ठंड की चपेट में आने से 39 वर्षीय युवक की मौत
टुंडी क्षेत्र में लगातार बढ़ते ठंड से दक्षिणी टुंडी के मंझलीटांड गांव में ठंड की चपेट में आने पर 39 वर्षीय बिनी लाल मरांडी की मौत हो गई।
टुंडी : क्षेत्र में लगातार बढ़ते ठंड से दक्षिणी टुंडी के मंझलीटांड गांव में ठंड की चपेट में आने पर 39 वर्षीय बिनी लाल मरांडी की मौत हो गई। घटना के बाद पूरे गांव में मातम पसरा गया। मृतक घर का एकमात्र कमाऊ सदस्य था। टुंडी में ठंड से मरने की यह तीसरी घटना है। इसके पूर्व पलमा व पर्वतपुर गांव में दो लोगों की ठंड से मौत हो चुकी है। इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन द्वारा अलाव की कही व्यवस्था नहीं है। दक्षिणी टुंडी के कटनियां पंचायत के मंझलीटांड गांव में सोहराय बांदना पर्व का आयोजन किया जा रहा है। इस क्रम में शनिवार को 39 वर्षीय बिनीलाल मरांडी ने खाने-पीने के बाद अन्य ग्रामीणों के साथ दिन से लेकर आधी रात तक नगाड़े ढाक के साथ नाचा गाया। इसके बाद शनिवार रात लगभग 12 बजे के आसपास वह अपने घर पहुंचा। परिजनों ने जब कराहने की आवाज सुनी, तो पत्नी के पूछने पर बताया कि जोर से ठंड लग रही है। उसने ओढ़ने के लिए गर्म कपड़े मांगे। इस दौरान उसने पत्नी से अलाव जलाने की बात कही। लेकिन पत्नी ने उसकी बातों पर ध्यान नहीं दिया। सुबह होने पर वह कुछ भी बोल नहीं पा रहा था। इसके बाद परिजनों ने घरेलू उपचार करते हुए डॉक्टर को बुलाकर इलाज की व्यवस्था कर ही रहे थे कि इसी दौरान उसने दम तोड़ दिया। पत्नी की रो-रो कर बुरा हाल है। घटना के बाद वह कई बार बिलखते-बिलखते बेहोश हो जा रही थी। मृतक का एक पांच वर्षीय पुत्र है।
ठंड से मौत की पुष्टि टुंडी प्रमुख कमला मुर्मू एवं उपमुखिया दिवीश्वर मुर्मू ने की है। सूचना पाकर जिप सदस्य गुरुचरण बास्की भी पहुंचे और मृतक के परिजनों को सांत्वना दी। वहीं ठंड से मौत को लेकर टुंडी प्रखंड चिकित्सा प्रभारी रोहित गौतम ने अनभिज्ञता जाहिर की। टुंडी प्रखंड में इस वर्ष ठंड से होने वाली यह तीसरी मौत है। लेकिन प्रशासनिक स्तर से अब तक कहीं भी अलाव जलाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। आज की घटना से स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासनिक महकमा पर सवाल खड़े कर रहे हैं। इस संबंध में गिरिडीह के पूर्व सांसद रवींद्र कुमार पांडेय, पूर्व विधायक राजकिशोर महतो, माटी के नेता ज्ञान रंजन सिन्हा, आप के नेता दीपनारायण सिंह आदि ने पीड़ित परिजनों को सरकारी सहायता देने की मांग धनबाद उपायुक्त से की है। नेताओं ने दो टूक शब्दों में कहा कि हर हाल में मृतक के परिजनों को सरकारी सहायता दी जाए। ऐसा नहीं होने पर वे चुप नहीं बैठेंगे।