Nirmal Mahato Death Anniversary 2021: झारखंड आंदोलन में योगदान को याद कर दी गई श्रद्धांजलि, सफाईकर्मियों के बीच बांटे गए मास्क
निर्मल महतो का त्याग बलिदान एवं संघर्ष सदियों तक याद रखे जाएंगे। उनके प्रयास से ही झारखंड में सूदखोरों के खिलाफ आंदोलन चलाए गए थे। संयुक्त बिहार से झारखंड राज्य अलग हुआ और सूदखोरों एवं सामंतों से ग्रामीणों को राहत मिली है तो इसमें इनकी मुहिम का असर है।
जासं, धनबाद। एसएनएमएमसीएच, धनबाद में रविवार को झारखंड के सपूत त्याग व बलिदान के प्रतीक क्रांतिकारी शहीद निर्मल महतो की 34वीं पुण्यतिथि अस्पताल परिसर में मनाई गई। सर्वप्रथम उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम का नेतृत्व झामुमो के केंद्रीय सदस्य जग्गू महतो ने किया। एवं मुख्य अतिथि के रूप में जिला सचिव पवन महतो उपस्थित हुए। पुण्यतिथि दिवस पर कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए किया गया। कार्यक्रम में अस्पताल में कार्य करने वाले सफाई कर्मियों के बीच मास्क एवं अंग वस्त्र वितरण किया गया।
बताया गया कि शहीद निर्मल महतो का त्याग, बलिदान एवं संघर्ष सदियों तक याद रखे जाएंगे। उनके प्रयास से ही झारखंड में सूदखोरों के खिलाफ आंदोलन चलाए गए थे। आज अगर संयुक्त बिहार से झारखंड राज्य अलग हुआ और सूदखोरों एवं सामंतों से ग्रामीणों को राहत मिली है, तो इसमें इनकी मुहिम का असर है। निर्मल महतो ने ही सबसे पहले शोषण के विरुद्ध एवं गरीबों, मजदूरों, किसानों के हक के लिए आवाज उठाई। जिला सचिव पवन महतो ने कहा कि शहीद निर्मल महतो अलग राज्य गठन की मांग को लेकर लड़ाई लड़ी। जिसका परिणाम हमें वर्ष 2000 में अलग झारखंड राज्य मिला। अलग राज्य बनने के बाद भी राज्य का विकास अधूरा है। उनके ही बलिदान का परिणाम है कि आज पीएमसीएच का नाम बदल कर उनके नाम पर रखा गया है। यह हमारे लिए गर्व की बात है। यहां जिले के साथ अन्य जिले के मरीजों को जांच की जाती है।
मौके पर झामुमो के वरीय नेता बलराम महतो, संगठन सचिव मदन महतो, हराधन महतो, जिला संगठन सचिव ईश्वर मरांडी, चंडीचरण देव, महानगर पूर्व उपाध्यक्ष मंटू कुमार चौहान, युवामोर्चा उपाध्यक्ष निर्मल रजवार, युवा अध्यक्ष सुदाम रजवार, उमाशंकर चौहान, दीपक देव रजवार, गणेश महतो, कमल कुमार महतो आदि मौजूद थे।