आम हड़ताल को सफल बनाने के लिए ट्रेड यूनियनों ने बनाई रणनीति
26 नंबर को अखिल भारतीय आम हड़ताल को सफल बनाने के लिए में ट्रेड यूनियनों ने शनिवार को नुक्कड़ सभा व बैठक कर रणनीति बनाई। एग्यारकुंड प्रखंड स्तरीय संयुक्त मोर्चा की बैठक मैथन रोड माले कार्यालय में मासस नेता आगम राम की अध्यक्षता हुई।
जेएनएन, कुमारधुबी/निरसा : 26 नंबर को अखिल भारतीय आम हड़ताल को सफल बनाने के लिए में ट्रेड यूनियनों ने शनिवार को नुक्कड़ सभा व बैठक कर रणनीति बनाई। एग्यारकुंड प्रखंड स्तरीय संयुक्त मोर्चा की बैठक मैथन रोड माले कार्यालय में मासस नेता आगम राम की अध्यक्षता हुई। वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार की किसान-मजदूर विरोधी नीतियों व निजीकरण के खिलाफ अखिल भारतीय हड़ताल को सफल बनाने के लिए राजनीति पार्टियों व आम मेहनतकश लोगों को सामने लाना होगा। कोरोना महामारी की आड़ में एक-एक कर सारे सार्वजनिक संस्थानों को निजी मालिकों के हाथों सौंपा जा रहा है। सरकार देश में फिर से कंपनी राज कायम करना चाह रही है। इसके खिलाफ में तमाम विपक्षी पार्टियों को एकजुट होकर प्रतिरोध करना होगा। 26 नवंबर को अखिल भारतीय आम हड़ताल को सफल बना कर केंद्र सरकार को मुंहतोड़ जवाब देना होगा। ट्रेड यूनियनों ने लखीमाता कोलियरी में नुक्कड़ सभा कर आम हड़ताल को सफल बनाने की अपील की। मौके पर उपेंद्र सिंह, बादल बाउरी, नागेंद्र कुमार, मनोरंजन मल्लिक, संतोष घोष, गणेश धर, मो. अमीरूल्ला, मो. जियाउल हुसैन, कपिलदेव प्रसाद, कार्तिक दत्ता, जगदीश शर्मा, तारा पदो गोप, राकेश यादव, पोरेश माजी, सकलदेव प्रसाद, शशि भूषण नाथ तिवारी आदि मौजूद थे।
केंद्र की मोदी सरकार है मजदूर विरोधी : संयुक्त मोर्चा
कोयला उद्योग में कमर्शियल माइनिग व खदानों का निजीकरण करने के खिलाफ 26 नवंबर को केंद्र सरकार के खिलाफ देश व्यापी हड़ताल को सफल बनाने के लिए शनिवार को संयुक्त मोर्चा की नुक्कड़ सभा जयरामपुर बूढ़ा बाबा मंदिर में हुई। अध्यक्षता मोर्चा के बीके तिवारी ने की। नेताओं ने केंद्र की मोदी सरकार को मजदूर, किसान व जन विरोधी बताया। कहा कि जबसे केंद्र में मोदी की सरकार बनी है। सरकारी उपक्रम बंद कर निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। यह हड़ताल मजदूरों के अस्तित्व को लेकर है। सभी यूनियन भेदभाव भुलाकर हड़ताल को शत-प्रतिशत सफल बनाने का संकल्प लें। मौके पर मोर्चा के संयोजक मुंद्रिका पासवान, सुरेश प्रसाद, मुनीलाल राम, बिहारीलाल चौहान, धर्मेंद्र सिंह, विनोद पासवान, हरिलाल गहलोत, शहादत मियां, अखिलेश साव, उमाशंकर प्रसाद, मिथिलेश पासवान, विजय पासवान, सुरेश पासवान आदि थे।