Republic Day 2021: दुमका में मुख्यमंत्री ने ध्वजारोहण कर कहा, निजी क्षेत्र की नाैकरियों में 75 प्रतिशत पद स्थानीय को
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गणतंत्र दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड में मजबूत सरकार चल रही है। कहा कि झारखंड और झारखंड अस्मिता मेरे लिए सर्वोपरि है। सामाजिक न्याय के साथ एक सशक्त और विकसित झारखंड के निर्माण के लिए काम कर रहा हूं।
दुमका, जेएनएन। पूरे देश की तरह झारखंड में भी 72 वें गणतंत्र दिवस की धूम है। चारों तरफ गणतंत्र दिवस का जश्न-ए-बहारा है। झारखंड की उपराजधानी दुमका के पुलिस लाइन मैदान में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को 9 बजे ध्वजारोहण किया। इसके बाद उन्होंने परेड की सलामी ली। इस माैके पर विभिन्न विभागों की तरफ से झांकी निकाली गई। गणतंत्र दिवस समारोह में काफी संख्या में स्थानीय लोगों ने भाग लिया।
महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तीकरण सर्वोच्च प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने गणतंत्र दिवस पर राज्य की जनता को अपने संबोधन में कहा-हमारी सरकार गठन के उपरांत मंत्रिपरिषद् की प्रथम बैठक में ही हमने यह स्पष्ट संदेश दिया था कि महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तीकरण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य की महिलाओं के सशक्तीकरण हेतु 181 हेल्पलाइन की शुरूआत की गई है। इस हेल्पलाइन के द्वारा राज्य में किसी भी प्रकार के हिंसा से पीड़ित अथवा अन्य किसी भी परिस्थिति में फँसे महिला को अविलंब सहायता प्रदान किया जाएगा। हेल्पलाइन नंबर 181 एक एकीकृत हेल्पलाइन है, जो 24x7 कार्य करेगा। इसके माध्यम से महिलाओं को पुलिस, विधिक सहायता, मेडिकल, एम्बुलेंस सेवा जैसी आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध कराई जाएगी।
महिलाओं के लिए सखी वन स्टॉप सेंटर
महिलाओं को ये सारी सहायता एक स्थान पर ही उपलब्ध हो सके, इस उद्देश्य से 'सखी वन स्टॉप सेंटर' का संचालन राज्य के प्रत्येक जिले में किया जा रहा है। साथ ही इसके माध्यम से महिलाओं को विभिन्न सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी दी जाएगी। कहा कि महिलाओं के अवैध एवं अनैतिक व्यापार की रोकथाम, पीड़ितों के बचाव,पुनर्वास, पुनर्समेकण एवं स्वदेश वापसी सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है।इस निमित्त संचालित उज्जवला योजना अन्तर्गत पलामू प्रमंडल मुख्यालय (मेदिनीनगर) एवं उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल मुख्यालय(हजारीबाग) में उज्जवला होम स्थापित किया गया है।अन्य तीन प्रमंडल मुख्यालयों में उज्जवला होम शीघ्र चालू किये जायेंगे।
जनगणना में सरना कोड लागू करवाने के लिए सरकार प्रयासरत
