मानव तस्करी रोकने के लिए केंद्र सरकार की विशेष पहल, आमजन से सुझाव आमंत्रित
पीआइबी डब्ल्यूसीडी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से सूचना जारी कर यह पत्तियां मांगी गई हैं। 14 जुलाई तक ईमेल आइडी santanu.brajabasigov.in टिप्पणियां और सुझाव मेल किया जा सकता है। विधेयक का मुख्य उद्देश्य व्यक्तियों विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों की तस्करी रोकना और उनका मुकाबला करना है।
जागरण संवाददाता, धनबाद। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार ने व्यक्तियों की तस्करी (रोकथाम, देखभाल और पुनर्वास) विधेयक, 2021 के ड्राफ्ट बिल के लिए टिप्पणियां और सुझाव आमंत्रित किए हैं। पीआइबी डब्ल्यूसीडी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से सूचना जारी कर यह पत्तियां मांगी गई हैं। 14 जुलाई तक ईमेल आइडी santanu.brajabasi@gov.in टिप्पणियां और सुझाव मेल किया जा सकता है। जारी सूचना में कहा गया है कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने व्यक्तियों की तस्करी रोकथाम देखभाल और पुनर्वास विधेयक 2021 के मसौदे पर सभी हितधारकों से टिप्पणियां एवं सुझाव आमंत्रित किए गए हैं।
विधेयक का मुख्य उद्देश्य व्यक्तियों, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों की तस्करी रोकना और उनका मुकाबला करना है। पीड़ितों को उनके अधिकारों का सम्मान करते हुए देखभाल, सुरक्षा और पुनर्वास प्रदान करने के लिए और उनके लिए एक सहायक कानूनी, आर्थिक एवं सामाजिक वातावरण तैयार करना है। आपराधियों या उससे जुड़े आनुषंगिक मामलों के लिए अभियोजन को सुरक्षित करना शामिल है। एक बार अंतिम रूप देने के बाद विधेयक को मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के पास भेजा जाएगा। इसके बाद अधिनियम बनाने के लिए संसद के दोनों सदनों में सहमति के लिए भेजा जाएगा। यह अधिनियम सीमा पार प्रभाव सहित सभी व्यक्तियों के तस्करी के प्रत्येक अपराध पर लागू होगा।
मानव तस्करों के चंगुल से चार पहाडिय़ा बच्चियां मुक्त
साहिबगंज जिले के रांगा थाने की पुलिस ने शनिवार की शाम चार पहाडिय़ा बच्चियों को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया। साथ ही मानव तस्कर मोहम्मद आबिद और उसकी पत्नी मैसी पहाडिऩ को गिरफ्तार कर लिया। दोनों पतना के तलबडिय़ा गांव के रहनेवाले हैं। वे बरहेट के जमड़ी पहाड़ की चार पहाडिय़ा बच्चियों को काम दिलाने के नाम पर चेन्नई ले जा रहे थे। तभी पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
सभी शनिवार की शाम करीब चार बजे रांगा के इमलीगाछ चौक पर पाकुड़ से रांची जानेवाली बस के इंतजार में बैठे थे। तभी रांगा थाने की गश्ती पुलिस वहां पहुंच गई। चार पहाडिय़ा बच्चियों को देखकर पुलिस को शंका हुई। पूछताछ में आबिद और मैसी संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। इसके बाद पुलिस सभी को पूछताछ के लिए थाने लेकर आ गई। दोनों ने बताया कि बच्चियों को बस से रांची तथा वहां से ट्रेन से चेन्नई ले जाने की योजना थी। पुलिस ने बताया कि बच्चियों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया जाएगा। गश्ती दल में एसआइ भारती कुमारी, प्रमोद टुडू व एएआइ हरेराम ङ्क्षसह शामिल थे। गौरतलब हो कि जिले में हाल के दिनों में पुलिस ने कई मानव तस्करों को गिरफ्तार करते हुए कई किशोर-किशोरी को मुक्त कराया है। पिछले साल जिले में एंटी ह्यूमन ट्रैफिङ्क्षकग यूनिट भी खोली गई थी।