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वो था कोठे की मस्ती में डूबा, अचानक हुई ठांय-ठांय, जानिए फिर क्या हुआ

टुंडी के संग्रामडीह गांव के चिंतामणि मंडल और संजय मंडल ने सीतारामपुर के मुजरापट्टी में औरंगाबाद से आकर नर्तकी के पास रह रहे अमित गुप्ता उर्फ छोटू को शनिवार की रात गोली मार दी।

By mritunjayEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 10:58 AM (IST)Updated: Mon, 05 Nov 2018 10:58 AM (IST)
वो था कोठे की मस्ती में डूबा, अचानक हुई ठांय-ठांय, जानिए फिर क्या हुआ
वो था कोठे की मस्ती में डूबा, अचानक हुई ठांय-ठांय, जानिए फिर क्या हुआ

धनबाद, जेएनएन।बिहार के औरंगाबाद जिले का रहने वाला अमित गुप्ता पिछले दो माह से प. बंगाल के सीतारामपुर स्थित मुजरापट्टी के एक कोठे पर शरण लिए हुए था। वह नृत्य-संगीत की मस्ती में डूबा था। अचानक कोठे पर ठांय-ठांय की आवाज सुनाई दी तो इधर-उधर भागने लगा। धनबाद जिले के टुंडी के रहने वाले दो युवकों ने उसका अहरण करने की कोशिश की। असफल होने पर गोली मार दी। इसके बाद मुजरापट्टी में हंंगामा बरपा। दोनों युवकों की स्थानीय लोगों ने जमकर पिटाई की। पुलिस की सुरक्षा में दोनों का इलाज चल रहा है।  

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टुंडी के संग्रामडीह गांव के चिंतामणि मंडल और संजय मंडल ने सीतारामपुर के मुजरापट्टी में औरंगाबाद से आकर नर्तकी के पास रह रहे अमित गुप्ता उर्फ छोटू को रविवार की रात गोली मार दी। चिंतामणि और संजय ने अमित के अपहरण का प्रयास किया था। सफल नहीं हुए तो गोली चला दी जो अमित के दाहिने हाथ में लगी।

हमलावरों ने भागने की कोशिश की तो लोगों ने उन्हें खदेड़ कर पकड़ लिया, पिटाई की। फिर पुलिस के हवाले कर दिया। उनके पास से दो रिवॉल्वर जब्त किए गए। पुलिस ने नृत्य पल्ली के भीतर लंबे समय से रहने वालों की जांच शुरू कर दी है। 

कुल्टी थाना की नियामतपुर फाड़ी के विश्वकर्मा नगर में मुजरापट्टी है। झारखंड के इस सीमावर्ती स्थान पर पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश से लोग आते हैं, नृत्य का आनंद लेते हैं। अमित दो महीने से किसी नर्तकी के साथ रह रहा था। शाम 8 बजे  चिंतामणि और संजय ने कोठे पर पहुंच अपहरण के मकसद से उसे जबरन ले जाने लगे। अमित किसी तरह उनके चंगुल से निकला और शोर मचाया। इसके बाद चिंतामणि और संजय ने फायङ्क्षरग कर दी। जब लोगों ने दोनों को खदेड़ा तो उन्होंने दो लोगों पर रिवाल्वर की बट से प्रहार किया। इससे उनको हल्की चोट आई। बचने के लिए दोनों ने छह राउंड गोली चलाई लेकिन लोगों ने उन्हें पकड़ लिया। जब लोगों ने पीटना शुरू किया तो उन्होंने खुद को झारखंड पुलिस का जवान बताया। तलाशी में उनके पास से निजी सुरक्षा एजेंसी के गार्ड का परिचय पत्र मिला। दोनों को पुलिस ने हिरासत में लेकर जिला अस्पताल में दाखिल कराया है। 

पुलिस को प्रारंभिक जांच में मालूम हुआ कि अमित का रुपये के लेन-देन को लेकर किसी से विवाद चल रहा था। इसी कारण उसे उठाने की कोशिश की गई थी। एडीसीपी अनामित्रा दास ने कहा कि मामले की गहन छानबीन की जाएगी।


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