अब एप बताएगा, साहब ने किया काम या फरमाया आराम
अधिकारी स्पॉट पर नहीं गए तो उनकी जानकारी सार्वजनिक हो जाएगी। रेलवे ने इसके लिए एप विकसित किया है।
तापस बनर्जी, धनबाद। रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी को मुख्यालय से बाहर जाकर ट्रैक की स्थिति का जायजा लेना था। पटरी की मौजूदा स्थिति से रूबरू होकर न केवल उसे दुरुस्त कराना था, बल्कि रिपोर्ट भी मंडल मुख्यालय को सौंपनी थी। साहब ने सेक्शन इंजीनियर को भेजकर काम करा लिया। बात जब यात्रा भत्ता की आई तो नहीं चूके और बगैर गए ही टीए का लाभ ले लिया। इस तरह के कई मामले रेलवे के विभागीय अधिकारियों के सामने आए, जिसमें बिना स्पॉट पर गए अधिकारी भत्ता तो लेते ही थे, साथ ही अपनी रिपोर्ट भी बनाकर उच्च अधिकारियों को दे जाते थे।
ऐसी रिपोर्ट भौतिक सत्यापन से पड़े होती थी, लेकिन इसे चेक करने का कोई ठोस माध्यम नहीं था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अधिकारी स्पॉट पर नहीं गए तो उनकी जानकारी सार्वजनिक हो जाएगी। रेलवे ने इसके लिए एप विकसित किया है। इसे सभी अधिकारी व कर्मचारियों के लिए डाउनलोड करना अनिवार्य कर दिया गया है। क्योंकि जिस मोबाइल में यह एप रहेगा उसकी आसानी से ट्रैकिंग हो सकेगी। किसी ने यह सोचकर नेट बंद रखा कि उसकी पोल नहीं खुलेगी तो यह उनकी गलत धारणा है। क्योंकि नेट बंद रहने पर भी एप आपकी ट्रैकिंग करता रहेगा और आपकी मौजूदा लोकेशन के साथ सच्चाई बयां कर जाएगा।
सिग्नल एंड टेलीकॉम विभाग ने विकसित किया एप
सही समय पर रेलवे ट्रैक की जांच समेत अन्य विभागीय कार्य पूरे हों इस मकसद से धनबाद रेल मंडल के सिग्नल एंड टेलीकॉम विभाग ने रेलवे सेफ्टी स्लोगन एप विकसित किया है। यह एप ट्रैकिंग सिस्टम के तौर पर काम करेगा, इसका ट्रायल पूरा हो चुका है।
मानसून पेट्रोलिंग में मिलेगी मदद
मानसून के दौरान रेलवे ट्रैक के नीचे से मिट्टी बह जाने, बोल्डर के अपने स्थान से हट जाने, फिश प्लेट के खुलने, ट्रैक के मरम्मत के काम समेत अन्य काम के साथ संरक्षा से जुड़े अन्य मामलों में भी इस एप से मदद मिल सकेगी। जिस अधिकारी, पर्यवेक्षक या कर्मचारी को मौके पर जांच के लिए या दुरुस्त करवाने के लिए भेजा गया, वह वाकई में स्पॉट पर गया या नहीं यह जानकारी एप देगा।
रेलवे का स्लोगन सेफ्टी फर्स्ट एंड ऑलवेज है। इसे बरकरार रखने के लिए यह एप विकसित किया गया है। पूरे रेल मंडल की संरक्षा व्यवस्था सहित अन्य कामकाज की इससे मॉनीटरिंग हो सकेगी। सभी अधिकारी और कर्मचारी इस एप को डाउनलोड कर लें।
-अनिल कुमार मिश्रा, डीआरएम, धनबाद रेल मंडल।