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CCL में कोयला ढोने वाले हड़ताल पर हाइवा मालिक, कोयले की आपूर्ति हो सकती प्रभावित

हड़ताल ऐसे समय हुई है जब स्टाक यार्ड तक लगातार कोयला पहुंचाना है। पर्याप्त भंडार रहेगा तभी रेलवे की रैक से विद्युत संयंत्रों तक निरंतर कोयला भेजा जा सकेगा। सीसीएल के ट्रांसपोर्टर हड़ताल पर नहीं गए हैं। इसलिए वे अपनी गाडिय़ों से कोयला ढोते रहेंगे।

By MritunjayEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 01:10 PM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 01:10 PM (IST)
CCL में कोयला ढोने वाले हड़ताल पर हाइवा मालिक, कोयले की आपूर्ति हो सकती प्रभावित
हाइवा से कोयले की ढुलाई ( फाइल फोटो)।

संवाद सहयोगी, करगली (बेरमो)। सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड (सीसीएल) में कोयला की ढुलाई करने वाले हाइवा और डंपर मालिक शनिवार की शाम से हड़ताल पर चले गए हैैं। यह हड़ताल तब हुई है जब देश के विद्युत संयंत्र कोयला की कमी से जूझ रहे हैैं। हाइवा मालिक हड़ताल को जायज बता रहे हैैं। उनका तर्क है कि डीजल की कीमत बढ़ रही है, गाडिय़ों का रखरखाव महंगा हो चला है। सीसीएल प्रबंधन न किराया बढ़ा रहा है, न समय पर भुगतान किया जा रहा है। ऐसी हालत में घर से पैसा लगा कर कोयला की ढुलाई नहीं हो सकती।

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हड़ताल ऐसे समय हुई है जब स्टाक यार्ड तक लगातार कोयला पहुंचाना है। पर्याप्त भंडार रहेगा तभी रेलवे की रैक से विद्युत संयंत्रों तक निरंतर कोयला भेजा जा सकेगा। सीसीएल के ट्रांसपोर्टर हड़ताल पर नहीं गए हैैं। इसलिए वे अपनी गाडिय़ों से कोयला ढोते रहेंगे। ट्रांसपोर्ट में स्थानीय लोगों के जो हाइवा और डंपर चल रहे हैैं, उनका परिचालन बंद हो जाएगा। इससे बेरमो से सड़क मार्ग से विद्युत संयंत्रों तक सीधे कोयला भेजने का काम प्रभावित होगा।

बाहर से डंपर लाए गए तो विरोध की तैयारी भी

सुभाषनगर में डंपिंग कार्यालय है। शनिवार को हाइवा मालिक वहां इकट्ठा हुए। अंदेशा जताया गया कि कोयला की ढुलाई जारी रखने के लिए सीसीएल प्रबंधन और ट्रांसपोर्टर बाहर से हाइवा और डंपर ला सकते हैैं। तय हुआ कि ऐसी स्थिति में जोरदार विरोध किया जाएगा। किसी भी हालत में बाहर की गाडिय़ों को चलने नहीं दिया जाएगा। कदम-कदम पर रुकावट डाली जाएगी। हाइवा मालिक प्रदीप कुमार ने कहा कि इतना किराया जरुर होना चाहिए कि डीजल पर कुछ बचत हो। 15 दिनों के भीतर किराया मिलना चाहिए। हड़ताल के दौरान सिर्फ ट्रांसपोर्टर की गाडिय़ों को चलने दिया जाएगा, वह भी आनरबुक देख कर।


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