जेबीसीसीआइ-11 में 50 फीसद की जाए वेतन वृद्धि
केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने जेबीसीसीआइ-11 की बैठक में 50 फीसद न्यूनतम गारंटी लाभ की मांग करने का निर्णय लिया है। बुधवार को संयुक्त प्रतिवेदन तैयार करने के लिए चारों केंद्रीय श्रमिक संगठनों की बैठक हुई। इसमें सभी संगठनों के पांच-पांच लोग वेबिनार के जरिए एक-दूसरे से मुखातिब थे।
जागरण संवाददाता, धनबाद : केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने जेबीसीसीआइ-11 की बैठक में 50 फीसद न्यूनतम गारंटी लाभ की मांग करने का निर्णय लिया है। बुधवार को संयुक्त प्रतिवेदन तैयार करने के लिए चारों केंद्रीय श्रमिक संगठनों की बैठक हुई। इसमें सभी संगठनों के पांच-पांच लोग वेबिनार के जरिए एक-दूसरे से मुखातिब थे। साढे़ तीन घंटे तक चली बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। जिस बिदु पर जिनकी मांग अधिक थी, उसे शामिल कर संयुक्त प्रतिवेदन तैयार किया गया। यही प्रतिवेदन जेबीसीसीआइ-11 की बैठक में श्रमिक संगठनों की ओर से रखी जाएगी। हालांकि इससे पूर्व इस पर सभी फेडरेशन अपने-अपने मूल संगठनों से इस पर विचार-विमर्श करेंगे। 10 जून तक इस पर सभी हस्ताक्षर कर इसे कोल इंडिया प्रबंधन को सौपेंगे। बता दें कि कोल इंडिया प्रबंधन के साथ 29 मई को हुई बैठक में तय हुआ था कि 15 जून तक जेबीसीसीआइ का गठन कर पहली बैठक कर लिया जाना है। इससे पहले सभी ट्रेड यूनियनों को संयुक्त प्रतिवेदन तैयार करना था।ताकि फैसला होने में कम समय लगे और नेशनल कोल वेज एग्रीमेंट-11 जल्द से जल्द तैयार हो जाए। बैठक की अध्यक्षता भारतीय मजदूर संघ ने की। सुरेंद्र कुमार पांडे ने संचालन किया उनके अलावा भामसं से संबद्ध अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ के महामंत्री सुधीर घुर्डे, जयंत अशोले, माधव नायक, दिलीप सातपूते उपस्थित थे। हिद मजदूर सभा से नाथूलाल पांडे, एसके पांडे, अख्तर हुसैन, शिवकुमार यादव, एटक से रमेंद्र कुमार, आरपी सिंह, लखन महतो, हरिद्वार सिंह, सीटू से डीडी रामनंदन, जेएस सोढ़ी, नरसिम्हा राव शामिल हुए। संयुक्त प्रतिवेदन की प्रमुख मांगें :
- वार्षिक वेतन वृद्धि : 6 फीसद दिया जाए
- अतिरिक्त वेज वृद्धि : अधिकतम तीन (प्रत्येक पांच साल में एक दिया जाय)
- सर्विस वेटेज इंक्रीमेंट : जेबीसीसीआइ-आठ की तरह दिया जाए।
- भूमिगत भत्ता : पुनरीक्षित बेसिक का 30 फीसद दिया जाए।
- कोलफील्ड्स भत्ता : 10 फीसद पुनरीक्षित बेसिक का दिया जाए।
- नाइट एलाउंस : पांच फीसद पुनरीक्षित बेसिक का दिया जाए।
- चार्ज एलाउंस : माह के आठ दिन के वेतन बराबर दिया जाए। इन मुद्दों पर भी हुई बात :
- बैठक में पैरामेडिकल एलाउंस, नर्सिग, रेस्क्यू एलाउंस, डस्ट, स्पेशल एरिया एलाउंस बढ़ाने पर चर्चा हुई है। पहली बार कामगारों के लिए बाइक के लिए 10 फीसद व कार के लिए 20 फीसद कन्वेयेंस एलाउंस की मांग की गई। नये भत्तों में रेडियो एलाउंस, सिलाई भत्ता की मांग की गई। विशेष एलाउंस अभी जो चार फीसद मिलता है उसे दस फीसद करने की मांग की गई। आवास भत्ता (गैर शहरी क्षेत्र) हेतु 10 फीसद मांगा गया है। उपरोक्त के अलावा 55 फीसद पर्क्स की भी मांग की गई है। अवकाश बढ़ाने की भी मांग
बैठक में कर्मियों के अवकाश में भी वृद्धि करने की मांग की गई। आकस्मिक अवकाश वर्ष में 15 दिन, मेडिकल 20 दिन, अर्जित अवकाश भूमिगत खदान में 12 हाजिरी पर 01 दिन छुट्टी और सरफेस पर 15 दिन की हाजिरी पर एक छुट्टी के हिसाब से मांग की गई है। अर्जित अवकाश के नगदीकरण के साथ-साथ सिक लीव के नगदीकरण की भी मांग की गई है। एलटीसी व एलएलटीसी हेतु 50,000 और 75000 रुपये की मांग रखी गई है। आश्रितों को मिले सीधी नियुक्ति :
ड्यूटी करते हुए मरने पर कर्मी के आश्रित को रोजगार की योजना में पात्रता हेतु प्रत्यक्ष आश्रित व अप्रत्यक्ष आश्रित को जोड़ा गया है।
नए पद-ए2, एक्सक्लूसिव व कैटेगरी- सात का पद सृजित करने की मांग की गई है।
- सेवानिवृत्ति लाभ के तहत प्रबंधन से सीपीआरएमएस (कंट्रीब्यूटरी पोस्ट रिटायरमेंट मेडिकल स्कीम) में 4.84 फीसद योगदान करने की मांग की गई है। पेंशन में भी प्रबंधन से नौ फीसद योगदान की मांग की गई है।