यहां हो रही सृजन के देवता की अनूठी पूजा; हर जाति-धर्म के लोग उपासक, जानिए Dhanbad News
कोलफिल्ड एक्सप्रेस में बाबा विश्वकर्मा की अनूठी पूजा हो रही है। गाड़ी खुलने से पहले यात्रियों ने ट्रेन की बोगी में प्रतिमा स्थापित की। ट्रेन में ही पंडित को बुलाया गया।
धनबाद, जेएनएन। प्रत्येक वर्ष सृजन के देवता भगवान विश्वकर्मा का 17 सितंबर को जन्म दिवस मनाया जाता है। आज 17 सितंबर है यानी बाबा विश्वकर्मा का जन्म दिवस। निर्माण एवं सृजन के देवता की धनबाद कोयलांचल में धूमधाम से पूजा की जा रही है। सबसे अनूठी पूजा हो रही है धनबाद से हावड़ा के बीच चलने वाली कोलफिल्ड एक्सप्रेस में।
यूं तो बाबा विश्वकर्मा की पूजा सभी करते हैं लेकिन उद्योगपतियों, शिल्पकारों, ट्रांसपोर्टरों और मोटर चालित यंत्र से रोजी-रोटी का उपार्जन करने वालों के लिए यह खास है। इस दिन सभी लोग अपने प्रतिष्ठान को बंद रखते हैं। बाबा विश्वकर्मा की प्रतिमा रख पूरी निष्ठा और श्रद्धा के साथ पूजा करते हैं। धनबाद कोयलांचल के लिए आज का दिन खास है क्योंकि यह औद्योगिक इलाका है। चारों तरफ कोलियरियां हैं। कल-कारखाने हैं। इन सभी स्थानों पर धूमधाम से पूजा की जा रही है।
आज सुबह 5.50 में धनबाद रेलवे स्टेशन से हावड़ा के लिए कोलफिल्ड एक्सप्रेस रवाना हुई। कोलफिल्ड एक्सप्रेस में बाबा विश्वकर्मा की अनूठी पूजा हो रही है। गाड़ी खुलने से पहले यात्रियों ने ट्रेन की बोगी में बाबा की प्रतिमा स्थापित की। पूजा के लिए ट्रेन में ही पंडित को बुलाकर चढ़ाया गया। विधि-विधान और गाजे-बाज के साथ से ट्रेन के इंजन की पूजा की गई। इसके बाद सफर शुरू हुआ। सफर के साथ ही ट्रेन में बाबा विश्वकर्मा की पूजा भी जारी है। पूजा की जिम्मेदारी दैनिक यात्रियों (Daily passenger) ने संभाल रखा है। पूजा के बाद दैनिक यात्रियों की तरफ से ट्रेन के यात्रियों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। इस पूजा में सभी जाति-धर्म के यात्री शरीक होते हैं। यह पूजा एक तरह से काैमी एकता की मिसाल भी है। यात्रियों के अनुसार यह अनूठी पूजा कोलफिल्ड एक्सप्रेस में करीब 70 से ज्यादा वर्षों से चली आ रही है।
कोलफिल्ड एक्सप्रेस धनबाद के हावड़ा के बीच 264 किलोमीटर का सफर करती है। यह गाड़ी हावड़ा स्टेशन पहुंचने के बाद शाम को धनबाद के लिए वापस होती है। रात करीब 9.30 बजे धनबाद पहुंचती है। इसके बाद कोलफिल्ड एक्सप्रेस में बाबा विश्वकर्मा की पूजा पूर्ण होती है।