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Independence Day की तैयारी में साहिबगंज डीसी के सामने भिड़ गए एसडीओ और सिविल सर्जन, अब प्रशासनिक मोर्चाबंदी

बात की शुरुआत एंबुलेंस को लेकर हुई। रूपा तिर्की की मौत की जांच के लिए आए न्यायमूर्ति वीके गुप्ता के लौटने के दौरान जैप ग्राउंड में एंबुलेंस विलंब से पहुंचा था। स्वतंत्रता दिवस पर ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो इसका ध्यान रखने को एसडीओ ने कहा।

By MritunjayEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 08:53 AM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 12:22 PM (IST)
Independence Day की तैयारी में साहिबगंज डीसी के सामने भिड़ गए एसडीओ और सिविल सर्जन, अब प्रशासनिक मोर्चाबंदी
स्वतंत्रता दिवस की तैयारी बैठक में भाग लेते साहिबगंज डीसी-एसपी और अन्य।

जागरण संवाददाता, साहिबगंज। स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारी की चर्चा के लिए सोमवार को जिला सभागार में चल रही बैठक में उस समय अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई जब सिविल एसडीओ हेमंत सती और सिविल सर्जन डा. अरविंद कुमार के बीच नोकझोंक शुरू हो गई। बैठक समाप्त होने के पूर्व ही डीसी रामनिवास यादव, एसडीओ हेमंत सती और सिविल सर्जन बैठक से निकल गए। इस घटना के बाद साहिबगंज जिला प्रशासन दो खेमों में बंट गया है। दोनों एक-दूसरे को ताकत दिखानें में जुट गया है।

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चिकित्सकों और कर्मचारियों ने की आपात बैठक

डीसी के सामने टकराव के बाद सिविल सर्जन आफिस के सभागार में चिकित्सकों और कर्मियों की आपात बैठक हुई। जिसमें डा. अरविंद कुमार ने सभी को मामले की जानकारी दी। इसके बाद सर्वसम्मति से मामले से विभाग के अपर मुख्य सचिव के साथ-साथ, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, झासा, प्रमंडलीय आयुक्त, निदेशक प्रमुख, क्षेत्रीय उपनिदेशक, उपायुक्त आदि को अवगत कराने का निर्णय लिया गया। बैठक में आगे की रणनीति बनाने के लिए मंगलवार को पुन: बैठक करने का निर्णय लिया गया। बैठक में डा. रणविजय कुमार, डा. मोहन पासवान, डीएस आनंद मोहन सोरेन, डा. विजय, अनिमा किस्कू आदि मौजूद थे।

इस कारण हुआ विवाद

बताया जाता है कि बात की शुरुआत एंबुलेंस को लेकर हुई। सोमवार को रूपा तिर्की की मौत की जांच के लिए आए न्यायमूर्ति वीके गुप्ता के लौटने के दौरान जैप ग्राउंड में एंबुलेंस विलंब से पहुंचा था। स्वतंत्रता दिवस पर ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो इसका ध्यान रखने को एसडीओ ने कहा। जिसके बाद सिविल सर्जन ने बताया कि समय में बदलाव की जानकारी उन्हें नहीं मिली थी इस वजह से एंबुलेंस देर से पहुंचा। इसके बाद बात बढ़ गई। सिविल सर्जन का कहना है कि एसडीओ ने 10 दिन पूर्व भी दूरभाष पर उन्हें जेल भेज देने की बात कही थी।

कलेक्ट्रेट सभागार में स्वतंत्रता दिवस की तैयारी के लिए आयोजित बैठक के दौरान दोनों पदाधिकारियों के बीच नोकझोंक हुई है। सिविल सर्जन की ओर से लिखित रूप से भी मामले की जानकारी दी गई है। मामले की जांच-पड़ताल की जा रही है।

-रामनिवास यादव, डीसी, साहिबगंज

एसडीओ ने सिविल सर्जन के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया। सिविल सर्जन जिले के वरिष्ठ पदाधिकारी होते हैं। जनप्रतिनिधियों, कनीय अधिकारियों व आमलोगों के बीच उन्हें अपमानित किया गया। आगे की रणनीति तय करने मंगलवार को सदर अस्पताल में बैठक होगी।

-डॉ. मोहन पासवान, उपाध्यक्ष, झासा, संताल परगना


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