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Cyber Crime Hub Jamtara: दाद देनी होगी इनकी कारामाती दिमाग की, ठगी के पैसे खपाने के लिए चुने हैं कई रास्ते; पढ़ें-डिटेल्स

जामताड़ा में करमाटांड़ कस्बा है। जिले में सबसे ज्यादा साइबर अपराधी यहीं से पकड़े जाते रहे हैैं। यहां के डी-टू-एच सर्विस प्रोवाइडर की मानें तो मेंटनेंस के लिए सबसे ज्यादा फोन करमाटांड़ और उसके आसपास के इलाकों से ही आते हैं। वहां डीटीएच ग्राहक बहुत ज्यादा है।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 10:20 AM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 10:20 AM (IST)
Cyber Crime Hub Jamtara: दाद देनी होगी इनकी कारामाती दिमाग की, ठगी के पैसे खपाने के लिए चुने हैं कई रास्ते; पढ़ें-डिटेल्स
साइबर ठगी के लिए जामताड़ा देशभर में बदनाम ( सांकेतिक फोटो)।

कौशल सिंह, जामताड़ा। पूरे देश में साइबर ठगी के लिए कुख्यात जामताड़ा के अपराधी ठगी के पैसों को किस तरह खपा रहे हैं, इसे इस इलाके में कराए गए डीटीएच रिचार्ज के आंकड़ों से भी समझ सकते हैं। आम तौर पर लोग अपने टीवी के डी-टी-एच रिचार्ज को महीने, दो महीने या एक साल के लिए करवाते हैं, लेकिन जामताड़ा में स्थिति अलग है। जामताड़ा जिला मुख्यालय से कोसों दूर की बस्तियों में कई घरों में डीटीएच का रिचार्ज पांच साल से 30 साल तक के लिए हो चुका है। करमाटांड़ में तो ऐसे डीटीएच धारकों की संख्या दो हजार से भी ज्यादा है। पूरे जिले व आसपास के इलाके को जोड़ लें तो यह संख्या पांच हजार के भी पार होगी। खास बात यह है कि लाखों रुपये देकर कई वर्षों का रिचार्ज एक साथ कराने वाले लोगों में ऐसे भी लोग है, जिनका नाम सरकारी दस्तावेजों में गरीबी रेखा से नीचे की सूची में है।

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30 साल तक के लिए करा चुके रिचार्ज

जामताड़ा, नारायणपुर और करमाटांड़ के कई केबल कारोबारियों ने बताया कि आज उनका कारोबार बहुत कमजोर हो गया है। एक दशक पहले एक-एक घर में ही तीन-तीन केबल कनेक्शन थे। हमारा कारोबार भी फल-फूल रहा था। जबसे साइबर अपराध के रास्ते से लोगों के पास अनाप-शनाप पैसे आए, तब से घर-घर डीटीएच कनेक्शन लग गए हैैं। इनका डीटीएच रिचार्ज भी एडवांस में ही अगले कई साल तक के लिए हो चुका है।

मरम्मत के लिए सबसे ज्यादा काल करमाटांड़ से

जामताड़ा में करमाटांड़ कस्बा है। जिले में सबसे ज्यादा साइबर अपराधी यहीं से पकड़े जाते रहे हैैं। यहां के डी-टू-एच सर्विस प्रोवाइडर की मानें तो मेंटनेंस के लिए सबसे ज्यादा फोन करमाटांड़ और उसके आसपास के इलाकों से ही आते हैं। वहां डीटीएच ग्राहक बहुत ज्यादा है।

दूसरों के नाम से भी कनेक्शन, फर्जी आइडी का खेल

लंबे समय तक का रिचार्ज कराने गए अधिकतर डी-टू-एच कनेक्शन फर्जी आइडी से खरीदे गए हैं। वहीं, ज्यादातर कनेक्शन आनलाइन लिए गए हैैं। कोशिश यही कि यदि जांच हो तो आसानी से पहचान न हो सके।

रिचार्ज की राशि या समयसीमा की कोई बाध्यता नहीं

इस संबंध में एयरटेल के डीटीएच डिस्ट्रीब्यूटर एमके भंडारी ने बताया कि कोई भी व्यक्ति पैसे देकर जितने दिनों के लिए चाहे, उतने दिनों का रिचार्ज करा सकता है। अपनी पसंद और क्षमता के मुताबिक डी-टू-एच की योजना का चयन कर सकते हैैं। इसमें फेरबदल भी कर सकते हैं। कोई ग्राहक अपनी इच्छा से 100 से लेकर लाखों रुपये तक का प्लान ले सकता है। कंपनी की ओर से इसमें किसी तरह की मनाही नहीं है। भुगतान आनलाइन और आफलाइन दोनों ही तरीके से किया जा सकता है। कंपनी के वालेट के जरिये भी आप आपने एकाउंट के मेन बैलेंस में जितनी चाहें, उतनी राशि डाल सकते हैंं। आपके प्लान और उपयोग की राशि उस बैलेंस से कटती रहती है। शेष पैसे आपके वालेट के खाते मेें जमा रहते हैैं।

मामले की जानकारी नहीं है। इस तरह से साइबर अपराध की कमाई को खपाया गया है तो इसकी विवरणी निकालकर जांच कराई जाएगी।

-हरेंद्र कुमार, इंस्पेक्टर, साइबर थाना, जामताड़ा।


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