Chaiti Chhath Puja 2021: अस्तगामी सूर्य को दिया गया अर्घ्य, अब व्रतियों को उदयीमान भगवान भास्कर का इंतजार
चैती छठ पूजा के क्रम में रविवार को धनबाद के छठ घाटों पर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया। इसी के साथ व्रतियों को अब सोमवार सुबह उदयीमान सूर्य का इंतजार शुरू हो गया है। उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ 36 घंटे का निर्जला व्रत समाप्त होगा।
धनबाद, जेएनएन। लोक आस्था के महापर्व चैत्री छठ धनबाद जिले में मनाया जा रहा है। चैत्री छठ बहुत कम लोग करते है, लेकिन इसकी मान्यता अधिक है। रविवार की शाम सूर्य भगवान को पहला अर्घ्य दिया गया। धनबाद के छठ घाटों पर व्रतियों ने काफी देर तक पानी में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य की पूजा की। इसके बाद अर्घ्य दिया। शहर के पंपू तालाब घाट, बेकारबांध तालाब, मनईटांड तालाब घाट और दामोदर नदी घाट पर व्रतियों की अच्छी-खासी संख्या देखी गईं। डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही अब सोमवार सुबह सूर्योदय का व्रतियों को इंतजार है। उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही 36 घंटे का निर्जला छठ महापर्व संपन्न होगा।
खरना के साथ 36 घंटे का निर्जला व्रत
शनिवार को खरना का प्रसाद ग्रहण करने के साथ छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हाे गया है। शाम काे व्रतियों ने विधि-विधान से छठी मैया की पूजा-अर्चना की इस दौरान व्रतियाें के घर दिनभर छठ मइया के गीतों से गूंजायमान रहे। चैत्री छठ महापर्व को लेकर शहर के हीरापुर बाजार, पुराना बाजार सहित अन्य जगहाें पर खरीदारी के लिए चहल-पहल दिखी। उसी प्रकार पूजा दुकानों में भी भीड़ रही।
पूजा के लिए की गई तालाबों की साफ सफाई
शहर मेंं चैत्री छठ पूजा के लिए छोटे बड़े सभी तालाबों को साफ सफाई पूर्ण रूप से कर दी गई है।मुख्य रूप से विकास नगर तालाब, बरमसिया छठ तालाब, रानी बांध, बेकर बांध, पंपू तालाब व मनईटांड़ छठ तालाब में छठ व्रती आते है पूजा करने के लिए।इसके साथ ही शहर के कई लोग कोरोना के कारण अपने घर के छत पर होद बनाकर अर्घ्य देंगे हैं।