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Illegal Mica Mine Accident: तिसरी में अवैध माइका खदान में दो फंसे, डीसी ने एनडीआरएफ से मांगी मदद

गिरिडीह के डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने तिसरी में हुई घटना पर तत्काल संज्ञान लिया है। खदान में फंसे लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ से मदद मांगी है। एनडीआरएफ नौवीं बटालियन पटना के कमांडेंट को पत्र लिखा है।

By MritunjayEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 11:59 AM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 11:59 AM (IST)
Illegal Mica Mine Accident: तिसरी में अवैध माइका खदान में दो फंसे, डीसी ने एनडीआरएफ से मांगी मदद
अवैध खनन का मुहाना और खंदर फंसे मजदूरों के इंतजार में बैठे स्वजन ( फोटो जागरण)।

तिसरी, जेएनएन। वन भूमि पर अवैध रूप से चल रही माइका खदान में चाल धंस गई। गिरिडीह जिले के तिसरी प्रखंड की मनसाडीह पंचायत स्थित सक्सेकिया जंगल में मंगलवार को हुई इस घटना में माइका खनन कर रहे करीब 18 साल के दो युवकों रंजीत राय व संजीत राना की मौत हो गई। करीब दस अन्य मजदूरों ने किसी प्रकार खदान से बाहर निकल जान बचाई। माइका तस्करों का हौसला इतना बुलंद है कि वे इस खदान में बाकायदा डोली के सहारे मजदूरों को आठ सौ फीट नीचे उतारते हैं। देर शाम तक प्रशासन का कोई भी अधिकारी खदान नहीं पहुंचा था। दोनों के शव खदान में ही पड़े हैं। इधर मामले की जानकारी मिलते ही डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने एनडीआरएफ से मदद मांगी है।

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पांच साल से हो रहा अवैध खनन

इस बंद खदान में पांच साल से अवैध खनन हो रहा है। कई उपकरण लगाकर खनन किया जाता है। संचालन कारू लाल व उसके गुर्गे करते हैं। हैरतअंगेज बात ये कि  इसे रोकने को प्रशासन ने भी कदम नहीं उठाया। कुछ ग्रामीणों ने दबी जुबान से सिस्टम और  तस्कर की सांठगांठ से खदान संचालन होने की बात कही है। जब घटना हुई तब एक दर्जन मजदूर खदान के अंदर काम कर रहे थे। वैसे इस खदान में करीब 80 मजदूर आते हैं। कई अंदर खनन करते हैं तो कई बाहर माइका को खदान से ऊपर लाने व कई उसे लोड करते हंै। घटना के बाद खदान संचालित करने वाले के गुर्गे व मजदूर भाग निकले। 

पहले गिरी चट्टान और फिर मिट्टी का ढेर

रंजीत राय के भाई फागू राय ने बताया कि भाई समेत पांच लोग 800 फीट गहराई तक ट्रॉली से गए। अंदर पहले से सात लोग थे। माइका निकालने के लिए खुदाई के दौरान ही चट्टान गिरी। रंजीत व संजीत राना दब गए। उनकी जान चली गई। अन्य लोगों ने उनको बचाने की काफी कोशिश की। तभी मिट्टी का ढेर गिरने लगा। तब वहां से सभी भागे। बाद में आठ लोग फिर नीचे गए पर दोनों शवों को निकाला नहीं जा सका। घटना की सूचना खदान संचालक और मंसाडीह ओपी को दी गई। बावजूद देर शाम तक तक कोई नहीं आया। हालांकि रात करीब सात बजे बीडीओ व पुलिस घटनास्थल को रवाना हुई। मरने वालों के स्वजन खदान के बाहर ही मौजूद हैं। माले नेता जयनारायण यादव, मंटु शर्मा समेत अनेक ग्रामीण भी पहुंच गए हैं। खोरीमहुआ के एसडीओ धीरेंद्र कुमार ने पूछने पर बताया कि घटना की अभी जानकारी नहीं है। तिसरी के बीडीओ से बात कर रहे हैं।

जिला प्रशासन ने मांगी एनडीआरएफ से मदद

डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने तिसरी में हुई घटना पर तत्काल संज्ञान लिया है। खदान में फंसे लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ से मदद मांगी है। एनडीआरएफ नौवीं बटालियन पटना के कमांडेंट को पत्र लिखा है। एनडीआरएफ की देवघर रीजन की प्रशिक्षित टीम को भेजने की मांग की है। बुधवार को एनडीआरएफ की टीम के तिसरी आने की संभावना है। डीसी ने कहा कि बार-बार पत्र लिखने के बावजूद वन विभाग अवैध माइका खदानों की डोजङ्क्षरग नहीं करा रहा है। वन क्षेत्र के कारण जिला प्रशासन इस पर सीधे कोई कार्रवाई नहीं कर सकता है। प्रशासन कार्रवाई के लिए अब  सरकार को पत्र लिखेगा। वन एवं खनन विभाग के संबंधित लोगों के खिलाफ प्राथमिकी करेगा।


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