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धनबाद के नावागढ़-खरखरी कोलियरी पर लटक रहे बंदी की तलवार के व‍िरोध में प्रर्दशन

नावागढ़-खरखरी कोलियरी पर लटक रहे बंदी की तलवार के बिरोध में गुरुवार को संयुक्त मोर्चा की ओर से कोलियरी कार्यालय के समक्ष बिरोध प्रदर्शन किया गया।इस दरमियान यूनियन प्रतिनिधियों ने स्थानीय व क्षेत्रीय प्रबंधन के बिरोध में जमकर नारे लगाए

By Atul SinghEdited By: Published: Thu, 13 Jan 2022 05:49 PM (IST)Updated: Thu, 13 Jan 2022 06:01 PM (IST)
धनबाद के नावागढ़-खरखरी कोलियरी पर लटक रहे बंदी की तलवार के व‍िरोध में प्रर्दशन
यूनियन प्रतिनिधियों ने स्थानीय व क्षेत्रीय प्रबंधन के बिरोध में जमकर नारे लगाए

संवाद सहयोगी, धनबाद: नावागढ़-खरखरी कोलियरी पर लटक रहे बंदी की तलवार के बिरोध में गुरुवार को संयुक्त मोर्चा की ओर से कोलियरी कार्यालय के समक्ष बिरोध प्रदर्शन किया गया।इस दरमियान यूनियन प्रतिनिधियों ने स्थानीय व क्षेत्रीय प्रबंधन के बिरोध में जमकर नारे लगाए और कहा कि प्रबंधन साजिस के तहत कोलियरी को बंद करने पर तुली हुई है, प्रदर्शन के पूर्व खरखरी चानक से सभी एक जुट होकर हाथ में पार्टी के झंडे लिए हुए जूलूस के रूप में खरखरी कोलियरी कार्यालय पहुँच कर प्रबंधन के विरोध जमकर नारेबाजी की गई।बाद में जूलूस एक सभा में तब्दील हो गई।

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सभा को सम्बोधित करते हुए यूनियन प्रतिनिधियों ने कहा कि प्रबंधन सोची समझी साजिश के तहत खरखरी कोलयरी को बन्द करने की मनसा पाल रखी हैै जो मजदूरों व संयुक्त मोर्चा की चट्टानी एकता से कभी पुरा नही होने दिया जाएगा।प्रबंधन अपने नीति व नियत मे सुधार नही करेंगे तो हमलोग व्यापक आन्दोलन करेगे। मजदूरों व संयुक्त मोर्चा की चट्टानी एकता के आगे प्रबंधन को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया जाएगा।उन्होंने कहा कि खरखरी कोलियरी को अगर एक सप्ताह के भीतर उत्पादन सुरु नही किया गया तो पूरे गोविंदपुर क्षेत्र के सारे परियोजना व डिस्पैच को ठप्प कर दिया जाएगा।मालूम हो कि खरखरी कोलियरी में पिछले दो माह से संसाधन के अभाव व प्रबंधन की अनदेखी रवैये के कारण कोयले का उत्पादन ठप्प पड़ा हुआ है।इधर प्रबंधन का अपना रोना है कि उक्त भूमिगत खदान में संसाधन का घोर अभाव है।

ऊपर से मेन पावर की कमी व प्रशिक्षित कर्मियों के अभाव में कोलियरी बंदी के कगार पर पहुंच गई है।कोलियरी प्रबंधक ए के चौधरी ने कहा कि कोलियरी को चालू करने के लिए मेन पावर की जरूरत है,जिसके लिए वरीय अधिकारियों को लिखित रूप से मांग की गई है।कम से कम दो सौ टन प्रतिदिन कोयले के उत्पादन के लिये प्रशिक्षित ट्रामर व एसडीएल चालक की जरूरत ह


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