धनबाद-चंद्रपुरा रेल रूट पर फिर से मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन शुरू, जनप्रतिनिधियों ने दिखाई झंडी
कतरास स्टेशन पर आयोजित समारोह में गिरिडीह के सांसद रवींद्र पांडेय ने हरी दिखाकर ट्रेन को आगे के लिए रवाना किया। बंदी के बाद अलेप्पी एक्सप्रेस डीसी लाइन पर चलने वाली पहली ट्रेन है।
धनबाद, जेएनएन। तारीख-24 फरवरी।समय-10.30। स्थान-धनबाद रेलवे स्टेशन।प्लेटफार्म नंबर पांच से जैसे ही धनबाद-अलेप्पी एक्सप्रेस धनबाद-चंद्रपुरा (डीसी) रेल रूट पर आगे बढ़ी इंतजार की घड़ी खत्म हो गई। 620 620 दिन के बाद फिर से धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन पर मेल-एक्सप्रेस और सवारी गाड़ियों का परिचालन शुरू हो गया। भूमिगत आग से खतरा बताते हुए 15 जून 2017 को डीसी लाइन बंद होने के बाद से ही इसे फिर से चालू करने की मांग हो रही थी। आम और खास जन से जुड़ी यह मांग पूरी हो इसके लिए हजारों लोग आंदोलन कर रहे थे। धनबाद से चलकर अलेप्पी एक्सप्रेस जैसे ही कतरास रेलवे स्टेशन पहुंची सैकड़ों लोगों ने ट्रेन का स्वागत किया। स्वागत में लोग हाथों में तिरंगा लेकर लहरा रहे थे।
धनबाद और गिरिडीह के सांसद के साथ डीआरएम ने की सवारीः डीसी लाइन चालू होने के बाद इसपर गुजरने वाली पहली गाड़ी बनी अलेप्पी एक्सप्रेस। धनबाद रेलवे स्टेशन से अलेप्पी एक्सप्रेस में धनबाद के सांसद पीएन सिंह, गिरिडीह के सांसद रवींद्र कुमार पांडेय, धनबाद रेल मंडल के डीआरएम अनिल कुमार मिश्र, सीनियर डीसीएम आशीष कुमार झा सवार हुए। कतरास पहुंचने पर सभी स्टेशन पर गाड़ी से उतरे। कतरास स्टेशन पर ही धनबाद-कतरास-चंद्रपुरा रेलखंड पर मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों के पुनर्परिचालन समारोह हुआ। कतरास गिरिडीह संसदीय क्षेत्र में पड़ता है। सांसद रवींद्र पांडेय और सांसद पीएन सिंह ने हरी झंडी दिखाकर धनबाद-अलेप्पी एक्सप्रेस को आगे के लिए रवाना किया।
5 को शुरू हुआ था गुड्स ट्रेनों का परिचालनः रेलवे बोर्ड द्वारा धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन का फिर से चालू करने की स्वीकृति दिये जाने के बाद 5 फरवरी 2019 को गुड्स ट्रेनों का परिचालन शुरू हुआ था। इसके बाद रविवार को मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए डीसी लाइन खोल दिया गया। धनबाद स्टेशन से लेकर कतरास स्टेशन के बीच पड़ने वाले सभी स्टेशन और हॉल्ट पर ट्रेन के स्वागत में लोग खड़े दिखे। फिलहाल इस रेल मार्ग पर सात जोड़ी एक्सप्रेस और एक जोड़ी मेमू ट्रेन ही चलेगी। अगले डेढ़-दो महीने में कुछ अन्य ट्रेनों का परिचालन शुरू होने की संभावना है।
अभी चलेंगी सिर्फ आठ ट्रेनेंः धनबाद-अलेप्पी एक्सप्रेस, धनबाद-रांची इंटरसिटी, हटिया-गोरखपुर मौर्य एक्सप्रेस, हावड़ा-जबलपुर शक्तिपुंज एक्सप्रेस, हावड़ा-रांची शताब्दी एक्सप्रेस, कोलकाता-मदार एक्सप्रेस, कोलकाता-अहमदाबाद एक्सप्रेस, धनबाद-झारग्राम मेमू।
26 जोड़ी ट्रेनों का होता था परिचालनः डीसी रेल रूट पर 26 जोड़ी मेल-एक्सप्रेस और सवारी गाड़ियों के साथ ही तीन दर्जन से ज्यादा गुड्स ट्रेनों का परिचालन होता था। प्रति वर्ष एक करोड़ पांच लाख यात्री धनबाद-चंद्रपुरा के बीच सफर करत थे।15 जून 17 को डीसी लाइन बंद होते ही एक झटके में सभी के पहिए थम गए। इनमें कुछ का परिचालन वाया गोमो तो कुछ का वाया महुदा शुरू किया गया। कुछ ट्रेनें बंद कर दी गई। अब डीसी लाइन पर फिर से रेल परिचालन शुरू होने से उम्मीद की जा रही है कि पुरानी स्थिति जल्द ही बहाल होगी।
डीसी रेल लाइन आंदोलन की जीत पुलवामा के शहीदों को समर्पितः डीसी रेल लाइन चालू होने को लेकर कतरास में जश्न मनाया जा रहा है। सभी उम्र वर्ग के लोग इसमे शामिल है। 605 दिनों तक आंदोलन करने वाली नागरिक संघर्ष समिति की खुशी की कोई सीमा नही है। पूर्व बियाडा चेयरमैन विजय झा ने कहा कि लोगों का हक उन्हें लंबे संघर्ष के बाद मिला है। यह संघर्ष भी शहीदों को समर्पित है। इस दौरान नागरिक समिति के लोगों ने स्टेशन परिसर में ही-हम होंगे कामयाब एक दिन गीत गाया। इस माैके पर पूर्व मंत्री जलेश्वर महतो, पार्षद विनोद गोस्वामी आदि उपस्थित थे।