और इन सभी का सीधा संपर्क एडम से था। स्नातक एडम मतांतरण के लिए लोगों को उकसाने का काम इंटरनेट मीडिया के जरिए भी करता था। वह इंटरनेट मीडिया के कई ग्रुप में सक्रिय था और उनके जरिए इस्लाम का प्रचार-प्रसार कर रहा था। महाराष्ट्र में मतांतरण का नेटवर्क संचालित करने में सबसे खास भूमिका एडम की रही है। 

व्यापार के नाम पर काैसर ने बढ़ाया नेटवर्क

कौसर व उमर के भी काफी पुराने रिश्ते हैं और कौसर अपने व्यापार के नाम पर महाराष्ट्र, कर्नाटक व अन्य राज्यों में अपना नेटवर्क बढ़ा रहा था। कौसर वर्ष 2018 से एडम व अर्सलान के साथ दिल्ली व एनसीआर में होने वाले उमर गौतम के वार्षिक कार्यक्रम में शामिल होता रहा है। उमर गौतम मतांतरण कराने वाले लोगों का एक सालाना जलसा आयोजित कराता था। नागपुर से पकड़े गए तीनों आरोेपितों को यहां कोर्ट में पेश किए जाने केे बाद पुलिस रिमांड पर लिए जाने की भी तैयारी है। तीनों के अन्य साथियों के बारे में भी छानबीन की जा रही है। 

एक माह पहले पकड़ा गया था सरगना

एटीएस ने 20 जून को उत्तर प्रदेश से लेकर अन्य राज्यों तक फैले मतांतरण के इस नेटवर्क का राजफाश किया था। जिसके बाद गिरोह से जुड़े अन्य लोग बेनकाब हो रहे हैं। संगठित रूप से मूक-बधिर बच्चों, महिलाओं व कमजोर आय वर्ग के लोगों को डरा-धमका कर अथवा प्रलोभन देकर उनके भीतर अपने धर्म के प्रति नफरत के बीच बोकर उनका मतांतरण कराने के इस मामले में सबसे पहले मुख्य आरोपी दिल्ली निवासी मु.उमर गौतम व मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी की गिरफ्तारी हुई थी। एटीएस ने करीब दो वर्षों में एक हजार लोगों का मतांतरण कराए जाने का ब्योरा जुटाने का दावा किया था। उत्तर प्रदेश के कई जिलों के अलावा दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, केरल व आंध्र प्रदेश तक में मतांतरण कराए जाने के साक्ष्य मिले थे। कई युवतियों का मतांतरण कराकर उनकी शादी मुस्लिम युवकों से कराए जाने के मामले भी सामने आए थे। प्रकरण में उमर गौतम द्वारा दिल्ली में संचालित संस्था इस्लामिक दावा सेंटर (आइडीसी) की अहम भूमिका थी। एटीएस के लखनऊ स्थित थाने में धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र, धार्मिक उन्माद भड़काने, राष्ट्रीय एकता को प्रभावित करने का कार्य, उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यायदेश-2020 समेत अन्य धाराओं में एफआइआर दर्ज की गई है। इसी मुकदमे के तहत एटीएस ने उमर के सक्रिय साथी हरियाणा निवासी मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, महाराष्ट्र के निवासी इरफान शेख व दिल्ली निवासी राहुल भोला को गिरफ्तार किया था। अब तीन और आरोपी दबोचे गए हैं। 

फंडिंग की और कड़ियां खंगाल रही एटीएस

एटीएस मतांतरण मामले में उमर गौतम को आइएसआइ के जरिए फंडिंग की जांच भी कर रही है। उमर व उसके साथियों को हवाला कारोबार के जरिए व अन्य माध्यमों से फंडिंग का खेल भी सामने आ चुका है। डा.अर्सलान महाराष्ट्र में फंडिंग करा रहा था। एटीएस अब उससे फंडिंग के नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास करेगी।


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