Coal India: ट्रक लोडिंग होगा बंद, रेल से कोयले के डिस्पैच पर जोर
सीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद ने बताया कि सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड में तीन प्रोजेक्ट उरीमारी मगध व अम्रपाली इसमें शामिल है। तीनों जगहों पर काम शुरू हो गया है। जबकि मगध और अम्रपाली प्रोजेक्ट का काम पर्यावरण स्वीकृति के कारण मामला लटका हुआ है।

आशीष अंबष्ठ, धनबाद। कोयला मंत्रालय आने वाले समय में कोल इंडिया में पूरी तरह से ट्रक लोङ्क्षडग और ट्रांसपोर्टिंग समाप्त करने की दिशा में काम कर रही है। मंत्रालय ने इसके लिए वर्ष 2025-26 तक का लक्ष्य रखा है। इस योजना पर पिछले दो साल से अध्ययन चल रहा था। फिलहाल मंत्रालय के आदेश पर कोल इंडिया ने प्रथम फेज में 39 में से 35 प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया है। इसमें सीसीएल, ईसीएल के तीन-तीन प्रोजेक्ट हैं। इस प्रोजेक्ट को फस्र्टमाइल कनेक्टिविटी (एफएमसी) प्रोजेक्ट के नाम से लांच किया है। रविवार को कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस प्रोजेक्ट को लेकर जानकारी साझा की। इस प्रोजेक्ट में 18 हजार करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी। फस्र्ट पेज में 35 तथा सेकंड पेज में चार प्रोजेक्ट को लिया गया है। जरूरत पड़ी तो और भी परियोजना को इसमें शामिल किया जाएगा। इसमें पहले से ही तीन साइलो इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट का रखा गया है, जिसमें बीसीसीएल का महेशपुर साइलो भी है।
सीसीएल व ईसीएल में तीन-तीन प्रोजेक्ट पर काम
सीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद ने बताया कि सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड में तीन प्रोजेक्ट उरीमारी, मगध व अम्रपाली इसमें शामिल है। तीनों जगहों पर काम शुरू हो गया है। जबकि मगध और अम्रपाली प्रोजेक्ट का काम पर्यावरण स्वीकृति के कारण मामला लटका हुआ है। वहां काम शुरू होने में करीब छह माह का समय लगेगा। वहां वर्ष 2024 तक सारे काम पूरे कर लिए जाएंगे। मगध प्रोजेक्ट की लागत करीब 480 करोड़ तो अम्रपाली प्रोजेक्ट की लागत 280 करोड़ है। बीसीसीएल का एक प्रोजेक्ट महेशपुर साइलो को भी इस श्रेणी में रखा गया है। वहीं ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के तकनीकी निदेशक बी वीरा रेड्डी ने बताया कि पहले चरण में तीन प्रोजेक्ट लिए गए हैं। सोनपुर बाजारी, झांझरा और राजमहल। इन तीनों परियोजना को मिलाकर करीब 800 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी। राजमहल में 230 करोड़ रुपये की योजना है। उन्होंने बताया कि मुगमा में एफएमसी प्रोजेक्ट पर काम किया जाएगा। यहां भी कई मेगा प्रोजेक्ट खुलने की योजना पर काम हो रहा है।
कार्बन फुटप्रिंट कम करने के लिए कोल इंडिया अपनी कार्यप्रणाली में ईको-फ्रेंडली माध्यमों का लगातार समावेश कर रही है। कंपनी कोयला परिवहन में रेल का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करेगी।
- प्रह्लाद जोशी, कोयला मंत्री
Edited By Mritunjay