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने सरना आदिवासी धर्म कोड को जनगणना में शामिल करने के लिए विधानसभा का एकदिवसीय विशेष सत्र बुलाकर प्रस्ताव पारित कर केन्द्र सरकार को भेजा है। हो, कुडुख एवं मुंडारी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए भी राज्य सरकार की तरफ से प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया है। कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए राज्य में करीब 2.57 लाख सखी मंडलों का गठन कर लगभग 32.2 लाख परिवारों को इससे जोड़ा जा चुका है। राज्य के विकास में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सखी मंडलों को करीब 726 करोड़ रूपये चक्रीय निधि, सामुदायिक निवेश निधि तथा 1824 करोड़ रूपये क्रेडिट लिंकेज के रूप में उपलब्ध कराया जा चुका है। इसके साथ ही आजीविका सशक्तिकरण हुनर अभियान के माध्यम से राज्य के 17 लाख परिवारों को आजीविका के सशक्त माध्यम से जोड़ा गया है।
12 हजार महिलाओं को हड़िया-दारू निर्माण से अलग कर आजीविका से जोड़ा
फुलो झानों आशीर्वाद अभियान के अन्तर्गत विगत चार माह में राज्य की करीब 12 हजार महिलाओं को हड़िया-दारू निर्माण एवं बिक्री के कार्य से मुक्त करा कर आजीविका के विभिन्न साधनों से जोड़ा गया है। सखी मंडलों द्वारा निर्मित उत्पादों को पलाश ब्राण्ड के जरिए एक नई पहचान देकर करीब दो लाख ग्रामीण महिलाओं की आमदनी में बढ़ोतरी सुनिश्चित किया जा रहा है। अब तक 29 लाख रुपये का कारोबार किया गया है। कहा कि सरकार गठन के उपरांत सभी विभागों के विभागवार समीक्षा के क्रम में मैंने यह महसूस किया कि राज्य सरकार को अपेक्षित राजस्व की प्राप्ति नहीं हो रही है। कई स्तरों पर नीतिगत पहल की आवश्यकता है, तो कई जगहों पर प्रशासनिक तंत्र को चुस्त-दुरूस्त कर राजस्व में वृद्धि की जा सकती है।मैंने सभी विभागों को स्पष्ट निदेश दिया है कि राजस्व प्राप्ति को दोगुना करने के लक्ष्य के साथ अविलम्ब कार्य प्रारम्भ कर दें। जहाँ कहीं भी आवश्यक हो, नई नीतियां बनायी जाए तथा वर्तमान में लागू अधिनियमों, नियमों, विनियमों में आवश्यकतानुसार संशोधन किया जाय। कहा कि सरकार निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत पदों को स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित करने जा रही है। राज्य के लोगों की भावना के अनुरुप हम नई स्थानीयता नीति परिभाषित कर रहे हैं। अल्पसंख्यक विद्यालयों में कर्मी की नियुक्ति के लिए नियमावली बनाई जा रही है। शिक्षक एवं पुलिस भर्ती के लिए जल्द नियमावली ला रहे हैं। बहुत सारे कार्य हैं, जिसे पूरा करते हुए राज्य को प्रगति के पथ पर आगे ले कर जाना है।
झारखंड में गणतंत्र दिवस की परंपरा
झारखंड में गणतंत्र दिवस की एक खास परंपरा है। यह कि मुख्यमंत्री राजधानी रांची के बजाय उपराजधानी दुमका में ध्वजारोहण करते हैं। जबकि राजधानी रांची में राज्यपाल द्वारा ध्वजारोहण किया जाता है। ध्वजारोहण का यह कार्यक्रम स्वतंत्रता दिवस पर बदल जाता है। स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री राजधानी रांची तो राज्यपाल दुमका में ध्वजारोहण करते हैं।
बिहार के जमाने से चली आ रही परंपरा
बिहार को विभाजित कर 15 नवंबर, 2000 को एक अलग झारखंड राज्य का निर्माण हुआ। झारखंड बनने से पहले रांची बिहार की उपराजधानी थी। 15 अगस्त पर पटना में मुख्यमंत्री तो रांची में राज्यपाल ध्वजारोहण करते थे। इसी तरह गणतंत्र दिवस पर पटना में राज्यपाल तो रांची में मुख्यमंत्री के ध्वजारोहण करने की बारी आती थी। अलग झारखंड राज्य बना तो रांची को राजधानी के साथ ही दुमका को उपराजधानी बनाया गया। साथ ही गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर बिहार के जमाने से चली आ रही ध्वजारोहण की परंपरा को अपना लिया गया।