Move to Jagran APP

Weekly News Roundup Dhanbad: राजधानी एक्सप्रेस में ऊपर व नीचे दोनों सीटों पर कोरोना, फिर भी टनाटन हैं कानपुर के तिवारी जी

नई दिल्ली से सियालदह राजधानी एक्सप्रेस चली तो उसमें कानपुर के एक तिवारी जी सवार हुए। ट्रेन में उनके पास कोरोना के दो यात्री भी थे उनके पास। तिवारी जी की जांच हुई तो फिट निकले।

By Sagar SinghEdited By: Published: Tue, 31 Mar 2020 05:17 PM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2020 05:22 PM (IST)
Weekly News Roundup Dhanbad: राजधानी एक्सप्रेस में ऊपर व नीचे दोनों सीटों पर कोरोना, फिर भी टनाटन हैं कानपुर के तिवारी जी
Weekly News Roundup Dhanbad: राजधानी एक्सप्रेस में ऊपर व नीचे दोनों सीटों पर कोरोना, फिर भी टनाटन हैं कानपुर के तिवारी जी

नबाद, [अश्विनी रघुवंशी]। 19 मार्च को नई दिल्ली से सियालदह राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन चली तो उसमें कानपुर के एक तिवारी जी सवार हुए। धनबाद स्टेशन पर उतरे। बोकारो जाकर पांडेय जी से मिले। फिर कानपुर रवाना। क्लाइमेक्स दस दिन के बाद शुरू होता है। यह बात सामने आती है कि उस ट्रेन में सफर कर रहे पश्चिम बंगाल के चार यात्रियों को कोरोना था। उन यात्रियों के नजदीक सफर करने वालों की सूची खोजी गई तो कनपुरिया तिवारीजी का नाम आया।

loksabha election banner

ऊपर सीट पर कोरोना, नीचे सीट पर भी कोरोना, बीच में तिवारी जी। रुकिए....अभी इस कहानी में और सस्पेंस बाकी है। सामने की बीच सीट पर जो यात्री सफर कर रहा था, उसे भी कोरोना। ठीक बगल के कूपे में भी एक कोरोना पीड़ित। तिवारी जी वापस कानपुर पहुंच चुके हैं। दस दिन गुजर चुके हैं। तिवारी जी टनाटन है। उनके कारण कोरोना को रोना आ रहा है।

शादी कराइए, सुरक्षा मुफ्त : एक थानेदार हैं। बाबू साहब। बैंकों से बढिय़ा ताल्लुकात हैं। धनवान जो हैं। धनवान लोग रिश्तेदार के नाम पर निवेश करते हैं। थानेदार ने भी रिश्तेदार के नाम पर मैरेज हॉल बना दिया। नेशनल हाईवे पर। दूल्हा-दूल्हन के साथ बाराती एवं घराती की सुरक्षा की पूरी गारंटी। आखिर इस मैरेज हॉल पर थानेदार का चस्पां लगा हुआ है। बुकिंग भी होती है खूब।

थानेदार साहब साइबर अपराध के कम, मगर साइबर अपराधियों के खूब जानकार है। कभी कभार होटलों की सैर कर लेते हैं। मगर वो मजा नहीं मिल पाता। इतनी सारी खूबी के बीच रहने के  बावजूद थानेदार उबने भी लगे हैं। उन्हें मैथन एवं पंचेत डैम से गुजरने वाली शुद्ध हवा की जरुरत है। अगर वहां रहेंगे तो कभी कभार बंगाल के सीमावर्ती इलाके का भ्रमण करने का अवसर भी मिल जाएगा। बंगाल से होकर जो हवा आती हैं, उसकी तासीर ही अलग है।

नहीं चाहिए मुर्गा ना मटन : कृषि एवं पशुपालन सचिव पूजा सिंघल को शिकायत मिली कि पूरे झारखंड में पुलिस वाले न मुर्गा बिकने दे रहे हैं, न मटन। अंडा मिलना तक मुहाल हो चुका है। पूजा सिंघल को मांसाहारी या सर्वाहारी लोगों की चिंता हुई कि आखिर 21 दिनों तक वे लोग कैसे अपनी जीभ को काबू में रख पाएंगे। निकल गया ऑर्डर कि पुलिस न मुर्गा बिकने से रोक सकती है, न मटन। सोशल मीडिया पर भी खूब हो गया प्रचार।

दो चार लोग मटन लेने के ख्याल से स्टील गेट के बाजार में गए। मटन की पांच दुकानें पंक्तिबद्ध तो मुर्गे की दस। बहुत भटकने के बाद एक इंसान मिला। बोला कि वह मटन काट कर जीविका चलाता है। चेती नवरात्रि में दुर्गा मइया कोरोना का संहार करेगी। न बेच रहे हैं, न खुद खा रहे हैं। नवरात्रि खत्म होने पर देखा जाएगा, तब एकाध दिन आइएगा।

पुलिस की जय हो भइया : कोरोना का भला हो जो उसने पुलिस की जय जयकार शुरू करा दी है। बदनाम पुलिस। बगैर हेलमेट के जा रहे हैं तो सिपाही ने रोक लिया, पर्चा थाम लिया या खुद हरा, पीला, गुलाबी नोट थाम लिया। पुलिस का नाम सुना नहीं कि पब्लिक के चेहरे की भाव भंगिमा हो गई खराब। कोरोना तो पुलिस से भी डरावना निकल गया है। नाम सुनते ही पेंट ढीली। अब सड़क पर पुलिस वाले दिख रहे हैं।

कोयला चुनने का मौका नहीं मिल रहा है तो हजारों लोगों के लिए थानों में लजीज व्यंजन हाजिर। कोई बीमार हो गया तो पीएमसीएच ले जाने के लिए एंबुलेंस मंगाने में भी पुलिस तत्पर। एसएसपी किशोर कौशल रोजाना छह से आठ घंटे सड़क पर। झरिया में एक बुढ़िया ने पेट भर खाने के बाद थानेदार डॉक्टर प्रमोद सिंह को आशीर्वाद दिया तो उनके मुंह से अनायास निकल पड़ा, जय हो कोरोना।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.